Bihar Board Class 10th Biology आनुवांशिकता एवं जैव विकास Subjective | Class 10th Science Solutions आनुवांशिकता एवं जैव विकास

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BSEB 10th Class Science Biology आनुवांशिकता एवं जैव विकास Solution,

प्रश्न 1. निषेचन न होने वाले एक प्रिप्क्त अंडाणु का क्या होता है ?
उत्तर – यदि गर्भाशय में अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाता है | तो वह नष्ट होने लगता है | 28 दिन पूरा होने के बाद गर्भाशय के आंतरिक सत्र के साथ योनी से होकर रक्त के रूप में बाहर आने लगता है |

प्रश्न 2. प्रकाश का अनुवर्तन क्या है ? या पौधो में प्रकाश का अनुवर्तन किस प्रकार होता है ?
उत्तर – पौधो को सूर्य की प्रकाश की ओर बढना या गति करना प्रकाश का अनुवर्तन कहलाता है | इसमें पौधे के अंग प्रकाश की ओर गति करते है | इस प्रकार के गति तनो के शीर्ष या पत्तियों से स्पष्ट दिखाई देती है |

प्रश्न 3. जलानुवर्तन क्या है ?
उत्तर – पौधो के किसी अंग को जल के दिशा में बढना जलानुवर्तन कहलाता है |

प्रश्न 4. गुरुत्वानुवर्तन क्या है ?
उत्तर – पौधे के जड़ो का पृथ्वी के गुरुत्व दिशा में बढना गुरुत्वानुवर्तन कहलाता है |

प्रश्न 5. इन्सुलिन हार्मोन की खोज किस वैज्ञानिक नए की और कब ?
उत्तर – इन्सुलिन हार्मोन की खोज 1921 में बोमाटिंग नामक वैज्ञानिक नए किया था |

प्रश्न 6. अंडाशय क्या है ?
उत्तर – प्रत्येक स्त्री के शरीर के अंदर गुहा के निचे एक जोड़ा अंडाशय होता है | यह 4 सेमी. लम्बी होती है | अंडाशय के वाह्र्य स्तर भुर्निय उपकला तथा शेष भाग संयोजी उत्तक का बना होता है | अंडाशय का प्रवर्ध पुटिका में होता है | परिपक्व होने के बाद अंडाणु अंडाशय से बाहर आते है | लड़की के जन्म के समय ही अंडाशय में हजारी उपरी परिपक्व अंडे होते है | जो यौन आरम्भ होने के बाद प्रत्येक माह में एक अंडे परिपक्व हो जाते है |

प्रश्न 7. लैंगिक जनन संचारित रोग किसे कहते है ?
उत्तर – यौन सम्बन्ध से होने वाले संक्रमण रोग को लैंगिक जनन संचारित रोग कहते है | जिसको अंग्रेजी में STD कहा जाता है | जिसका पूरा नाम sexually transmitted disease कहते है |

प्रश्न 8. जनन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से है ?
उत्तर – जनन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है –
क. अशिक्षा
ख. अत्याधिक गरीबी और पिछडापन
ग. शारीरिक दोष
घ. यौन रोग
ड. मानसिक तनाव एवं अस्वस्थता

प्रश्न 9. तीन बैक्ट्रिया जनित रोगों के नाम बतावे ?
उत्तर – तीन बैक्ट्रिया जनित रोगों का नाम इस प्रकार से है –
क. गोनेरिया
ख. सिफ्लिश
ग. युरेथारिट्स

प्रश्न 10. निषेचन की क्रिया किस जीव में मुख्यतः होती है ?
उत्तर – पुष्पि पादप एवं जन्तुओ में

प्रश्न 11. गर्भ का चिकित्सीय समापन या M.T.P किसे कहते है ?
उत्तर – सैल्य क्रिया के द्वारा गर्भाशय में पल रहे भुन को उसके विकास के एक निशिचत अवधि के भीतर योनी के रास्ते से बाहर निकाल दिया जाता है | इसे ही गर्भ का चिकित्सीय समापन कहते है | जिसको अंग्रेजी में MTP के नाम से जाना जाता है | जिसका पूरा नाम medical termination of pregnancy होता है |

प्रश्न 12. कायिक प्रवर्धन कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – कायिक प्रवर्धन दो प्रकर के होते है |
क. प्राकृतिक
ख. कृत्रिम

प्रश्न 13. दोहरा निषेचन किसे कहते है ?
उत्तर – दो नर युग्मको का दो मादा युग्मको से संयुक्त कराने की प्रक्रिया को दोहरा निषेचन कहते है |

प्रश्न 14. पुष्प के कितने भाग होते है ?
उत्तर – पुष्प के चार भाग होते है |
क. बाह्रय दल पूंजी
ख. दल पूंजी
ग. पुमंग या पुंकेसर
घ. जयांग या स्त्रीकेसर

प्रश्न 15. गर्भाशय क्या है ?
उत्तर – यह एक मांसल त्रिभुजाकार अंग है | जो श्रेणी गुहा में स्थित होता है | यह लगभग 7.5CM लम्बा 8cm चौड़ा तथा 3.5 cm मोटा होता है | इसका चौड़ा भाग ऊपर की ओर होता है | जिसके दोनों सिरों पर डिम्ब नालिका यानी पतला भाग गर्भाशय ग्रीवा कहलाता है | जिसके बीचो बिच एक पतला छिद्र होता है | जिससे होकर केवल शुक्राणु ही गर्भाशय में पहुँचते है |

प्रश्न 16. प्रतिवर्ती चाप क्या है ?
उत्तर – न्युरौनो में आवेगों का संरचना जिस पथ में होता है | उसे प्रतिवर्ती चाप कहते है | इस चाप में पांच घटक होते है |

क. ग्राही अंग :- ये त्वचा एवं मांसपेशियों के उद्दीपन को ग्रहण करता है |

ख. संवेदना मार्ग :- ग्राही अंग द्वारा उद्दीपनो के ग्रहण करने के बाद नयुरौन मिलकर संवेदना मार्ग बनाते है |

ग. तंत्रिका केंद्र :- मस्तिष्क और स्पाइनल कोई तंत्रिका केंद्र का कार्य करते है | ये सम्वेदना मार्ग द्वारा प्राप्त सूचनाओं के उचित आदेश देने का कार्य करते है |

घ. प्रेरक मार्ग :- तंत्रिका केंद्र द्वारा आदेशो का संरचन प्ररेक मार्ग द्वारा होता है |

ड. अभिवाही अंग :- प्रेरक मार्ग से सूचनाएं अभिवाही अंग में पहुंचती है | और इसी के आदेश के अनुसार उचित अनुक्रिया होती है |

प्रश्न 17. यदि कोई महिला कॉपर T का प्रयोग करती है तो क्या यह उसकी यौन संचारित रोगों से सुरक्षा करेगा ?
उत्तर – कॉपर T के प्रयोग द्वारा गर्भ धारण को रोका जा सकता है | यह कोई रोग निरोग युक्त नहीं है | लेकिन यह यौन संचारित रोगों से आंशिक सुरक्षा प्रदान कर सकता है |

प्रश्न 18. फ्लोपियन नालिका या डिम्ब नालिका क्या है ?
उत्तर – फ्लोपियन नालिका एक जोड़ी चौड़ी नालिका है | जो अंडाशय के उपरी भाग से शुरू होकर निचे की ओर जाती है | और अंत में गर्भाशय में जाकर जुड़ जाती है | प्रत्येक फ्लोपियन नालिका का शीर्ष भाग एक चौड़ा किप के समान होता है | जो अंडाणु को डिम्ब नालिका में प्रवेश कराने में सहायक होती है | इसी नालिका के द्वारा अंडाणु गर्भ्शय में पहुँचते है |

प्रश्न 19. परिवार नियोजन क्या है ?
उत्तर – प्राकृतिक आथवा अप्राकृतिक उपायों द्वारा विकाश समृद्धि और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से परिवार के आकार को सिमित रखना ही परिवार नियोजन कहलाता है | परिवार नियोजन के लिए यह प्लानिंग जरूरी है | यही कारण है की आज परिवार नियूजन का नाम बदल कर परिवार कल्याण कहा जाने लगा है |

प्रश्न 20. परिवार नियोजन के उपाय बतावे ?
उत्तर – परिवार नियोजन के मुख्यतः दो उपाय है जो इस प्रकार से है –
क. गर्भनिरोधक
ख. नस बंदी या वाह्र्ध्यकरण

प्रश्न 21. एड्स क्या है ?
उत्तर – इस बिमारी का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिसिएंसी सिंड्रोम है | यह वायरस जनित रोग है | जो HIV द्वारा उत्पन्न होता है | एड्स को शुद्ध रूप हिंदी में उपार्जित प्रतिरक्षा आभाव संरक्षण कहते है | इस बिमारी के बाद वायरस रक्त वीर्य आंशु लार , दूध आदि के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में फैलता है | इस बिमारी का शिकार हो जाने पर व्यक्ति का प्रतिरोध तंत्र धीरे – धीरे बेकार होने लगता है | इस बिमारी का संक्रमन 28 महीनो के अंदर कभी भी इस बिमारी का लक्षण प्रकट हो सकता है | इस बिमारी के लक्षण निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है –
क. कैंसर
ख. मस्तिष्क का बेकार होना
ग. श्वेत रक्त कणों का समाप्त हो जाना
NGOS बहुत गैर सरकारी संस्थाएँ है जो इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है |

प्रश्न 22. लिंग के आधार पर जिव कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – लिंग के आधार पर जिव दो प्रकार के होते है जो इस प्रकार से है –

क. एक लिंगी :- जिस जिव के शरीर में केवल एक ही कोशिका उत्पन्न होती है | उसे एक लिंगी जिव कहते है | इसके अंतर्गत पौधे औए जंतु दोनों आते है |
जैसे :- पपीता , तरबूज , मनुष्य , बंदर , घोडा , मोर , कबूतर आदि |

ख. द्रिलिंगी या उभय लिंगी :- जिस जिव में दोनों जनन अंग नर और मादा होते है | उसे उभय लिंगी कहते है |
जैसे :- केचुआ , हाईड्रा

प्रश्न 23. योनी क्या है ?
उत्तर – यह एक लम्बी और मांसल नाली होती है | इसकी औसत लम्बाई 7.5 सेमी. होता है | यह भग से लेकर गर्भाशय ग्रीवा तक फैली रहती है |

प्रश्न 24. भग क्या है ?
उत्तर – यह योनी के ठीक बाहर बाह्रय जननुद्रिया के रूप में स्थित रहता है | भग के तीन भाग होते है |
क. वृद्ध भंगोष्ट
ख. लघु भंगोष्ट
ग. भंगसेक

प्रश्न 25. नर जनन तंत्र का वर्णन करे ?
उत्तर – यह उदर गुहा के बाहर शिशन के ठीक निचे वृष्णकोष में स्थित होती है | इसकी संख्या एक जोड़ी होती है | शिक्राणु का निर्माण वृष्ण में ही होता है | वृषण की कुछ विशेष कोशिकाएँ नर जनन हार्मोन टेस्टोरौन का स्त्राव करती है | जो 15 से लेकर 18 वर्ष के उम्र में प्रारंभ होता है | इस हार्मोन के प्रभाव से जनन अंगो का विकास होता है |

प्रश्न 26. मूत्र मार्ग क्या है ?
उत्तर – यह एक लम्बी नाली है | जिसमे संख्लन नालियां पुरस्थ नलिकाएं तथा कॉपर नलिकाएँ खुलती है | मूत्र मार्ग पेनिस के मध्य में स्थित होता है | इसी से होकर पेशाब और सीमेन दोनों बाहर आते है |

प्रश्न 27. शिशन पेनिस क्या है ?
उत्तर – यह पुरुष की बाह्रय जनन इन्द्रिया है | जिसके भीतर वाहिनी होती है | पेनिस या शिशन का शिखर भाग ग्लांस कहलाता है | ग्लांस के ऊपर त्वचा का एक ढीला आवरण प्युप्स कहलाता है | शिशन का कार्य निषेचन के लिए शुक्राणुओ को स्त्री के योनी में पहुंचाना है |

प्रश्न 28. मधुमेह क्या है ?
उत्तर – इन्सुलिन के कमी के कारण खून में ग्लूकोस की सांद्रता अधिक बढ़ जाती है | और पेशाब के साथ ग्लूकोस शरीर से बाहर जाने लगता है | इसी बिमारी को मधुमेह कहते है |

प्रश्न 29. आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह क्यों दी जाती है ?
उत्तर – आयोडीन थाइराइड ग्रंथि द्वारा स्त्रावित हार्मोन थाइराइड काईसिन बनाने में सहायक होता है | यदि भोजन में लगातार कई दिनों तक आयोडीन की कमी हो जाए तो थाइराइड ग्रंथि में सुजन आ जाती है | जो बाहर घेघा के रूप में दिखाई देती है | यही कारण है की सभी व्यक्तियों को आयोडीन युक्त नमक खाने की सलाह दी जाती है |

प्रश्न 30. अंतस्रावी ग्रन्थियाँ क्या है ?
उत्तर – ऐसी  ग्रंथियाँ जो शरीर के अंदर आंतरिक रूप से हार्मोन का स्त्राव करती है | जिसका सम्बन्ध नालिकाओ से होता है | और जिसके द्वारा स्त्रावित हार्मोन का प्रभाव सीधे रक्त में होता है | उसे अंतस्रावी ग्रंथियाँ कहलाती है |

मनुष्य के शरीर में पाई जाने वाली अंतस्रावी ग्रंथियाँ निम्नलिखित प्रकार की होती है जो इस प्रकार से है –

क. पिटयुटरी ग्रंथि :- यह कपाल की स्फेनाइल हड्डी में एक गड्ढे में स्थित रहती है | पिटयुटरी ग्रंथि कई एनी महत्वपूर्ण अंतस्रावी ग्रंथियों का भी नियंत्रण करती है | इसलिए इसे मास्टर ग्रंथि भी कहा जाता है | पिटयुटरी ग्रंथि के मुख्यतः दो भाग होते है |
क. अग्रपीडक
ख. पश्च पीडक

ख. थाईराइड ग्रंथि :- मनुष्य में यह ग्रंथि दृ पीडक रचना होती है | यह ग्रंथि श्वासनली तौक्रिया के दोनों ओर लैरिक्स के निचे स्थित रहती है | थाइरौक्सिन के स्न्श्लेष्ण के लिए आयोडीन का होना अनिवार्य है | यह शरीर के समान वृद्धि विशेष कर हड्डियों और बालो के विकास में सहायता करती है |

ग. पाराथाईराइड ग्रंथि :- यह ग्रंथि मटर की आकृति की पाली युक्त होती है | यह थाइराइड गर्न्थी के पीछे स्थित रहती है | और संयोजी उतक के सम्पुट द्वारा उसे अलग रखती है |

घ. एड्रिनल ग्रंथि :- यह गर्न्थी गुर्दे के उपरी भाग पर पायी जाती है | दोनों गुर्दे पर एक – एक एड्रिनल ग्रंथि स्थित रहती है | एड्रिनल ग्रंथि को दो भागो में बाटा गया है |

ड. जनन ग्रंथि :- जनन कोशिकाओं निर्माण के महत्वपूर्ण कार्य के लिए जनन ग्रंथियाँ अन्तः स्रावी ग्रंथियों के रूप में कार्य करती है |

च. अंडाशय ग्रंथि :- अंडाशय के द्वारा कई हार्मोन का स्राव होता है | आमतौर पर यह देखा जाता है | की बालिकाओं के शरीर में यौन अवस्था में होने वाले सभी परिवर्तन इसी हार्मोन के कारण होता है |

छ. वृष्ण ग्रंथि :- वृषण द्वारा स्रावित हार्मोन के एनद्रोजें हार्मोन को टेस्टोस्टेरौन कहते है | यह हार्मोन पुरोशो के लैंगिक लक्षणों के परिवर्तन एवं यौन आचरण को प्रेरित करता है |

प्रश्न 31. श्वसन को उश्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहते है ?
उत्तर – हमे जीवित रहने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है | और यह ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है | जब हम श्वास लेते है तो आक्सीजन के द्वारा खाध पदार्थ उप्च्यित हो जाता है | और इस प्रक्रिया में ऊर्जा मुक्त होती है | यही कारण है की श्वसन को उश्माक्षेपी अभिक्रिया कहते है |

प्रश्न 32. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने का क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर – जनसंख्या का विशाल आकार बहुत से लोगो के लिए चिंता का विषय है | क्योकि जनन से ही जीव अपनी समृद्धि का विकास करता है | अतः बढती हुई जनसंख्या के कारण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण रखना होगा | इसी कारण से गर्भ निरोधक युक्तियो को अपनाना अनिवार्य हो गया है |

प्रश्न 33. समजात तथा समरूप अंगो के उदाहरण देकर समझावे ?
उत्तर – समजात अंग :- अलग – अलग स्पेसिज के जीवो में अलग – अलग काम करते है | लेकिन इनकी आधारभूत संरचना समान होती है | इसे ही समजात अंग कहा जाता है |
जैसे :- मनुष्य के हाथ तथा पक्षी के पंख ये दोनों समजात अग्र पाद है |

समरूप अंग :- वैसे अंग जो अलग – अलग जीवो में एक समान कार्य करते है | लेकिन इनकी आधारभूत संरचना एक समान नहीं होती है | इसे ही समरूप अंग कहा जाता है |
जैसे : कबूतर के पंख और तितली के पंख दोनों उड़ने का कार्य करते है | लेकिन कबूतर के पंख में हड्डियाँ होती है | जबकि तितली के पंख में हड्डियां नहीं होती है |