Bihar Board Class 12th History Chapter 9 शासक और मुगल दरबार इतिवृत्त


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Bihar Board 12th Class History Book Solution 

प्रश्न 1. सविधान के निर्माण अम्बेडकर की भूमिका का वर्णन करे ?
उत्तर – जैसा की हम जानते है, की भारतीय सविधान को बनाने में लगभग 3 वर्ष लगे भारतीय संविधान को बन्नने में अम्बेडकर  की महत्वपूर्ण भूमिका अम्बेडकर भारतीय सम्विधान सभा के प्रारूप बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, |
अम्बेडकर को भारतीय सम्विधान का जनक कहा जाता है, इन्होने सम्विधान निर्माण में जो भूमिका निभाई वो कोई और नेता नहीं निभा पाया कहा जाता है, की मूल सम्विधान को किसी नए चुरा लिया था, तो अम्बेडकर नए अपने मन से दुबारा सम्विधान लिख डाला, हालकी उनके विचार बहुत उच्चे थे, उन्होंने सम्विधान को दलितों पिछडो के उत्थान के लिए अनेक प्रवधान किए, जिसके कारण आज इन जातियों को आर्थिक समाजिक राजनितिक तथा शैक्षणिक रूप से अनेक प्रकार के मदद मिल रहे थे, |
अम्बेडकर के समय में कानून मंत्री थे, तथा यह एक विख्यातः अर्थशास्त्री भी थे, सम्विधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में सम्विधान निर्माण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी |






प्रश्न 2. संविधान सभा का गठन कैसे हुआ ?
उत्तर – 1946 ई. में कैबिनेट मिशन योजना के तहत भारत के लिए संविधान बनाने के लिए एवं संविधान सभा का गठन किया गया, जिसके स्थाई अध्यक्ष डा. राजेन्द्र प्रसाद को बनाया गया इस संविधान में कुल सदस्यों की संख्या 389 थी 3 जून 1947 को संविधान सभा का पूर्ण गठन किया गया, क्योकि पाकिस्थान के लिए अलग संविधान सभा बना था, | संविधान सभा के प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 ई. को की गई थी, बि. एन. राव को संविधान सभा का सचिव बनाया गया, संविधान सभा के प्रथम बैठक में बि. एन. राव को सर्ववैधिनिक सताह्कार बनाए गए थे, 13 दिसम्बर 1946 को पंडित नेहरु नए अपना प्रसिद्ध संविधान का उदेश्य प्रस्ताव प्रस्तुत कर संविधान की आधार शिला रखी, इस इतिहास कार प्रस्ताव में भारतीय संविधान के मूल आदर्शो की व्यवस्था प्रस्तुत की गई, तथा संविधान सभा के कार्यो को आगे अधने के लिए आवश्यक ढांचा माना गया |

प्रश्न 3. पांचवीं रिपोर्ट पर टिप्पणी लिखे ?
उत्तर – भारत में ईस्ट इंडिया के प्रशासन तथा क्रिया कलापों के सम्बन्ध में तैयार की गई थी, यह रिपोर्ट एक हजार दो पृष्ठों में उलिखित थी, अरजिया कलक्टर के रिपोर्ट बंगाल , मद्रास , के राजस्व और न्यायिक आधिकारो पर टिप्पणियाँ थी |

प्रश्न 4. त्रिपिटक के विषय में आप क्या जानते है ?
उत्तर – त्रिपिटक का शाब्दिक अर्थ तीन टोकरियाँ जिनमे की पुस्त रखी जताई है, वुद्ध के मुत्यु के पश्चात् उनके अनुवाश्यो नए उनकी शिक्षाओ का संकलन तीन पिट्को में किया गया, इन्हें संयुक्त रूप से त्रिपिटक कहा जाता है |

प्रश्न 5. बौद्ध धर्म के अष्टांगिक मार्ग के नाम बताएं ?
उत्तर – गौतम बुद्ध द्वारा प्रतिपादित दुःख निरोध हेतु आता मार्ग निम्न है जो इस प्रकार से है :-
क.   सम्यक दृष्टि
ख.   सम्यक वाणी
ग.     सम्यक संकल्प
घ.     सम्यक कर्क
ङ.   सम्यक आजीव
च.     सम्यक व्यायाम
छ.   सम्यक स्मृति
ज.    सम्यक समाधि






प्रश्न 6. मुगलकालीन सिंचाई व्यवस्था पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखे ?
उत्तर – मुगलकाल में सिंचाई हेतु कुँए , नहर , आदि का उपयोग किया जाता था फिरोजशाह तुगलक नए उत्तर भारत नहरों का जाल बिछ्वाया था, कुँए से सिंचाई हेतु अर्घत का उपयोग किया जाता है |

प्रश्न 7. कर्नाटक के वीर शौव परम्परा को संक्षिप्त में बताइए ?
उत्तर – वासवन्ना में 12 वीं शताब्दी में कर्नाटक में एक नवीन आन्दोलन की शुरुआत की प्रारंभ में वासवन्ना जैन को मानने वाले थे, और चालुक्य राजा के दरबार में मत्री थे इनके अनुवाई वीर शैव कहलाएं |

प्रश्न 8. अकबर नए आकाल का सामना किस प्रकार किया ?
उत्तर – 16 वीं तथा 17 वीं शताब्दी में भारत में कई बार आकाल पड़े, 1573 – 1574 में मुग़ल बादशाह अकबर के समय गुजरात में आकाल पड़ा हजारो लोग भूख से मर गए, अकबर नए आकाल पीड़ित क्षेत्रो में राहत कार्य आरम्भ करवाया, लोगो को शाही खजाने से निशुल्क आनाज बांटा गया कृषको को भूमि कर में छुट दी गई |

प्रश्न 9. अकबर नए जजिया कर को क्यों समाप्त कर दिया ?
उत्तर – हिन्दुओ के प्रशंसक बनाने के लिए उन्होंने जजिया कर को समाप्त कर दिया, जिससे सम्पूर्ण हिन्दू राजा तथा प्रजा का विश्वास जीता जा सके |

प्रश्न 10. मुग़ल काल में महिलाओं की स्थिति पर प्रकाश डाले ?
उत्तर – मुगलकाल में आम महिलाओं में पर्दा प्रथा का रिवाज था, शिक्षा और सम्पति के उनके अधिकार भी सिमित थे, बहु पत्नी प्रथा सत्ती प्रथा भी समाज में प्रचलित थी, मुग़ल राज्य परिवार की महिलाए प्रभावी होती थी, जहां आरा व्यापार निर्माण कार्य में रूचि लेती थी, हुमायु की बहन गुलबदन बेगम नए हुमायुनामा की रचना की शाहजहाँ के काल में नूरजहाँ का मुग़ल दरबार में प्रभाव तो इतिहास प्रसिद्ध है |

प्रश्न 11. 1857 के विद्रोह में वीर कुंवर सिंह की क्या भूमिका थी ?
उत्तर – बिहार के आरा जिले के जगदीशपुर में जन्मे जमींदार वीर कुंवर नए 1857 के विद्रोह का बिहार में नेतृत्व किया, और बुढ़ापे में भी युद्ध कौशल दिखाकर युवक को प्रेरित किया, |
उन्होंने बिहार में तो अंग्रेजो को छक्के छुडाए ही नाना साहिब के साथ अवध और मध्य भारत में भी अंग्रेजो से लोहा लिया |







प्रश्न 12. युरेपीय व्यापारी कंपनियों नए भारत में नगरीकरण को कैसे बढ़ावा दिया ?
उत्तर – विभिन्न यूरोपीय जैसे पुर्त गाली , डच , अंगेज , तथा फ्रांसीसियो नए भारत, में अपनी व्यापारिक बस्तियां स्थापित की व्यापारिक गातिविधियो में विस्तार के फलस्वरूप इनके समीप, कई छोटे – छोटे नगर एवं कस्बो का जन्म हुआ, यूरोपीय कम्पनियों को व्यापारिक गतिविधियों के साथ ही मद्रास, कलकता बम्बई जैसे, व्यापरिक बन्दरगाहो का तीव्र विकास हुआ |

प्रश्न 13. राजतंत्र और वर्ण में संबंध स्थापित करे ?
उत्तर – राजतंत्र और वर्ण में सैधांतिक रूप से राजतंत्र और वर्ण में गहरा संबंध है, अर्थशास्त्र और धर्म सूत्रों में इस बात पर बल दिया गया है, की राजा को क्षत्रिय वर्ण होना चाहिए शास्त्रों में वर्णित यह व्यवस्था सदैव कारगर नहीं होती थी, इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण है जहाँ गैर क्षत्रिय को राज करते हुए, दिखाया गया है, उदाहरण के लिए नंदवंशी , शुद्र अनेक विद्वान गुप्त शासको को वैश्व मानते है, सुंग सातवाहन ब्राह्मण थे, इस प्रकार सैधांतिक रूप से क्षत्रिय को ही आदर्श राजा के रूप में मान्यता थी, परन्तु व्यवहारिक रूप से किसी भी वर्ग का व्यक्ति शक्ति संसाधन सम्पन्न होकर राजा बन सकता है |

प्रश्न 14. वैदिक धर्म की प्रमुख विशेषताओ का वर्णन करे ?
उत्तर – वैदिक धर्म भारत का प्राचीनतम धर्म है, और वेड भारतीय धर्म के प्राचीनतम ग्रन्थ है, वैदिक काल दो भागो में विभाजित है जो इस प्रकार से है :-

क. ऋण वैदिक काल :- 1500 ई. से 1000 ई. के बिच ऋण वेड की रचना हुई, अतः यह काल ऋण वैदिक कालीन धर्म में देवताओं की प्रधानता थी, इनमे अधिकांश देवता प्रकृति तत्व के प्रतीक थे ये तीन श्रेणियों में विभाजित थे

i.     पुथ्वी वासी देवता
ii.  अन्तरिक्ष वासी देवता
iii.   आकाश वासी देवता

ख. उत्तर वैदिक काल :- 1000 ई. पूर्व से 600 ई. पूर्व के बिच ययुर्ज वेड साम वेड अथर्य वेड आदि, वैदिक साहित्य की रचना हुई, अतः यह काल उत्तर वैदिक काल कहलाता है, ऋणवेड कालीन प्राकृतिक देवताओं का स्थान अब त्रिदेव ब्रह्मा , विष्णु , महेश नए ले लिया ऋण वेड कालीन पशुओ का देवता रूद्र अन एक प्रमुख देवता बन गया, यजुर्य वेड में यक्ष सम्बन्धी मंत्रो का संग्रह है, अथर्य वेड में तंत्र मन्त्र जादू टोना एवं आयुवैदिक औशिधियो का विवरण मिलता है |

प्रश्न 15. अंग्रेजो ने भारत क्यों छोड़ा कारणों की विवेचना करे ?
उत्तर –  द्रितीय विश्व युद्ध के बाद देश के सभी राजनितिक दलों और समाज के सभी वर्गों नए देश की स्वतन्त्रता की मांग फैलने लगी, हिन्दू मुसलमान सिख राजनितिक नेता सरकारी कर्मचारी अधिकारी सभी विदेशी सरकार से मुक्त होना चाहती थी, सभी भारतवासियों में देश प्रेम की भावनाएं उमड रही थी, चारो ओर अंग्रेजो का विरोध हो रहा था, सेना में भी विद्रोह की भावनाएं उठने लगी, इन स्थितियों में अब अंग्रेजो का भारत छोड़ जाना निश्चित ही लगता था, ब्रिटेन के शिक्षित और उदार विचार वाले लोग भारत की स्वतन्त्रता के पक्ष में थे, वे भारतीयों की मांग को उचित ठहराने लगे और भारतीयों से सहानुभूति करने लगे, ऐसे प्रस्थिति में ब्रिटिश सरकार नए भारतीयों को स्वतन्त्रता प्रदान करना ही उचित समझा |

प्रश्न 16. भारत विभाजन के कारण वतावे आथवा भारत पाक विभाजन की परिस्थितियों का वर्णन करे ?
उत्तर –  ब्रिटिश भारत का बटवारे के कई कारण थे जो इस प्रकार से है :-

क. अंग्रेज फुट डालो और राज करो की निति अपनाते थे, उन्होंने अपनी इसी निति को सफल बनने के लिए सम्प्रदायिकत ताकतों साहित्यों लेखो और मध्यकालीन भारतीय इतिहास से ऐसी, घटनाओं का बार – बार उल्लेख किया जो सम्प्रदायिकता को बढा सकती है

ख. मुस्लिम लिंग का आस्तित्व उसके द्वारा उठाई जाने वाली पाकिस्थान की मांग था, उसका यह दावा था की अनेक मुसलमान विभाजन नहीं चाहते है |

ग. 1935 और 1937 मध्य कांग्रेसी मंत्री मंडलों में मुस्लिम लिंग को शामिल नहीं किया गया, इससे मुस्लिम लिंग में निराशा हुई, उसने देश विभाजन औए पाकिस्थान बनाए जाने की मांग पर जोड़ दिया |

घ. भारत में देशी रिसायतो की संख्या बहुत बड़ी थी, इन रियासतों के शासक भी देश का बंटवारा चाहते थे, ताकि उन्हें विभाजन के बाद मनमानी करने की छुट मिल सके |

प्रश्न 17. सोलह महाजनपद कौन –कौन से है ?
उत्तर – सोलह महाजनपदों के नाम निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है :-
i.         काशी
ii.      कोशल
iii.     अंग
iv.     मगध
v.        ब्रिज्जी
vi.       मल
vii.          चेढ़ी
viii.       वत्स
ix.            कुरुकपंचाल
x.               सुरसेव
xi.            मत्स्य
xii.          अस्सक
xiii.       गंधार
xiv.        कंबोज