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Bihar Board Class 10th Sanskrit Solutions भारतमहिमा |
संस्कृत कक्षा 10 भारतमहिमा, Class 10th Sanskrit chapter 5 Bharat Mahima,, भारत महिमा संस्कृत, कक्षा दसवीं के संस्कृत के प्रश्न उत्तर, class 10 sanskrit chapter 5 solution, पाठ- 5 भारतमहिमा Subjective, Class 10th Sanskrit Subjective 2022, बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत का Chapter 5 भारत महिमा,
Bseb Class 10 Sanskrit Solutions chapter 5 भारतमहिमा Subjective,
पाठ – 5 भारतमहिमा
|| अर्थ स्पष्ट करे ||
1. गायन्ति देवा . . . . . . . . . . . . . . . . . पुरुषाः सुरत्वात् ||
अर्थ :- कवि वेद व्यास जी देवताओं के शब्दों में भारत की गैरव गरिमा का गान करते हुए कहते है,, की वह भारत भूमि देवता लोग भी आया करते है,, और तरसते है इस धरती को या इस पावन धरा को उत्कृष्ट करते है,, देवता लोग भारतीय धरा धाम पर जन्म लेने वाले भारतवासियों की प्रसंसा करते हुए कहते है,, की धनी है वे भारतभूमि के लो जो भारत भूमि पर जन्म लेकर देवता को प्राप्त करते है |
2. अहो अमिबां किमकारि शोभनं |
प्रसन्न एवां स्विदुत स्वयं हरिः |
यैजर्नम् लब्धं नृषु भारताजिरे |
मुकुन्दसेवैपायिकं स्पृहा हिं नः ||
अर्थ :- प्रस्तुत श्लोक में कवी वेद व्यास जी भारत की महिमा और सुन्दरता का वर्णन करते हुए कहते है,, की अरे इस भारत को परमात्मा ने क्या करके इतना सुंदर बनाया है,, यह सुंदर आकर्षण का केंद्र बनता आया है,, कवि कहते है,, की लगता है की हरी ने अपनी हाथो से सुन्दरता के सभी कलाओं को सजाते हुए इसका निर्माण किया है | ये मनुष्य यहाँ जन्म प्राप्त कर विष्णु की सेवा करने के लायक बनाते है,, और श्री विष्णु के सेवा की इच्छुक होकर आपना जीवन सफल करते है |
3. इयं निर्मला वत्सला मात्रिभुमिः |
प्रसिद्ध सदा भारतं वर्षमेतत् |
विभिन्न जना धर्मजातिप्र्भेदै |
रिहैक्त्वभावं वहन्तो वसन्ति |
अर्थ :- प्रस्तुत श्लोक में कवि ने भारत भूमि की प्रशंसा करते हुए कहा है,, की यह भारत भूमि निर्मल और कोमल है,, यह प्राचीन समय से ही सदा के लिए प्रसिद्ध रही है,, यहाँ पर अनेक जाति, धरम के विभिन्न लोग एकत्व भाव को धारण करते हुए प्रेम पूर्वक रहते है |
4. विशालासमदिया धरा भारतीया |
सदा सेविता सागैर रम्यरूपा |
वनैः पर्वतैनिर्क्षरैभ्र्व्यभूति |
वर्ह्न्तिभिरेषा शुभा चापगाभि : |
अर्थ :- प्रस्तुत श्लोक में कवी भारत की विशालता का वर्णन करते हुए कहते है,, की यह हमारी भारत की भूमि प्राचीन समय से ही विशाल रही है,, और हमेशा से ही यह भारत भूमि सुन्दरता को धारण करती हुई सागरों के द्वारा शोभित हो रही है,, जंगलो पर्वतों और झरनों आदि से विशाल वैभव को धारण करती आई है,, तथा कल्याणकारी नदियों को धारण करती हुई सम्पन्नता से परिपूर्ण रही है |
5. जगद् गैरव भरतं शोभ्नियं |
स्दास्माभिरेत्त्था पूजनीयंम् |
भवेद् देशभक्ति : समेषां ज्ञानानां |
प्रादर्शरूपा सदावर्जनीया ||
अर्थ :- प्रस्तुत श्लोक में कवी ने भारत की सुन्दरता और गिरव गरिमा का वर्णन करते हुए कहा है,, की यह भारत प्राचीन समय से ही संसार में गैरव गरिमा और सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध रही है | और सदा से ही हम सभी भारतीयों के लिए पूजनीय रही है,, इस प्रकार वर्तमान में इस भारत की प्राचीन गैरव गरिमा को ध्यान रखते हुए हम सभी भारत वासियों के द्वारा इस देश की भक्ति की जानी चाहिए | क्योकि यह भारत प्राचीन काल से जी हमारे लिए आदर्श रूप में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है |
|| पाठ के साथ ||
1. भारत महिमा पाठ से हमें क्या सन्देश मिलता है ? आथवा भारत महिमा पाठ से क्या शिक्षा मिलती है ? पांच वाक्यों में उत्तर दे |
उत्तर - भारत महिमा पाठ से यह सन्देश मिलता है की हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए,, हम भर्तियो को हरी को सेवा करने का मौका मिला है,, और मोक्ष की प्राप्ति का भी अवसर मिला है,, हमे देश भक्त होना चाहिए,, और अन्य भारतीयों से मिल जुलकर रहना चाहिए |
2. मातृभूमि का वर्णन किस रूप में किया गया है, पठित पाठ के आधार पर लिखे ?
उत्तर – हिमालय की गोद में वसा हुआ भारत निश्चित ही स्वर्ग सा सुंदर है,, कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक एकता एकं समदर्शिता का भाव होता है,, यह मातृभूमि निर्मल एवं ममतामयी है,, यहाँ लोग धर्म – जाति के भेदों को भूलकर एक भाव से रहते है,, विभिन्न पर्व त्यौहार यहाँ की एकता को एक सूत्र में पिरोये रहते है,, इसकी भूमि विशाल एवं रम्यरूप है,, यह सागरों पर्वतों एवं झरनों को घारण करते हुए नदियों के द्वारा सदा सेवित है |
3. भारत महिमा का वर्णन पठित पाठ के आधार पर करे | आथवा भारत महिमा पाठ का सारांश प्रस्तुत करे ?
उत्तर – भारत का प्राकृतिक सौंदर्य स्वर्ग सा है,, यह देवताओ , ऋषिओ एवं महापुरुषों की अवतरण भूमि है,, इसकी महिमा का वर्णन विष्णु पुराण एवं भगवत पुराण में देखने को मिलता है,, भारत भूमि पर अवतरित होने वाले मनुष्य निश्चित ही धन्य है,, हमारी भारत भूमि विशाल रम्यरूप और कल्याणप्रद है,, अत्यंत शोभनीय और संसार का गैरव भारत हम सबो के द्वारा सदैव पूजनीय है,, यहाँ धर्म – जाति के भेदों को भूलकर एकता एवं सहिष्णुता का पाठ पढाया जाता है |
4. भारत महिमा पाठ का पांच वाक्यों में परिचय दे ?
उतर – इस पाठ में भारत के महत्व के वर्णन से संबंधित पुराणों के दो पद तथा तीन आधुनिक पद दी गए है,, हमारे देश भारतवर्ष को प्राचीनकाल से इतना महत्व दिया गया था | की देवगण भी यहाँ जन्म लेने के लिए तरसते है,, इसकी प्राकृतिक सुषमा अनेक प्र्दुष्णकारी तथा विध्वंसक क्रियाओं के बाद भी अनुपम है |
5. देवता लोग किस देश का गुणगान करते है ? और क्यों |
उत्तर – देवता लोग भारत देश का गुणगान करते है,, क्योकि भारतीय भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त करने का साधन है,, मनुष्य भारतभूमि पर जन्म लेकर भगवान हरी की सेवा के योग्य बन जाते है |
6. भारत भूमि कैसी है, तथा यहाँ किस प्रकार के लोग रहते है ?
उत्तर – प्रस्तुत श्लोक के आधार पर हमारी भारत भूमि निर्मल और पवित्र है,, इस प्रकार प्राचीन समय से ही यह भारत सदा के लिए प्रसिद्ध है,, यहाँ पर विभिन्न जाति , धर्मो के लोग एकता भाव को धारण करते हुए प्रेम पूर्वक रहते है |
7. भारतीयों की विशेषताओं का वर्णन करे ?
उत्तर – भारत में जन्म लेकर लोग धन्य होते है,, और भगवान की सेवा करते है,, उन्ह्हे स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति होती है,, भरतीय लोग धर्म और जाति की भेदभाव को नहीं मानते है,, इनमे एकता की भाव होती है | सभी भारतीयों की देशभक्ति आकर्षक है,, और दुसरो के लिए आदर्श रूपी है |
8. भारत महिमा पाठ का क्या उद्देश्य है ?
उत्तर - भारत महिमा पाठ में पौराणिक और आधुनिक पद संकलित है,, इन सभी पदों का उद्देश्य भारत और भारतीयों की विशेषताओं का वर्णन करना है,, इनमे भारत की सुन्दरता एवं भारतीयों की देश भक्ति की और ध्यान आकर्षित किया गया है |