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BSEB Class 10 Biology Chapter 6 प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
प्रश्न 1. छुई मुई की पत्तियाँ किस गति को दर्शाती है ? हमारी टांगो की गति से यह किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर – छुई – मुई की पत्तियाँ ऐसे गति को दर्शाती है | जिनका पौधो के वृद्धि के साथ कोई सम्बन्ध नहीं होता | इसके स्पर्श से पत्तियाँ जल की मात्रा में त्वरित के कारण बदल कर निचे झुक जाती है | ठीक इसके विपरीत हमारी टांगो की गति पर्यावर्णीय अनुक्रिया के द्वारा होती है | जिसका नियंत्रण तंत्रिका तंत्र के द्वारा सावधानी से किया जाती है |
प्रश्न 2. पौधो में गैसों का श्वसन प्रदान कैसे होता है ?
उत्तर – पौधो में गैसों का आदान प्रदान उनके पत्तियों में उपस्थित रंध्र के द्वारा होता है | उनमे आक्सीजन यानी O2 एवं CO2 का आदान [प्रदान विसरण क्रिया के द्वारा होता है | जिसकी दिशा पौधो की आवश्यकता पर निर्भर करती है |
प्रश्न 3. प्रश्वास क्या है ?
उत्तर – श्वसन क्रिया के दौरान हवा के नासिका से फेफड़े तक पहुंचाना एवं हवा को फेफड़े की दीवार से स्थित कोशिकाओं के रक्त में जाने की क्रिया प्रश्वास कहलाती है |
प्रश्न 4. प्लाज्मा किसे कहते है ?
उत्तर – रक्त का तरल भाग R.B.C और W.B.C को प्लाज्मा कहते है |
प्रश्न 5. वृक्क का आकार कैसा होता है ?
उत्तर – वृक्क का आकार सेम के बिज के आकार का होता है | यह लगभग 10 सेमी. लम्बा 5 से 6 सेमी. चौड़ा और 2.5 से 4 सेमी. मोटा होता है |
प्रश्न 6. लैटेक्स क्या है ?
उत्तर – पीपल , बरगद एवं कनेरा की पत्तियों में दुधिया तरल के रूप में उत्सर्जी पदार्थ को लैटेक्स या रबड़ क्षीण कहते है |
प्रश्न 7. डायलिसिस का सिद्धांत क्या है ?
उत्तर – कभी – कभी संक्रमन या उपयुक्त रुधिर की आपूर्ति न होने या किसी अन्य कारणों से वृक्क क्षतिग्रस्त होकर कार्य करना बंद कर देता है | ऐसी स्थिति में उत्सर्जी पदार्थो को छानने तथा जल एवं लवणों के उचित मात्रा के संतुलन के लिए कृत्रिम वृक्क का व्यवहार करना पड़ता है | इसी विधि को डायलिसिस का सिद्धांत कहते है |
प्रश्न 8. जन्तुओ में नियंत्रण एवं समन्वय कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – जन्तुओ में नियंत्रण एवं समन्वय दो प्रकार के होते है जो इस प्रकार से है –
क. तंत्रिका नियंत्रण एवं समन्वय
ख. रासायनिक नियंत्रण एवं समन्वय
क. तंत्रिका नियंत्रण एवं समन्वय
ख. रासायनिक नियंत्रण एवं समन्वय
प्रश्न 9. परागकोष किसे कहते है ?
उत्तर – पुंकेसर के अग्र भाग से लगी थैलिनुमा रचना जिसमे पराग कण भरे रहते है | उसे परागकोष कहते है |
प्रश्न 10. परागण किसे कहते है ?
उत्तर – परागकणों का परागकोष से वतिकाग्र पर स्थानांतरण की प्रक्रिया परागण कहलाती है |
प्रश्न 11. स्वपरागण किसे कहते है ?
उत्तर – एक ही पुष्प के परागकणों का उसी पुष्प के वतिकाग्र पर स्थानान्तरण को स्वपरागण कहते है |
प्रश्न 12. पुरुष नसबंदी किसे कहते है ?
उत्तर – सैलय क्रिया द्वारा शुक्रवाहिका को काट कर धागों से बाँधना जिससे वृष्ण में बनने वाले शुक्राणुओ का प्रवाह स्त्री के योनी में न हो पाए उसे ही पुरुष नसबंदी कहते है |
प्रश्न 13. स्त्री नसबंदी किसे कहते है ?
उत्तर – सैल्य क्रिया द्वारा फ्लोपियन नालिका को काट कर धागे से बाँधना जिससे अंडाणु गर्भशय की ओर प्रवेश न कर पाए उसे स्त्री नसबंदी कहते है |
प्रश्न 14. परपरागण किसे कहते है ?
उत्तर – एक ही पुष्प के परागकानो को दुसरे पुष्प पर स्थानांतरण करना ही परपरागण कहलाता है |
प्रश्न 15. रजो निवृति क्या है ?
उत्तर – वह स्थिति जिसमे नारी को सन्तान उत्पन्न करने की क्षमता समाप्त हो जाती है | उसे रजो निवृति कहते है |
प्रश्न 16. क्या अँधेरे में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सम्पन्न हो सकती है ?
उत्तर – नहीं अँधेरे में र्प्काश संश्लेष्ण की क्रिया सम्पन्न नहीं होती है | क्योकि सूर्य की रौशनी या अन्य कृत्रिम रौशनी ही इस क्रिया के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करती है |
प्रश्न 17. श्वसन क्रिया कोशिका के किस हिस्से में सम्पन्न होती है ?
उत्तर – श्वसन क्रिया का प्रथम चरण कोशिका द्रव्य में तथा दूसरा चरण माईट्रोकानड्रिया में पूरा होता है |
प्रश्न 18. अलैंगिक जनन की क्या विशेषताएं होती है ?
उत्तर – अलैंगिक जनन में युग्मक यानी शुक्राणु और अंडाणु भाग नहीं लेते है | जिसके कारण संतान पैदा नहीं होता है | वे आनुवांशिक गुणों में ठीक अपने जनको के समान होती है | इस प्रकार के जनन में स्म्सुत्री कोशिका विभाजन या असमसूत्री कोशिका विभाजन होता है |
प्रश्न 19. पत्ते को एल्कोहल में उबालने पर क्या होता है ?
उत्तर – पत्ते को एल्कोहल में उबालने पर पत्ते में उपस्थित क्लोरोफिल वर्णक बाहर निकल जाते है | जिसके कारण पत्ता रंगहीन हो जाता है |
प्रश्न 20. ग्लूकोस को कोशिकाएँ इंधन क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – ग्लूकोस को कोशिकाएँ इंधन इसलिए कहा जाता है | क्योकि ऊर्जा यानी ATP के उत्पादन के लिए कोशिका मुख्यतः ग्लूकोस का उपयोग करती है |
प्रश्न 21. श्वसन क्रिया के दौरान क्या – क्या होता है ?
उत्तर – श्वसन क्रिया के दौरान सबसे पहले बाहरी वातावरण से आक्सीजन को गृहण करके शरीर के सभी कोशिकाओं में पहुंचाया जाता है | जहां पर इस आक्सीजन का उपयोग ग्लूकोस के आक्सीजन में होता है | और जैव ऊर्जा का उत्पादन कार्बन डाई आक्साइड को फिर कोशिकाओं से बाहर निकाल दिया जाता है | क्योकि यह विषैला गैस होता है |
प्रश्न 22. श्वसन और प्रकाश संश्लेष्ण में मुख्य अंतर क्या है ?
उत्तर – श्वसन और प्रकास संश्लेष्ण में मुख्य अंतर यह है की श्वसन एक अपचयी क्रिया है | जबकि प्रकास संश्लेषण उपापचयी क्रिया है |
प्रश्न 23. जैविक आवर्धन क्या है ? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी विभिन्न – विभिन्न होता है ?
उत्तर – विभिन्न साधनों द्वारा हानि पर्दा रसायनों का आहार श्रृंखला होने की प्रक्रिया को जैविक आवर्धन कहते है | हम फसलो को रोगों से बचाने के लिए कीटनाशक पीडक नाशक आदि रसायनों का छिडकाव करते है | इनका छिडकाव करने से कुछ भाग मिटटी द्वारा भूमि में रिस जाता है | जिससे पौधे अपनी जडो के द्वारा खनिजो को ग्रहण करते है | इन्ही पौधो के उपयोग से वे रासायन हमारे शरीर में प्रवेश करते है | तथा पौधे के लगातार सेवन से उनकी सांद्रता बढ़ जाती है | जिसके फलस्वरूप जैविक आवर्धन का विस्तार हो जाता है | हम फसलो को रोगों से बचाने के लिए कीटनाशक पीडक नाशक आदि रसायनों का छिडकाव करते है | इनका छिडकाव करने से कुछ भाग मिटटी द्वारा भूमि में रिस जाता है | जिससे पौधे अपनी जडो के द्वारा खनिजो को ग्रहण करते है | इन्ही पौधो के उपयोग से वे रासायन हमारे शरीर में प्रवेश करते है | तथा पौधे के लगातार सेवन से उनकी सांद्रता बढ़ जाती है | जिसके फलस्वरूप जैविक आवर्धन का विस्तार हो जाता है |
प्रश्न 24. ऊर्जा स्रोत के रूप में जीवाश्म इंधन तथा सूर्य ऊर्जा में अंतर स्पष्ट करे ?
उत्तर – जीवाश्म इंधन और सूर्य ऊर्जा में निम्नलिखित अनतर है जो इस प्रकार से है –
क. जीवाश्म इंधन :- 1. यह ऊर्जा अनविनकरनीय स्रोत है | 2. इसमें भंडारण सिमित है | 3. यह प्रदुषण युक्त इंधन है |
ख. सूर्य ऊर्जा :- 1. जबकि यह ऊर्जा नवीनकरणीय स्रोत है | 2. जबकि इनका स्रोत असीमित है | 3. जबकि यह प्रदुषण मुक्त इंधन है |
प्रश्न 25. बाघ संरक्षण योजना क्या है ? इसे कब लागू किया गया ?
उत्तर – बाधो का संरक्षण बाघ संरक्षण योजना कहलाता है | इसे 1970 में लागू किया गया था |
प्रश्न 26. गर्भ निरोधक की विभिन्न विधियाँ कौन –कौन सी है ? किसी एक विधि को उदाहरण देकर समझावे ?
उत्तर – गोली एवं ऑपरेशान और अन्य गर्भ निरिधक की विभिन्न विधियाँ है | बाह्यकरण ऑपरेशान में पुरुष की शुक्र वाहिका को तथा स्त्री में अंडवाहिका को आंशिक रूप से काट कार हटा दिया जाता है | इससे अंडा एवं स्पर्म संग्लित नहीं हो पाते है | यह विधि Vasectomy कहलाती है |
प्रश्न 27. मस्तिष्क किन – किन चीजो के लिए उत्तरदायी होता है ?
उत्तर – शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए सोचने के लिए हृदय सम्पदन के लिए आवश्यक होता है |
प्रश्न 28. अत्यधिक व्यायाम के दौरान खिलाड़ी के शरीर में क्रेप होने लगता है | क्यों ?
उत्तर – अत्यधिक व्यायाम से खिलाडियों के शरीर में क्रेप होने लगता है | क्योकि खिलाडियों के मास्पेशियो में आक्सीजन की कमी हो जाती है | जिससे ग्लूकोस के विघटन से प्राप्त प्रथम उत्पाद पाय रुवेत तीन कार्बनिक युक्त लैट्रिक अम्ल में परिवर्तित हो जाती है | और यही लैट्रिक अम्ल मांसपेशियों में जमा होने लगता है | जिसके कारण अधिक व्यायाम करने वाले खिलाडियों के शरीर में क्रेप उत्पन्न होने लगता है |
प्रश्न 29. जब एड्रिनिल हार्मोन रुधिर में मिल जाते है तो शरीर में क्या अनुक्रिया होती है ?
उत्तर – एड्रिनिल को आपातकाल हार्मोन भी कहते है | जब कोई व्यक्ति भी या तनाव से ग्रसित होता है | तब शरीर स्वयं एड्रिनिल हार्मोन को बड़ी मात्रा में स्त्रावित कर देता है | ताकि हमारी मांसपेशियों को अधिक आक्सीजन मिल सके | पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है | जिसके कारण छोटी धमनियों के आस – पास की फ्स्लियाँ सिकुड़ जाती है | डायफ्रॉम तथ पेशी की संकुचन से सांस तेजी से चलने लगती है | ये सभी अनुक्रिया मिलकर जंतु शरीर को विषम स्थिति में निपटने के लिए तैयार करती है |
प्रश्न 30. परागण किसे कहते है ? वर्षा होने पर परागण पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – परागकणों का परागकोष से वर्तिकाग्र स्थानान्तरण होने की प्रक्रिया परागण कहलाती है | मक्का के पौधो में वायु परागण होता है | मक्का के पौधो में नर पुष्प एक मंजरी के रूप में शिखर के ऊपर लगता है | जबकि मादा पुष्प पट्टी की कक्षा में नीछे की ओर लगती है | वर्षा के समय परागण भींग जाते है | जिसके कारण वे वर्तिकाग्र तक नहीं पहुंच पाते है |
प्रश्न 31. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा विभिन्नताएँ अधिक स्थाई होती है क्यों ?
उत्तर – लैंगिक जनन निम्नलिखित कारणों से अलैंगिक जनन की अपेक्षा लाभकारी है | लैंगिक जनन में नर और मादा से प्राप्त होने वाले नर युग्मक मादा युग्मक के निषेचन से लैंगिक जनन होता है | चूँकि ये दोनों भिन्न प्राणियों से प्राप्त होते है | इसलिए उनके संतान में विभिन्नता प्रकट होती है | लैंगिक जनन से गुन्सुत्रो के नए जनन बनते है | इससे विकासवाद की दिशा को आयान प्राप्त होता है |
प्रश्न 32. धमनी और सिरा में अंतर स्पष्ट करे ?
उत्तर – धमी औए सिरा में निम्नलिखित अंतर है जो इस प्रकार से है –
क. धमनी :- 1. हृदय से अंगो की ओर जाने वाली रक्त वाहिनी को धमनी कहते है | 2. धमनी में रक्त का भाव ह्रदय से अंग की ओर होता है | 3. धमनी की आंतरिक भित्ति मोटी होती है | 4. धमनी की पेशियाँ लचीली होती है |
ख. सिरा :- 1. जबकि अंगो से हृदय की ओर जाने वाली रक्त वाहिनी को सिरा कहते है | 2. जबकि सिरा में रक्त का भाव अंग से ह्रदय की ओर होता है | 3. जबकि सिरा की आंतरिक भित्ति पत्तली होती है | 4. जबकि सिरा की पेशियाँ लचीली नहीं होती है |
प्रश्न 33. खाध जाल की संक्षिप्त वर्णन करे ?
उत्तर – किसी पारितंत्र में पाया जाने वाला आहार श्रृंखलाओं के संजाल को ही आहार जाल या खाध जाल कहा जाता है | जैसे :- उदाहरण के लिए चूहा अनाज को काटा है | तथा चेहे को सांप खाता है | और सांप को बाज खाता है | इस प्रकार पारितंत्र में आहार श्रृंखलाओं का जाल सा बन जाता है |
प्रश्न 34. श्वसन के लिए एक जलीय जिव की अपेक्षा स्थलीय जिव किस प्रकार लाभदायक है ?
उत्तर – जलीय जिव जल में घुली आक्सीजन को श्वसन के रूप में उपयोग करते है | जल में घुली आक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित आक्सीजन की मात्रा से कम होती है | इसलिए जलीय जिव को श्वसन की दर स्थली जिव की अपेक्षा अधिक तेजी से होती है | मछलियाँ अपने मुंह के द्वारा जल लेती है | और बल पूर्वक इसे क्लोम तक पहुंचाती है | जहां पर जल में घुली आक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है |
प्रश्न 35. परागण क्रिया निषेचन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर – परागकणों का परागकोशो से वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण होने की क्रिया को परागण कहते है | जबकि निषेचन क्रिया में परागकणों का परागनली के द्वारा अंडाशय में मिलन होता है |
प्रश्न 36. मछली , मच्छर , केचुआ और मनुष्य के मुख्य आश्वसन अंगो के नाम बतावे ?
उत्तर – मछली का श्वसन अंग गलफरा है | जबकि मच्छर का श्वसन अंग टैक्रिया है | तथा केचुआ का श्वसन अंग त्वचा है | और मनुष्य का श्वसन अंग फेफड़ा है |
प्रश्न 37. ओजोन क्या है ? यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करता है ?
उत्तर – ओजोन के अनु आक्सीजन के तीन प्र्मानुओ से मिलकर बने होते है | जिसका सूत्र O3 होता है | यह एक गैस का पार्ट है | जो वायुमंडल के समताप मंडल में पायी जाती है | यह सूर्य से आने वाली पराबैगनी किरणों को सोख लेती है | जिसके कारण हमें किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाती है | पराबैंगनी किरने आक्सीजन को विघटित कर स्वतः आक्सीजन परमाणु बनाती है | और ये आक्सीजन के स्वतंत्र परमाणु संयुक्त होकर ओजोन बनाते है | अगर ओजोन पार्ट नहीं होती तो ये हानिकारक पराबैंगनी किरने पृथ्वी पर पहुंच जाती | और मानव तथा अन्य जन्तुओ में कैंसर जैसी बिमारी उत्पन्न करती |