12th History Arts Subjective Solution ncert Notes|Bihar Board History Class 12 Chapter 4|Pdf Notes History 12th Class| 12th History TextBook In Hindi|कक्षा 12 इतिहास Sloution Notes For In HIndi\Bihar Board Class 12 History Chapter 4 Solution इतिहास | Class 12th History Subjective Chapter 4 Solution Bihar Board,
Class 12th History Subjective Chapter 4 Solution Bihar Board,
प्रश्न 1. विजयनगर सम्राज्य का स्थापना कला के विषय में लिखे ?
उत्तर – विजयनगर सम्राज्य में स्थाप्य कला के तहत भवन निर्माण कला मंदिर दुर्ग स्तूप आदि आते है,, विजयनगर सम्राज्य में सबसे प्रसिद्ध मिन्दिर विठल का मंदिर है,, इस मंदिर में भगवान विष्णु की मुर्तिया है यह मंदिर 1500 फुट लम्बे और 310 फुट चौड़े क्षेत्रो में फैला हुआ है, इस मंदिर का निर्माण देवराय द्रितीय के समय में हुआ था,, इसके साथ ही इस सम्राज्य में भवन निर्माण कला का भी काफी विकास हुआ जिसका अवशेष आज भी मौजूद है |
प्रश्न 2. विजयनगर सम्राज्य की स्थापना किसने की और कैसे की गई तथा इसकी विशेषता बताइए ?
उत्तर – विजयनगर सम्राज्य की स्थपना 1336ई. में हरिहर एवं बुक्का के द्वारा की गई थी,, यह विजयनगर सम्राज्य दक्षिण भारत में स्थापित किया गया था,, विजयनगर सम्राज्य शुद्ध रूप से हिन्दू सम्राज्य था,, इस सम्राज्य के सबसे महानतम राजा कृष्ण देवराय थे , विजय नगर सम्राज्य की निम्नलिखित विशेषताएं है जो इस प्रकार से है :-
क. विजयनगर के राजाओ ने स्थापत्य कला के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया |
ख. इसका विकास दक्षिण भारत में हुआ है |
ग. इस शैली के सर्वोतम उदाहरणों में देवराय द्रिवितीय द्वारा निर्मित हजारा मंदिर और कृष्ण देवराय द्वारा निर्मित विठल स्वामी के मंदिर के नाम लिया जा सकता है |
घ. विजयनगर स्थापत्य शैली की मुर्तिया और स्तम्भ एक ही पत्थर को काटकर बनाया जाता था |
क. विजयनगर के राजाओ ने स्थापत्य कला के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया |
ख. इसका विकास दक्षिण भारत में हुआ है |
ग. इस शैली के सर्वोतम उदाहरणों में देवराय द्रिवितीय द्वारा निर्मित हजारा मंदिर और कृष्ण देवराय द्वारा निर्मित विठल स्वामी के मंदिर के नाम लिया जा सकता है |
घ. विजयनगर स्थापत्य शैली की मुर्तिया और स्तम्भ एक ही पत्थर को काटकर बनाया जाता था |
प्रश्न 3. चिश्ती सम्प्रदाय के चार संतो के नाम लिखे ?
उत्तर – चिश्ती सम्प्रदाय के चार संत निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है :-
i. शेख मुइनीदिन
ii. शेख मिजामुइनुदीन
iii. कुतुब्दीन बक्तियारकाकी
iv. शेख न्सुरदीन
i. शेख मुइनीदिन
ii. शेख मिजामुइनुदीन
iii. कुतुब्दीन बक्तियारकाकी
iv. शेख न्सुरदीन
प्रश्न 4. सूफीवाद क्या है ?
उत्तर – सूफीवाद अरबी भाषा के सुफ़ से बना जिसका अर्थ होता है,, उन ईरान के साधू संत ऊनि वस्त्र को त्याग कर जीवन की विरासिता से दूर रहने की बात कही,, सूफीवाद भक्ति का एक धर्म है,, जिसके तहत कविता संगीत नृत्य आता है,, तथा उनकी आराधना करना ही अपना धेम मानते है |
प्रश्न 5. भक्ति आन्दोलन क्या है ?
उत्तर – भारत में मध्यकाल के इतिहास में भक्ति आन्दोलन चलाया गया था,, कबीर गुरुनानक मीराबाई चैतन्य महाप्रभु आदि,, भक्ति आन्दोलन में जात-पात का विरोध किया साथ ही भगवान् राम और कृष्ण को लोग ज्यादा मानते थे |
प्रश्न 6. चिश्ती सम्प्रदाय क्या है ?
उत्तर – चिश्ती सम्प्रदाय को भारत में आगे बढाने का काम मुईनुद्दीन रवाजा चिश्ती को है,, इन्होने चिश्ती सम्प्रदाय के माध्यम से भारत में धार्मिक भवनाओं को तथा भक्ति आन्दोलन का आगे बढ़ाने का काम किया |
प्रश्न 7. बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था क्या ?
उत्तर – बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था को स्थापित करने, का लौर्ड क्लाईव को वहाँ पर दोहरी शासन व्यवस्था का अर्थ होता है,, दो तरह के सरकारे
i. एक सरकार चलाने की जिम्मेवारी
ii. सरकार के लिए राजस्व वसूलने की जिम्मेवारी , राजा कोई स्थानीय व्यक्ति होता था,, जबकि कर वसूलने का काम अंग्रेज के आदमी करते थे,, इस व्यवस्था से बुरा परिणाम निकला और बाद में जाकर इसको बंद कर दिया गया |
i. एक सरकार चलाने की जिम्मेवारी
ii. सरकार के लिए राजस्व वसूलने की जिम्मेवारी , राजा कोई स्थानीय व्यक्ति होता था,, जबकि कर वसूलने का काम अंग्रेज के आदमी करते थे,, इस व्यवस्था से बुरा परिणाम निकला और बाद में जाकर इसको बंद कर दिया गया |
प्रश्न 8. अलबुकर की महत्वपूर्ण भूमिका भारत में क्या है ?
उत्तर – भारत में पुर्तगालियो की शासन व्यवस्था को स्थापित करने में अलपुकर की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है,, भारत में प्रथम युरेपियन जो भारत आया था,, इसमें पुर्तगाल वासियों के नाम सबसे ऊपर है,, भारत के प्रथम युरेपियन जो भारत आया था,, इसमें पुर्तगाल वासियों के नाम सबसे ऊपर है,, भारत के प्रथम पुर्तगाली गवर्नर जनरल अलबुकर ही था |
प्रश्न 9. अलबरूनी के बारे में क्या जानते है संक्षिप्त परिचय दे ?
उत्तर – अलबरूनी का पूरा नाम अब्बू रेहान मुहम्मद यवन अहमद था,, इसका जन्म ईरान में 973 में हुआ था 1017 में मुहम्मद गजनवी ने रत्वाजिम पर आक्रमण कर उसने अपने अधिकार में ले लिया था, रत्वाजिम से वह अपने साथ वहां के सभी विद्वानों को भी ले गया,, उसमे से अलबरूनी भी एक था,, गजनवी में रहते हुए,, अलबरूनी बहुत से किताबो का कई भाषा में अनुवाद किया,, उन्होंने अरबी भाषा में कई पुस्तके लिखी जिसमे से प्रमुख या किताब उल-हिन्द एक है,, 70 वर्ष की अवस्था में उनकी मुत्यु हो गई |
प्रश्न 10. भूमि का स्थाई बंदोबस्त या स्थाई बंदोबस्त से कम्पनी को क्या लाभ हुआ ?
उत्तर – 1793 में कार्नवालिस नए बंगाल बिहार तथा उड़ीसा में भूमि का स्थाई बंदोबस्त लागू किया,, इस व्यवस्था के अंतर्गत जमींदार को भूमि का स्थाई स्वामी बना दिया गया,, इस प्रकार जमींदारो का भूमि पर पैतृक अधिकार हो गया,, भूमि के स्थाई बंदोबस्त से कंपनी को निम्नलिखित लाभ हुआ,, जो इस प्रकार से है :-
क. स्थाई बंदोबस्त से कुछ समय के लिए बंगाल की आर्थिक स्थिति में सुधर हो गया
ख. कम्पनी के निकट आर्थिक और अस्थिता की स्थिति समाप्त हो गई, और कंपनी की आय निश्चित हो गई
ग. इस व्यवस्था से जमींदार को काफी लाभ हुआ
क. स्थाई बंदोबस्त से कुछ समय के लिए बंगाल की आर्थिक स्थिति में सुधर हो गया
ख. कम्पनी के निकट आर्थिक और अस्थिता की स्थिति समाप्त हो गई, और कंपनी की आय निश्चित हो गई
ग. इस व्यवस्था से जमींदार को काफी लाभ हुआ
प्रश्न 11. रैयता बाड़ी व्यवस्था क्या है ?
उत्तर – रैयत बाड़ी व्यवस्था भूमि से सम्बन्धित एक समझौता था ,, जो अंग्रेजो एवं किसानो के 1792 को की गई यह व्यवस्था सबसे पहले मद्रास प्रेसेडेसी में लागु की गई थी ,, इस व्यवस्था के तहत भूमि कर को वसूलने के लिए कोई जमींदार नहीं होते थे,, इसके तहत किसान स्वयं कंपनी के यहाँ जाकर उपज का आधा हिस्सा दे देता था |
प्रश्न 12. महालवाडी व्यवस्था क्या है ?
उत्तर – महालवाडी भी किसानो एवं कंपनी के बिच भूमि राजस्व के बटवारे को लेकर एक समझौता थी,, इसके तहत पुरे गाँव का भूमि कर एक व्यक्ति सबसे वसूल क्र कम्पनी को पंहुचा देता था,, कोई भी किसान भू राजस्व नहीं देता था,, तो उसकी जमीन को छिनकर दुसरे को दे दिया जाता था |
प्रश्न 13. मंसबदारी व्यवस्था क्या है ?
उत्तर – मुगलकाल में यह मंसब दारी व्यवस्था काफी प्रचलित था ,, मंसब दारी व्यवस्था भी भूमि से सम्बन्धित शब्द है,, इस व्यवस्था में जात एवं सवार का महत्वपूर्ण स्थान होता था ,, यहाँ पर जात का मतलब होता था,, किसी व्यक्ति को कोई उपाधि देना यह जात उस व्यक्ति के पद और वेतन के सूचक होते थे ,, साथ ही संवर का मतलब होता था,, उन सब मंसब दारो के पास कितनी मात्रा में घुड़सवार है |
प्रश्न 14. 1857 के सिपाही विद्रोह के स्वरूप को लिखे ?
उत्तर – 1857 ई. के विद्रोह के स्वरूप के बारे में विद्वानों में विद्रोह है,, कुछ विद्वानों का कहना है, की यह विद्रोह आम जानता के द्वारा अंग्रेजो के विरोध में था,, कुछ का कहना था, की यह विद्रोह सिर्फ सिपाहियों के द्वारा किया गया था ,, लेकिन विनायक यह विद्रोह सेना जमींदार किसान और आम जनताओ के द्वारा अंग्रेजो के विरोध प्रथम स्वत्रंता संग्राम था |
प्रश्न 15. 1857 के विद्रोह के क्या कारण थे ?
उत्तर – 1857 के विद्रोह आजादी के लड़ाई के लिए प्रथम स्वत्रंता संग्राम था जिसके निम्नलिखित कारण थे जो इस प्रकार से है :-
क. राजनितिक कारण
ख. समाजिक कारण
ग. आर्थिक कारण
घ. धार्मिक कारण
ङ. तात्कालिक कारण
क. राजनितिक कारण
ख. समाजिक कारण
ग. आर्थिक कारण
घ. धार्मिक कारण
ङ. तात्कालिक कारण
प्रश्न 16. 1857 के विद्रोह के क्या कारण थे आथवा 1857 का विद्रोह क्यों असफल हो गई ?
उत्तर – 1857 के विद्रोह के असफलता के निम्नलिखित कारण थे जो इस प्रकार से है :-
क. भारतीयों में योग्य नेतृत्व का आभाव था
ख. भर्ती लोग संगठित होकर नहीं लड़ रहे थे
ग. हमारे पास अस्त्र शस्त्र की कमी थी
घ. हमलोगों के पास अंग्रेजो के जैसे घन पद तथा अस्त्र शस्त्र की कमी थी
क. भारतीयों में योग्य नेतृत्व का आभाव था
ख. भर्ती लोग संगठित होकर नहीं लड़ रहे थे
ग. हमारे पास अस्त्र शस्त्र की कमी थी
घ. हमलोगों के पास अंग्रेजो के जैसे घन पद तथा अस्त्र शस्त्र की कमी थी
प्रश्न 17. भारतीय सविधान के प्रस्तावना के मुख्य आदर्श क्या है ?
उत्तर – भारतीय सविधान के प्रस्तावना के मुख्य आदर्श निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है :-
क. भारत के एक धर्म निरपेक्ष तथा समाजवाद तथा लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना ही सविधान के प्रस्तावना के मुख्य आदर्श है |
ख. भारत को एकता के सूत्र में बंधकर रखना भी मुख्य आदर्श के अंतर्गत आता है |
ग. प्रस्तावना को पढ़कर ही कोई व्यक्ति पता लगा सकता है की भरतीय सविधान का रूप क्या है |
क. भारत के एक धर्म निरपेक्ष तथा समाजवाद तथा लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना ही सविधान के प्रस्तावना के मुख्य आदर्श है |
ख. भारत को एकता के सूत्र में बंधकर रखना भी मुख्य आदर्श के अंतर्गत आता है |
ग. प्रस्तावना को पढ़कर ही कोई व्यक्ति पता लगा सकता है की भरतीय सविधान का रूप क्या है |
प्रश्न 18. भारतीय सविधान 26 जनवरी 1950 को ही क्यों लागु हुआ ?
उत्तर – भारतीय सविंधान 26 जनवरी 1950 को इसलिए लागू किया गया क्योकि 26 जनवरी 1929 को पहली बार नेहरु में नाहौर के रावी नदी के तट पर तिरंगा फहराकर आजादी का जशन मनाया था और नेहरु नए कहा था अंग्रेज रहे या जाए हम प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे जब हमें आजादी मिली तो सविधान लागू करने की बात रखी |
प्रश्न 19. भारत में यूरोपियन उपनिवेश स्थापना के क्या कारण थे ?
उत्तर – भारत में यूरोपियन उपनिवेश स्थापना के निम्नलिखित कारण थे जो इस प्रकार से है :-
क. उस समय में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थे
ख. भारत के लोग अज्ञानी तथा मुर्ख थे
ग. यहाँ के लोग अंध विश्वासी थे
घ. भारत एक तरह से दुनिया का सबसे समृधि देश था |
क. उस समय में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध थे
ख. भारत के लोग अज्ञानी तथा मुर्ख थे
ग. यहाँ के लोग अंध विश्वासी थे
घ. भारत एक तरह से दुनिया का सबसे समृधि देश था |