12th class history subjective Objective chapter 2 in
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History 12th Class Chapter 2 Solution Bihar Board
प्रश्न 1.मौर्य प्रशासन की जानकारी दे ?
उत्तर – मेगास्थानिज के वृतांत से पता चलता है , की पाटलीपुत्र जैसे बड़े नगरो के लिए विशेष नागरिक प्रबंध की व्यवस्था की गई थी, पाटलिपुत्र में मौर्यों का शासन था, जो अत्यंत ही उच्च कोटि का था, राजा सर्वोपरी होता था, राजा का मंत्री आमटी कहलाता था, मौर्य शासको नए कठोर दंड का प्रवधान कर समाज को भयमुक्त शासन प्रदान किया जाता है , की राजा स्वयं भेष बदलकर राज्यों में घुमा करता था, तथा इन लोगो की शासन व्यवस्था में चोरी नाम की कोई चीज नहीं थी, राजा उच्च कोटि न्यायधीश होता था |
प्रश्न 2.मौर्य कालीन इतिहास के प्रमुख स्रोतों का उल्लेख करे ?
उत्तर – मौर्यकालीन इतिहास के प्रमुख स्रोत इस प्रकार से है :-
क.साहित्यिक स्रोत :- इसमें कौटिल्य का अर्थशास्त्र विशाख दत्त का मुद्रा राक्षस कालिदास का नायक आदि प्रमुख है |
ख.पुरातत्विक स्रोत :- इस स्रोत में अशोक के अभिलेख सिक्के कई तरह के औजार विभिन्न प्रकार की मूर्तियाँ आदि आते है |
ग.विदेशी यात्रियों के विवरण :- चीन के यात्री फाह्रण तथा वेग्सांग से हमे मौर्य वंश के बारे में जानकारी मिलती है |
प्रश्न 3.मौर्यकालीन कला एवं स्थापत्य का वर्णन करे ?उत्तर – मौर्यकालीन कला एवं स्थापत्य निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है :-
क.राज प्रसार :- पाटलिपुत्र में चन्द्रगुप्त मौर्य का राज प्रसार वास्तुकला का बेजोड़ उदाहरण था, मगर हेन्सेंग ने 80 स्तूप को स्वयं अपनी आँखों से देखा था, साँची की स्तूप मौर्य वास्तु कला का अच्छा उदाहरण है |
ख.स्तूप :- बौद्ध परम्परा के अनुसार अशोक नए 80 हजार स्तूप बनवाए थे, मगर हेनसांग ने 80 स्तुपो स्वयं अपनी आँखों से देखा था |
ग.लोक कला :- मौर्य कालीन लोक कला का सर्वोतम उदाहरण विशाल यक्ष यक्षिणी की प्रतिमाएं है, पटना के दिदारंगज से प्राप्त चौवर धारनी की यक्ष प्रतिमा महत्वपूर्ण है |
प्रश्न 4.अशोक पर कलिंग युद्ध का क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – अशोक पर कलिंग युद्ध का निम्नलिखित प्रभाव पड़ा जो इस प्रकार से है :-
क. कलिंग युद्ध में मरे गए हजारो लोगो को देख कर अब अशोक अपनी जीवन में कभी युद्ध न करने की कसम खाई
ख. कलिंग युद्ध के बाद से ही अशोक बौद्ध धर्म को अपना लिया
ग. अशोक अब अहिंसा का पुजारी बन गया तथा बौद्ध धर्म का प्रसार प्रचार करने लगा
क. कलिंग युद्ध में मरे गए हजारो लोगो को देख कर अब अशोक अपनी जीवन में कभी युद्ध न करने की कसम खाई
ख. कलिंग युद्ध के बाद से ही अशोक बौद्ध धर्म को अपना लिया
ग. अशोक अब अहिंसा का पुजारी बन गया तथा बौद्ध धर्म का प्रसार प्रचार करने लगा
प्रश्न 5.बौद्ध धर्म के महायान शाखा क्या है ?
उत्तर – बौद्ध धर्म का चौथा सम्मेलन प्रथम शताब्दी में कनिष्ट के समय कश्मीर में जब हो रहा था, उसी समय उसी सम्मेलन में बौद्ध धर्म दो भागो में बंट गया
क.हीनयान तथा महायान :- महायान के मानने वाले लोग महात्मा बुद्ध को नहीं मानते थे, महायान अमीर लोगो की संस्था थी जबकि हीनयान गरीब लोगो की |
प्रश्न 6.अशोक के धम्म पर टिप्पणी लिखे ?
उत्तर – अशोक का धम्म मनुष्य का व्यहार आचरण और शिष्टाचार को कहते है, मनुष्य की नैतिक बाते अशोक के धम्म के तहत आता है, अशोक के धम्म के तहत बड़े को आदर करना छोटे से प्यार करना आदि बाते आता है, अशोक जब कलिंग युद्ध को जीत लिया था, तो इसी माध्यम के तहत अर्थात धर्म के तहत उन्होंने नैतिक विचर का प्रसार प्रचार किया |
प्रश्न 7.कार्बन 14 पद्धति क्या है ?
उत्तर – किसी भी वस्तु की तिथि निर्धारण के वैज्ञानिक तरीका को कार्बन 14 पद्धति कहते है, इसकी खोज अमेरिका के रसायन शास्त्री प्रोफ़ेसर लेखी नए 1948 में किया था, इसी पद्धति से किसी वस्तु के जीवन का पता चलता है |
प्रश्न 8.महाजनपद से आप क्या समझते है ?
उत्तर – महाजनपद का क्षेत्र आज के एक राज्य के आकर का बड़ा क्षेत्र होता है, प्रारंभ में शासन की छोटी ईकाई जन कहलाती थी, जो आगे यह विस्तृत होकर जनपद के रूप में जानी गई, आज भी युपी के जिले जनपद के रूप में जाने जाते है, जनपद का विस्तृत क्षेत्र महाजनपद कहलाए, महाभारत के समय भारत में 16 महाजनपद थे |
प्रश्न 9.चन्द्रगुप्त दृतीय विक्रमादित्य की उपलब्धियों का वर्णन करे ?
उत्तर – चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य की गिनती भारत के योग्य सम्राटो में की जाती है, इस्नके निम्नलिखित उपलब्धियाँ थी जो इस प्रकार से है :-
क. वह एक महान और सफल शासक था
ख. वह एक साहसी व्यक्ति था
ग. वह कठिन परस्थितियो में धौर्य की नहीं खोता था
घ. वह एक बेजोड़ सेना नायक और न्याय प्रिय व्यक्ति था
ङ. वह भगवाना विष्णु का परम भक्त था
च. बंगाल के युद्ध क्षेत्र में उसने शत्रुओ के एक संघ को पराजित किया था
छ. दक्षिणी भारत में उसकी विख्याति फैली हुई थी
ज. उसका राज दरबार विद्वानों से खचाखच भरा रहता था
क. वह एक महान और सफल शासक था
ख. वह एक साहसी व्यक्ति था
ग. वह कठिन परस्थितियो में धौर्य की नहीं खोता था
घ. वह एक बेजोड़ सेना नायक और न्याय प्रिय व्यक्ति था
ङ. वह भगवाना विष्णु का परम भक्त था
च. बंगाल के युद्ध क्षेत्र में उसने शत्रुओ के एक संघ को पराजित किया था
छ. दक्षिणी भारत में उसकी विख्याति फैली हुई थी
ज. उसका राज दरबार विद्वानों से खचाखच भरा रहता था
प्रश्न 10.किन्ही दो गुप्तकालीन मंदिरों का नाम लिखे ?
उत्तर – किन्ही दो गुप्तकालीन मंदिरों का नाम इस प्रकार से है :-
क. देवगण का दशवतार मंदिर झाँसी में
ख. भीतर गाँव लक्ष्मण ,मंदिर कानपुर में
क. देवगण का दशवतार मंदिर झाँसी में
ख. भीतर गाँव लक्ष्मण ,मंदिर कानपुर में
प्रश्न 11.महावीर स्वामी के उपदेशो का वर्णन करे ?
उत्तर – महावीर स्वामी जैन धर्म के 24 वे त्रिथकर थे इन्होने लोगो के भली के लिए निम्नलिखित उपदेश दिए जो इस प्रकार से है :-
क. सत्य बोलना चाहिए
ख. चोरी नहीं करना चाहिए
ग. पाप नहीं करना चाहिए
घ. गुस्सा नहीं करना चाहिए
ङ. सम्पति इकट्टा नहीं करना चाहिए
च. सच्चा ज्ञान होना चाहिए
छ. ईश्वर को नहीं मानना चाहिए
ज. कर्म करते रहना चाहिए
क. सत्य बोलना चाहिए
ख. चोरी नहीं करना चाहिए
ग. पाप नहीं करना चाहिए
घ. गुस्सा नहीं करना चाहिए
ङ. सम्पति इकट्टा नहीं करना चाहिए
च. सच्चा ज्ञान होना चाहिए
छ. ईश्वर को नहीं मानना चाहिए
ज. कर्म करते रहना चाहिए
प्रश्न 12.गुप्तकाल की वैज्ञानिक एवं प्रौधोगिक उन्नति पर एक लेख लिखे ?
उत्तर – गुप्तकाल में भी विज्ञान क्षेत्र की अभूत पूर्व वृद्धि हुई, गणित रसायन विज्ञान प्रदार्थ विज्ञान घातु विज्ञान और ज्योतिष आदि, का इस काल में काफी प्रगति हुई, इसके आलावा दशमलव भी की खोज और रेखा गणित किआ भ्यास इसी कल की दें है, आर्यभट तथा बरामहिर जैसे विद्वान इसी काल में हुए थे, ब्रह्मपुत्र नए न्यूटन से भी पहले पुथ्वी की आकर्षण शक्ति के बारे में बतलाया था, रसायन शास्त्र में भारतीयो नए सुंदर पक्के रंगों का अविष्कार किया, इस काल में सुंदर सिक्के भी तैयार होते थे, धातु विज्ञान में भी यह कला उन्नति का युग था |
प्रश्न 13.मगध सम्राज के उत्थान के क्या कारण थे आथवा छठी सदी में मगध का उत्कर्ष किन कारणों से हुआ ?
उत्तर – मगध सम्राज्य का उत्थान भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओ में से एक मगध के उत्थान के लिए निम्नलिखित कारण उतरदायी थे :-
क. मगध के उत्थान में राजनितिक कारणों का महत्वपूर्ण स्थान है, प्राकृति नए मगध को बरदान के रूप में दिया यहाँ की भूमि उपजाऊ थी, जिसमे धान की खेती अच्छी होती थी, यहाँ की जनसंख्या भी घनी थी, यहाँ के जंगल भी घने घने थे, जिससे इमारती लकड़ी मिल जाती थी, गंगा नदी किन्त होने के कारण वाणिज्य व्यापार का काफी विकास हुआ था |
ख.मगध की राजधानी पातली पुत्र गंगा सोन तथा गंडक के मुहाने पर बसा था, उअर यह दुश्मनों के आक्रमण से सुरक्षित था, मगध की पहली राजधानी राजगिरी थी, जो सात पहाडियों से गिरा था, इसलिए वो भी सुरक्षित था, जिसके कारण बिना भी से मगध समरजी का विकास हुआ,
ग.मगध के पास एक से बड़कर एक महाबली योद्धा थे, जैसे बिम्बिसार अजातशुत्र समुन्द्रगुप्त आदि |