इतिहास 12 वीं क्लास नोट्स hindi|12th
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history important notes|इतिहास 12 वीं क्लास नोट्स | Bihar Board 12th Class History Chapter 5 Subjective Solution Notes In hindi
Bihar Board 12th Class History Chapter 5
प्रश्न 1. संथाल विद्रोह क्या है ?
उत्तर – संथाल विद्रोह 1855-56 ई. में अंग्रेज के विरुद्ध भारत के झारखण्ड के संथाल आदि वासियों नए किया था, यह विद्रोह जंगल काटी के विरोध मठ संथाल आदिवासियों की उस समय रोजी रोटी का मुख्य पेशा वन्य की कटाई करना था, अंग्रेज नए इस वन की कटाई पर रोक लगा डी जिसके कारण यह विद्रोह हुआ |
प्रश्न 2. बलवन की उपलब्धियों का वर्णन करे ?
उत्तर – बलवन का वास्तविक नाम बाहाउदिन था बलवन दिल्ली सल्तनत के राजा इल्तुतमिश का गुलाम था, बलवन 1266 ई. में गियासुदीन के नाम से दिल्ली की गाड़ी पर बैठा था, तुकारन्ये चाहिल्गानी का विकास बलवन नए ही किया था, बलवन गुलाम वंश का रजा था वह मुगोलो के आक्रमण से दिल्ली की वृद्धि करने में सफल रहां वह राज दरबार में सिजिदा तथा पाबोस प्रथा की शुरुआत किया था, बलवन नए फारसी रीती रिवाज पर आधारित नौरोज उत्सव को शुरू किया तथा अपने विरोधियो के प्रति लौह एवं रक्त की निति का पालन किया |
प्रश्न 3. रौलेट एक्ट क्या है ?
उत्तर – रौलेट एक्ट एक ऐसा कला कानून है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को संका के आधार पर गिरफ्तार करके बिना मुकादमा चलाए जेल में डाल दिया जाता था, ऐसे काला कानून को ही भारतीय इतिहास में रौलेट एक्ट कहा जाता है |
प्रश्न 4. अविनय अवज्ञा आन्दोलन क्या है ? आथवा गांधीजी का दांडी मार्च यात्रा का वर्णन करे ?
उत्तर – 1930 ई. में गांधीजी के द्वारा दांडी यात्रा के साथ ही सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू किया गया, गांधीजी अपने 78 साथियो के साथ 12 मार्च 1930 ई. को दांडी के लिए चलना शुरू किए, तथा 24 दिन पैदल चलने के बाद 6 अप्रैल 1930 को वे दांडी पहुचंकर, अपने हाथो से नामक बनाकर नामक कानून को भंग किया, उस समय अंग्रेज नामक पर भी टेक्स लगा दिए थे, जिसके विरोध में यह दांडी मार्च हुआ |
प्रश्न 5.भारत छोडो आन्दोलन क्या है संक्षिप्त में वर्णन करे ?
उत्तर – गांधीजी ने 1942 में भारत छोडो आन्दोलन शुरू किए थे, इसी आन्दोलन में गांधीजी करी या मरो का नारा दिए थे, इस आन्दोलन के तहत पुरे भारत में चारो तरफ धरना प्रदर्शन तथा बेराव तथा त्लाबंदी किया गया था, इस आन्दोलन का नेतृत्व स्वयं गांधीजी नए किया था इस आन्दोलन का प्रभाव इतना तेज था, की इससे अंग्रेज डर गए और भारत को आजादी देने का मन बना लिया |
प्रश्न 6. चन्द्रशेखर आजाद का संक्षिप्त परिचय दे ?
उत्तर – चन्द्रशेखर आजाद भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के महान क्रन्तिकारी नेता थे उनका जन्म 1906 में हुआ था, अंग्रेजो नए इनको जिन्दा या मुर्दा पकड़ने का एलान किया था, ये इलाहाबाद के अल्फ्रेंड पार्क में अपनी अंतिम गोली खुद मारकर शहीद हो गए, लेकिन अंग्रेजो की जीते जी नहीं पकड़ने दिए |
प्रश्न 7.स्वराज पार्टी या स्वराज दल क्या है ?
उत्तर – स्वराज पार्टी की स्थापना चोर चौरी हत्याकांड के बाद 1923 में मोतीलाल नेहरु और चिरंजन दास के द्वारा किया गया था, इन दोनों व्यक्ति में गांधीजी का इस बात का विरोध किया था, की उनको असहयोग आन्दोलन आस्थगित नहीं करना चाहिए |
प्रश्न 8.1857 के क्रांति के प्रभावों का वर्णन करे ?
उत्तर – 1857 के क्रांति के निम्नलिखित प्रभाव थे जो इस प्रकार से है :-
क. भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के आरम्भ का अंत हो गया
ख. अब भारत का शासन व्यवस्था इंग्लैण्ड के महारानी के हाथो से चला गया
ग. अंग्रेज अपने सीमा विस्तार के निति को छोड़ दिया
घ. अंग्रेज नए हिन्दू मुस्लिम एकता को तोड़ने के लिए फुट डालो और शासन करो की निति अपनाने लगे थे |
क. भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के आरम्भ का अंत हो गया
ख. अब भारत का शासन व्यवस्था इंग्लैण्ड के महारानी के हाथो से चला गया
ग. अंग्रेज अपने सीमा विस्तार के निति को छोड़ दिया
घ. अंग्रेज नए हिन्दू मुस्लिम एकता को तोड़ने के लिए फुट डालो और शासन करो की निति अपनाने लगे थे |
प्रश्न 9.1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारण क्या थे ?
उत्तर – 1857 के सिपाही विद्रोह के तात्कालिक कारण में गाय और सूअर के चरबी का कारतूसो में प्रयोग करना गोली चलाने से पहले सैनिक इन कारतूसो को मुहं से खीचते थे, जो दोनों धर्मो के विरुद्ध था, इसी पर हिन्दू मुश्लिम नए अपना गुस्सा अंग्रेजो पर 1857 में सिपाही विद्रोह के रूप में उतारा था |
प्रश्न 10.जजिया कर क्या है ?
उत्तर – जजिया कर एक प्रकार का धार्मिक कर होता था, जो सिर्फ हिन्दुओ से वसूल किया जाता था, हिन्दुओ में भी यह कर स्त्री बच्चो विकलांगो एवं ब्राह्मण से नहीं लिया जाता था, इस कर को पहली बार फिरोजशाह तुगलक नए लगाया था, तथा अकबर 1564 ई. में जजिया कर को समाप्त कर दिया था, औरंग्जेब पुनः अपने शासन काल में इस कर को लागू कर दिया था |
प्रश्न 11.बंगाल विभाजन क्या है सुः स्पष्ट करे ?
उत्तर – अंग्रेज के समय में अर्थात 1905 ई. में लौर्ड कर्जन नए बंगाल को दो भागो में बांट दिया एक पूर्वी बंगाल दूसरा पश्चिमी बंगाल अंग्रेज से जब पूछा गया, की इन्होने बंगाल विभाजन क्यों किया, तो उनका जबाब था, की बंगाल एक बहुत बड़ा प्रान्त है शासन कर्मे में नहीं बनता है, इसलिए बंगाल का विभाजन कर दिया गया, लेकिन सच्चाई कुछ और था फुट डालो और राज करो निति के तहत बंगाल का विभाजन किया गया था |
प्रश्न 12.कांग्रेस में उदारवासियों की क्या भूमिका थी ?
उत्तर – 1907 ई. में सुरत में कांग्रेस के अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी में फुट पड़ गई, अर्थात कांग्रेस दो भागो में बट गया एक उदारवादी तथा दूसरा उग्रवादी उदारवादी को नर्म दल तथा उग्रवादी को गरम दल के नाम से जाना जाता था, उदारवादियो का कहना था, की भारत में अंग्रेजो का राज रहेगा, सिर्फ हमारे समस्याओं का समाधान होते रहे, इस विचार के मानने वाले नेता का नाम गोपालकृष्ण गोखले दादा भाई नौराजी सुरेन्द्रनाथ बनर्जी आदि, दूसरी अत्र्फ़ उग्रवादियों का मानना था, की अंग्रेजो को भारत से भगाना है, अंग्रेज का राज अब भारत में नहीं चलेगा उग्रवादी नेता के नाम लालबालपाल आदि |
प्रश्न 13.खिलाफत आन्दोलन क्या है ?
उत्तर – प्रथम विश्वयुद्ध में इंग्लैण्ड की जीत हुई थी और तुर्की के राजा की हार हुई थी, उस समय के तुर्की के राजा को खलीफा कहा जाता था, यह खलीफा पुरे दुनिया के मुसलमानों के लिए धर्म गुरु माना जाता था , इस खलीफा को अंग्रेजो नए काफी अपमानित किया था, तथा खलीफा पद को ही समाप्त कर दिया था, इसी के विरोध में भारतीय मुसलमानों में गांधीजी का साथ देकर अंग्रेजो के खिलाफ जो आन्दोलन चलाया उसे खिलाफत आन्दोलन के नाम से जानते है |
प्रश्न 14.माउंट बेंटेन योजना क्या है ?
उत्तर – भारत का विभाजन 1947 ई. में माउंट बेटेन योजना के ठाट हुआ था, पहला भारत दूसरा पाकिस्तान इस योजना में यह छुट दिया गया था, की कोई भी व्यक्ति जाहा चाहे जा सकता है, अर्थात जिसको भारत में रहना है, तो भारत में रहे या जिसको पाकिस्तान में जाना है, वे पाकिस्तान जाए इस योजना को 14 अप्रैल 1947 को अंतिम रूप दे दिया गया |
प्रश्न 15.संघ सूचि तथा राज्य सूचि तथा समवर्ती सूचि क्या है ?
उत्तर – भारतीय सविधान के अनुच्छे एक में कहा गया है, की भारत राज्यों का एक संध होगा यहाँ पर दो तरह की सरकारे होंगी, एक संघ सरकार और दूसरा राज्य सरकार केंद्र और राज्यों के बिच शक्तियों या विभाजन के लिए तीन सूचिया बनाई गई है जो इस प्रकार से है :-
क. संघ सूचि :- संघ सूचि में राष्ट्रीय महत्व के विषय आते है, जैसे रक्षा मुद्रा डाक टेलीफ़ोन विदेशी सम्बन्ध बैंक आदि संघ सूचि में कुल विषय है |
ख. राज्य सूचि :- राज्य सूचि में राज्य के महत्व से सम्बन्धित विषय को रखा गया है, जैसे चिकित्सा कानून व्यवस्था पुलिस जेल आदि राज्य सूचि में है |
ग. समवर्ती सूचि :- समवर्ती सूचि में वैसे विषय को रखा गया है, जो विषय न तो राज्य सूचि में और नाही संघ सूचि में है, जैसे :- कारखाना परेश विवाह तलाक आदि समवर्ती सूचि में है |
प्रश्न 16.भारतीय सविधान की मुख्य विशेषताएँ बताइए ?
उत्तर – भारतीय सविंधान की निम्नलिखित विशेषताए है जो इस प्रकार से है :-
क. भारतीय सविधान दुनिया का सबसे बड़ा लम्बा चौड़ा तथा विस्तृत सविधान है |
ख. भारतीय स्विन्हन समाजवादी धर्मनिरपेक्ष तथा लोक तंत्रात्मक राज्य की स्थापना करता है |
ग. भारतीय सविंधान राज्य की देश के सभी कानूनों का स्रोत है |
घ. भारतीय सविंधान जनता का अपना सविंधान है |
क. भारतीय सविधान दुनिया का सबसे बड़ा लम्बा चौड़ा तथा विस्तृत सविधान है |
ख. भारतीय स्विन्हन समाजवादी धर्मनिरपेक्ष तथा लोक तंत्रात्मक राज्य की स्थापना करता है |
ग. भारतीय सविंधान राज्य की देश के सभी कानूनों का स्रोत है |
घ. भारतीय सविंधान जनता का अपना सविंधान है |
प्रश्न 17.असहयोग आन्दोलन क्या है ?
उत्तर – 1920 ई. में गांधीजी जालियावाला बाग़ हत्याकांड के विरोध में असहयोग आन्दोलन चलाया था, इस आन्दोलन में गांधीजी कहा था, यह आन्दोलन चलता रहेगा लेकिन कही भी अहिंसा बही होनी चाहिए, लेकिन इसी बिच 1922 ई. में चौरा-चौरी हत्याकांड की घटना हो गयी, जिसके कारण इस आन्दोलन को आस्थगित कर दिया गया |
प्रश्न 18.चंपारण आन्दोलन से क्या समझते है ?
उत्तर – 1917 ई. में गांधीजी चंपारण से अपना सत्याग्रह शुरू किया था, यह सत्याग्रह अंगेजो के विरोध अहिंसा पर आधारित था, गांधीजी को चम्पारण लाने का श्रेय राजकुमार शुक्ल तथा डॉकटर राजेंद्रे प्रसाद को जाता है, गांधीजी का चमपर्ण आने का मुख्य उदेश्य था, अंग्रेजो के द्वारा चम्पारण के निवासियों का आर्थिक शोषण करना इसी शोषण के विरोध में गांधीजी सत्याग्रह शुरू किए थे ,और गांधीजी के प्रयास से ही यहाँ पर तीन कठिया प्रथा समाप्त हुआ तथा भू-स्वराज किसानो से माफ़ हुआ |
प्रश्न 19. स्वतन्त्रता आन्दोलन में गांधीजी की भूमिका का वर्णन करे ?
उत्तर – भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में गांधीजी की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है, गांधीजी ने चम्पारण सत्याग्रह चलाए थे, दूसरा आन्दोलन गांधीजी जालियावाला बाग़ हत्या कांड के विरोध में 1920-22 में असहयोग आन्दोलन शुरू कर सविनय अवज्ञा आन्दोलन चलाए थे, गांधीजी अंतिम आन्दोलन 1942 का भारत छोडो आन्दोलन था इसी आन्दोलन में इन्होने करो या मरो का नारा दिए थे, सचमुच आजादी दिलाने में गांधीजी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है |
प्रश्न 20. कनिष्क की उपलब्धियों का वर्णन करे ?
उत्तर – चीन का महान दीवार बनाने के कारण हुनु अपने पड़ोसी क्सिले को पश्चिम की ओर खदेड़ दिया था, कुसान इसी कबीले की एक शाखा थी 1500 ई. से 1565 ई. के बिच में सुसान वंश की स्थापना की गई थी, इस कुसान वंश के सबसे प्रतापी तथा महान राजा कनिष्क हुआ था, जो 78 ई. में कुसान वंश का राजा बना था, कनिष्क 78 ई. से लेकर 101 ई. तक शासन किया कनिष्क ही कश्मीर में कनिष्कपुर नामक एक जगह बसाया कनिष्क सम्राज्य के पतन के बाद ही गुप्त वंश का उदय हुआ |
कनिष्क की उपलब्धियाँ :- कनिष्क की निम्नलिखित उपलब्धियां थी जो इस प्रकार से है :-
कनिष्क की उपलब्धियाँ :- कनिष्क की निम्नलिखित उपलब्धियां थी जो इस प्रकार से है :-