Bihar Board Class 12 History Chapter 3 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग : आरंभिक समाज


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Bihar Board Class 12th History Chapter 3 Solution इतिहास  

प्रश्न 1. साँची की स्तूप क्या है ?
उत्तर – साँची के स्तूप का खोज जनरल टेलर नए 1818 में की थी,, साँची का स्तूप एक महान स्तूप है,, जिसका निर्माण अशोक के द्वारा किया गया था,, वह स्तूप ईंटो से बना हुआ है,, तथा यह वर्तमान समय मध्य प्रदेश में देखा जा सकता है |

प्रश्न 2. महात्मा बुद्ध के उपदेशो को लिखिए ?
उत्तर –महात्मा बुद्ध लोगो के कल्याण के लिए निम्नलिखित उपदेश दिए जो इस प्रकार से है :-
क.   हिंसा नहीं करनी चाहिए
ख.   सत्य बोलना चाहिए
ग.     चोरी नहीं करना चाहिए
घ.     धन का संग्रह नहीं करना चाहिए
ङ.   नाच-गान से दूर रहना चाहिए
च.     समय पर भोजन करना चाहिए
छ.   गुस्सा नहीं करना चाहिए
ज.    गदेदार एवं कोमल विस्तार पर नहीं सोना चाहिए

प्रश्न 3. कबीर के शिक्षाओ का वर्णन करे ?
उत्तर – कबीर के मुख्य शिक्षाए भक्ति पर आधारित थी,, उनका कहना था की भगवान एक है सिर्फ उनके नाम अनेक है,, इन्होने आत्मा और परमात्मा पर बल दिया, उन्होंने भक्त और भगवान में कोई अंतर नहीं माना,, उन्होंने मूर्ति पूजा का विरिध किया और कर्म की प्रधानता पर बल दिया |

प्रश्न 4. गुरुनानक के उपदेशो को लिखे ?
उत्तर – गुरुनानक देव सिख धर्म के संस्थापक थे, इन्होने एक भगवान पर बल दिया उनका कहना था, की भगवन या आल्हा को ना तो स्थापित किया जा सकता है,, नाही बनाया जा सकता है, वह जात पात में कोई भेद नहीं करना चाहते थे,, वे सबको एक समान मानते थे, तथा वे मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा का विरिध करते थे |

प्रश्न 5. धर्म चक्र परिवतन क्या है ?
उत्तर – महात्मा बुद्ध द्वारा लोगो को दिए गए  उपदेश को बौद्ध धर्म चक्र परिवर्तन कहते है,, महात्मा बुद्ध सबसे पहले पांच ब्राह्मण को बनारसी के निकट सारनाथ में सबसे पहले उपदेश दिए थे,, और उसके बाद महात्मा बुद्ध पुरे दुनिया में अपने धर्म को फैलाया था |

प्रश्न 6. चैत एवं बिहार क्या है ?
उत्तर – पुराने जमाने में जब लोग मर जाते थे, तब उस आदमी के शरीर के कुछ भाग को सुरक्षित रख लिया जाता था, तथा उसके ऊपर एक किला बना दिया जाता था, जिसे चैत कहा जाता है बौद्ध धर्म के मानने वाले जो बौद्ध भिक्षुक होते है,, वह जहाँ पे निवास करते थे, उस निवास स्थान को बिहार कहा जाता था |

प्रश्न 7. बौद्ध संगतियाँ क्यों बुलाई गई थी ?
उत्तर – महात्मा बुद्ध के समय में बौद्ध धर्म के व्यवस्था को सुधरने के लिए बौद्ध संगतियाँ बुलाई गई थी, बौद्ध धर्म के और अधिक प्रचार प्रसार के लिए अनेक प्रकार का स्भावो के आयोजन किया गया था, जिन्हें बौद्ध संगीत के नाम से जाना जाता है, महात्मा बुद्ध के मरने के बाद भी कई बौद्ध संगतियाँ बुलाई गई,, उस समय चार बौद्ध संगतियाँ की आयोजन किया गया था,, जिसमे पहला बौद्ध संगीत राजगीर में दूसरा बौद्ध संगीत वैशाली में तीसरा पाटलिपुत्र में तथा चौथा काश्मीर में इसका आयोजन हुआ था |

प्रश्न 8. मौर्य काल की विशेषताएँ लिखे ?
उत्तर – मौर्यकाल की निम्नलिखित विशेषताएँ है जो इस प्रकार से है :-
क.   मौर्यकाल में जो स्मार्क या स्तुफ़ बने थे उस स्तूप पर जो लेप लगे गए थे आज भी मौजूद है |
ख.   मौर्यकाल के कई उदाहरण आज भारत में कई जगहों देखा जा सकता है |
ग.     उस समय के जो भी स्तूप या मुर्तिया बनी थी सब के सब पत्थर के बने होते थे |

प्रश्न 9. बौद्ध धर्म की क्या शिक्षाएं है ?
उत्तर – महात्मा बुद्ध नए बौद्ध धर्म की स्थापना की थी और उन्होंने बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए काफी काम किया था,, उनकी मुख्य शिक्षाएं निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है :-
क.   अहिंसा का पालन करना चाहिए
ख.   जात – पात का विरोध करना चाहिए
ग.     मूर्ति पूजा का विरोध करना चाहिए
घ.     अच्छे कर्म करते रहना चाहिए

प्रश्न 10. अकबर को राष्ट्रीय शासक क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – अकबर को राष्ट्रीय शासक इसलिए कहा गया है, की उनका शासन पूरा भारत देश में था उनका हर काम राष्ट्रीय होता था, न की छोटे क्षेत्रो में उनका शासन व्यवस्था उस समय का सबसे बढ़िया माना जाता था, इसलिए इतिहासकारों ने अकबर को महान तथा राष्ट्रीय कहा है |

प्रश्न 11. अकबर का दिन ए इलाही धर्म क्या है ?
उत्तर – 1582 ई में अकबर नए दिन ए इलाही धर्म को चलाया इस धर्म के तहत सभी धर्म को समान माना गया,, अकबर के द्वारा दिन ए इलाही धर्म चलाने के कारण ही अकबर को महान तथा राष्ट्रीय कहा गया है |

प्रश्न 12. मुगलकालीन पांडुलिपिया क्या है ?
उत्तर – मुग़ल मर जितनी भी पुस्तके लिखी गई थी, सभी के सभी पांडुलिपि में लिखी थी, ये सभी किताबे हाथो से लिखी गई थी, आज भी बिहार पटना के सिंध लाइब्रेरी में लुपिया रखी गई है, जिसको देखा जा सकता है|

प्रश्न 13. आइना-ए-अकबरी क्या है ?
उत्तर – आइन-ए-अकबरी या अकबरनामा के लेखक अबुल फजल थे, इन आइन-ए-अकबरी से हमे प्रशासनिक सैनिक तथा राजस्व के बारे में हमे जानकारी मिलती है, इस पुस्तक से मुग़ल समरजी के भौगोलिक धार्मिक तथा सांस्कृतिक जीवन के बारे में हमे जानकारी मिलती थी |

प्रश्न 14. अकबर के धर्मिक निति क्या है ?
उत्तर – अकबर के धर्मिक एकता की निति बनाई, 1562 ई. में युद्ध बंधियो को दास बनाने की प्रथा पर रोक लगा दी, 1563 ई. में अकबर ने 1575 ई. में मजहर की घोषणा की, अकबर सभी धर्मो में एकता लाने केलिए दिन-ए-इलाही धर्म चलाया |

प्रश्न 15. अकबर के दरबार में नवरत्न के नाम लिखे ?
उत्तर – अकबर के दरबार में नवरत्न के नाम लिम्न्लिखित है, जो इस प्रकार से है :-
i.           बीरबल
ii.         तानसेन
iii.       अबुल-फजल
iv.        मानसिंह
v.         टोडरमल
vi.       मुल्ला दोप्याजा
vii.      रहीम
viii.    शेख फौजी
ix.       हकीम इमाम


प्रश्न 16. मुगलकाल का केन्द्रीय प्रशासन क्या है ?
उत्तर – अबुल फजल के द्वारा लिखी गई , पुस्तके आइन-ए-अकबरी से अकबर के समय के प्रशासन के बारे में हमे जानकारी मिलती है,, सेना एवं न्याय का प्रधान स्वयं राजा होता था,, सभी बिभाग के अध्यक्ष या प्रधान को वजीर कहा जाता था,, सेना के प्रधान की मिर बक्सी तथा धर्म के प्रधान को काजी कहा जाता था,, अकबर के समय में पुरे मुगल सम्राज्य में 15 राज्य थे,, औरंगजेब के समय में यह बढ़कर 21 हो गई,, राज्य के प्रधान को सूबेदार कहा जाता था |

प्रश्न 17. मीराबाई कौन थी संक्षिप्त में परिचय दे?
उत्तर – मीराबाई मध्यकालीन भारतीय इतिहास की एक ऐसी महिला का नाम है,, जो भक्ति आन्दोलन को चलाई मीराबाई भगवन कृष्ण की उपासक थी,, तथा वे कृष्ण भगवन को अपना पति मानकर भक्ति में लिए रहती थी,, मीराबाई एक महान महिला संत थी,, जो धर्म सुधर में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |

प्रश्न 18. लक्ष्मीबाई कौन थी संक्षिप्त परिचय दे ?
उत्तर – 1857के विद्रोह के साथ झाँसी में लक्ष्मीबाई सिपाही विद्रोह का नेतृत्व कर रही थी,, वह अंगेजो से डटकर मुकाबला की लक्ष्मीबाई के बचपन का नाम मनु था,, लक्ष्मीबाई को छबेली भी कहा जाता था,, उसके पति के मर जाने के बाद वह निः संतान रह गई,, इसलिए अंग्रेज चाहता था, की इनकी राज्य और जमींदार को छीन ले परन्तु यह असम्भव था,, लक्ष्मीबाई शक्ति या दुर्गा की तरह अंग्रेजो से मुकाबला की इसीपर एक कहावत है,, की खूब लड़ी मर्दानी वे तो झाँसी वाली रानी थी |