Class 12th Hindi Book Solution Chapter 6 एक लेख और एक पत्र Subjective
पाठ – 6
शीर्षक : एक लेख और एक पत्र
लेखक : भगत सिंह
जन्म : 28 दिसम्बर 1907
मुत्यु : 23 मार्च 1931
निवास स्थान : बंगा चक्क न. 105 गुगैरा लायलपुर
प्रश्न 1.भगत सिंह कैसे देश सेवको की जरूरत महसूस करते है ?
उत्तर –जो तन मन धन देश पर अर्पित करें, और पागलों की तरह सारी उम्र देश में लगा दे, ऐसे लोगों की जरूरत भगत सिंह महसूस करते हैं |
प्रश्न 2.कैसी मृत्यु को भगत सिंह आदर्श मुत्यु मानते हैं ?
उत्तर –संघर्ष में मरना एक आदर्श मृत्यु है |
प्रश्न 3.विद्यार्थियों को राजनीति में भाग क्यों लेना चाहिए ?
उत्तर –विद्यार्थी देश के कर्णधार होते हैं, आने वाले समय में उन्हें देश की बागडोर अपने हाथों में लेनी है, उन्हें देश की समस्याओं और सुधार में हिस्सा लेना है,
प्रश्न 4.भगत सिंह की विद्यार्थियों से क्या अपेक्षाएं हैं ?
उत्तर –भगत सिंह कहते हैं कि हिंदुस्तान को वैसे देश सेवकों की जरूरत है, जो तन मन धन को अर्पित कर दे सारी उम्र देश की आजादी के लिए या देश के विकास पर निछावर कर दे, यह कार्य सिर्फ विद्यार्थी ही कर सकते हैं, विद्यार्थियों को जरूरत पड़े, तो देश के लिए अपने प्राण को भी निछावर कर देना चाहिए, यही अपेक्षा विद्यार्थियों से भगत सिंह को है |
प्रश्न 5.एक लेख और एक पत्र कहानी का सारांश लिखें ?
उत्तर –भगत सिंह विद्यार्थी और राजनीति के माध्यम से बताते हैं, कि विद्यार्थी को पढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक में भी भाग लेना चाहिए,
यदि कोई इसे माना कर रहा है तो समझना चाहिए, यह राजनीति के पीछे घोर षड्यंत्र है, क्योंकि विद्यार्थी युवा होते हैं, उन्हीं के हाथ में देश की बागडोर है, भगत सिंह व्यवहारिक राजनीति का उदाहरण देते हुए, नौजवानों को यह समझाते हैं, कि महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चंद्र बोस का स्वागत करना, और भाषण सुनना या व्यवहारिक राजनीतिक नहीं है, तो और क्या है भगत सिंह मानते हैं, कि हिंदुस्तान को इस समय से देश सेवकों की जरूरत है, जो तन मन धन को देश के प्रति अर्पित कर दे, और पागलों की तरह सारी उम्र देश की आजादी या उसके विकास में निछावर कर दे, क्योंकि विद्यार्थी देश दुनिया के हर समस्याओं से परिचित होते हैं, उनके पास अपना विवेक होता है, वह इन समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकते हैं, अतः विद्यार्थी को राजनीतिक में भाग लेना चाहिए |
प्रश्न 6.भगत सिंह के इस पत्र से उनकी गहन वैचारिक अर्थात वादी दृष्टि का मिलता है पत्र के आधार पर इसकी पुष्टि कीजिए ?
उत्तर –भगत सिंह ने इस पत्र में तीन-चार सवालों पर विचार किया है, जिनमें आत्महत्या जेल जाना कष्ट सहना मुत्युदंड और रूसी साहित्य है,
भगत सिंह के आत्महत्या के संबंध में विचार है, की केवल कुछ दुखो से बचने के लिए अपने जीवन को समाप्त कर लेना कहाँ तक सही है, एक क्षण में समस्त पुराने अर्जित मूल को खो देना मुर्खता है, अतः व्यक्ति को संघर्ष करना चाहिए भगत सिंह कहते हैं, कि हमें कष्ट सहने से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि बिपतिया ही व्यक्ति को पूर्ण बनाता है, भगत सिंह का विचार है, कि केवल बिपतिया सहन करने से साहित्य उल्लेख ने ही स्धाद्यता गहरी तिस और उनके चरित्र और साहित्य में उचिया उत्पन्न की है, इसप्रकार हम पाते है, की भगत सिंह की व्याचारिकता घरातल पर टिकी हुई आजीवन संघर्ष का सन्देश देती है |
भगत सिंह के आत्महत्या के संबंध में विचार है, की केवल कुछ दुखो से बचने के लिए अपने जीवन को समाप्त कर लेना कहाँ तक सही है, एक क्षण में समस्त पुराने अर्जित मूल को खो देना मुर्खता है,