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BSEB Class 10th Chemistry Solutions Chapter 2 अम्ल, क्षार एवं लवण Subjective
प्रश्न 1. हिरा कठोर क्यों होता है ?
उत्तर – हिरा में कार्बन परमाणु त्रिवियम संरचना के रूप में सजे होते है | जिनमे प्रत्येक कार्बन चार एनी कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजन बंधन द्वारा जुड़े रहते है | यह सहसंयोजक बंधन हीरे की संरचना को काफी मजबूती प्रदान करता है | जिसके कारण हिरा कठोर होता है |
प्रश्न 2. कार्बन के कितने अपरूप होते है ?
उत्तर – कार्बन के मुख्य रूप से दो अपरूप होते है
क. हीरा
ख. ग्रेफाईट
क. हीरा
ख. ग्रेफाईट
प्रश्न 3. जैव पदार्थ क्या है ?
उत्तर – प्रारंभिक विचारधारा के अनुसार कार्बन से प्राप्त होने वाले पदार्थो को जैव पदार्थ या कार्बनिक पदार्थ कहते है |
इस सिद्धांत को जीवन शक्ति का सिद्धांत भी कहा जाता है | इस सिद्धांत के अनुसार कार्बनिक पदार्थो का निर्माण प्रयोगशाला में नहीं किया जाता है | इन्हें केवल प्रकृति से ही प्राप्त किया जाता है | आगे फैडरिक ओहलर नए सर्वप्रथम अमोनिया साइनेट यूरिया नामक कार्बनिक यौगिक का निर्माण किया इससे जीवन शक्ति का सिद्धांत गलत हो गया | तत्य्पश्चात नये – नये कार्बनिक यौगिक प्रयोगशाला में निर्मित होने लगा
इस सिद्धांत को जीवन शक्ति का सिद्धांत भी कहा जाता है | इस सिद्धांत के अनुसार कार्बनिक पदार्थो का निर्माण प्रयोगशाला में नहीं किया जाता है | इन्हें केवल प्रकृति से ही प्राप्त किया जाता है | आगे फैडरिक ओहलर नए सर्वप्रथम अमोनिया साइनेट यूरिया नामक कार्बनिक यौगिक का निर्माण किया इससे जीवन शक्ति का सिद्धांत गलत हो गया | तत्य्पश्चात नये – नये कार्बनिक यौगिक प्रयोगशाला में निर्मित होने लगा
प्रश्न 4. समावयवी क्या है ?
उत्तर – वैसे कार्बनिक यौगिक जिसका अनुसुत्र सामान परन्तु भौतिक गुण एवं रासायनिक गुण भिन्न – भिन्न हो उसे समावयवी कहते है | अतः इसी घटना को समावयवी कहते है |
प्रश्न 5. हाइड्रोकार्बन क्या है ?
उत्तर – हाइड्रोकार्बन तथा कार्बन से बने यौगिक को हाइड्रोकार्बन कहते है |
प्रश्न 6. हाइड्रोकार्बन को कैसे प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर – हाइड्रोकार्बन को पेट्रोलियम से तथा हवा की अनुपस्थिति में कोयला को गर्म करके प्राप्त किया जाता है |
प्रश्न 7. हैलोजनिकरण क्या है ?
उत्तर – हैलोजनीकरण एक ऐसा विधि है , जो सूर्य की प्रकाश की उपस्थिति में एल्केन की अभिक्रिया क्लोरिन के साथ कराने पर एल्केन के सभी हाइड्रोजन परमाणु द्वारा प्रति विस्थापित हो जाते है |
प्रश्न 8. हिरा और ग्रेफाईट में क्या अंतर है ?
उत्तर – हीरा औए ग्रेफाईट में निम्नलिखित अंतर है जो इस प्रकार से है :-
क. हिरा :- 1. हिरा कठोर होता है | 2. हिरा विधुत का कुचालक होता है | 3. हिरा को कागज पर रगड़ने से काला निशान नहीं पड़ता है | 4. यह पारदर्शी एवं रंगहीन होता है | 5. इसमें खो की संरचना होती है
ख. ग्रेफाईट :- 1. जबकि ग्रेफाईट मुलायम होता है | 2. जबकि ग्रेफाईट विधुत का सुचालक होता है | 3. जबकि ग्रेफाईट को कागज पर रगड़ने पर काला निशाँ पड़ता है | 4. यह अपरादर्शी होता है | 5. इसमें खो की संरचना स्पस्ट कोणीय होती है |
प्रश्न 9. सिरका क्या है ?
प्रश्न 10. साबुन और अपमार्जक में क्या अंतर है ?
उत्तर – साबुन तथा अपमार्जक में निम्नलिखित अंतर है जो इस प्रकार से है :-
क. साबुन :- 1. साबुन का जलीय ढोल क्षारीय होता है | 2. साबुन में कपड़ा साफ़ करने की क्षमता कम होती है | 3. यह जल में कम धुलनशील है | 4. यह कठोर जल में कठिनाई से झाग उत्पन्न करता है | 5. साबुन के निर्माण वनस्पति तेल या चरबी से होता है |
ख. अपमार्जक :- 1. जबकि अपमार्जक का जलीय ढोल उदासीन होता है | 2. जबकि अपमार्जक में कपड़ा साफ़ करने की क्षमता अधिक होती है | 3. जबकि यह जल में अधिक धुलनशील है | 4. जबकि यह कठोर जल में आसानी से झाग उत्पन्न करता है | 5. जबकि अपमार्जक का निर्माण कोयला तथा पेट्रोलियम से प्राप्त हाइड्रोजन से होता है |
प्रश्न 11. साबुन की क्रिया विधि को लिखे ?
उत्तर – साबुन का अनु दो घटक C17 H35 और Coonan सोडियम एसिटेट समूह से बना है | हाइड्रोकार्बन C17 H35 जल को प्रति आकर्षित करता है | अतः यह समूह जल विरागी कहलाता है | जल का विरागी भाग कपड़े में मैल से चिपक जाता है | ये कपडे की सतह से मैल को खीचकर कपडे से बाहर करता है | साबुन को जल में घुलाने पर मिसेल्स बनता है | मिसेल्स में हाइड्रोकार्बन केंद्र की और सोडियम एसिटेट बाहर की ओर होता है | कपडे की मैल चिकनी मिसेल्स से फस कर कपड़ो से दूर हो जाता है |
प्रश्न 12. साबुन का कठोर जल के साथ कैसा व्यवहार होता है ?
उत्तर – कठोर जल में कैल्शियम मैग्नेशियम सल्फेट क्लोरिन के लवण धुले रहते है | जब साबुन को कठोर जल के साथ प्रयोग किया जाता है तो साबुन से कैल्शियम मैग्नेशियम का धुलनशील लवन बनाते है जो रगड़ने पर टूटकर कपड़े के छिद्रों में फस जाते है | जिससे कपड़े की सफाई करने में कठिनाई होती है |
प्रश्न 13. कार्बन एवं उसके यौगिक का प्रयोग अधिकांश कार्यो में इंधन के रूप में क्यों किया जाता है ?
उत्तर – कार्बन एवं उसके यौगिक का प्रयोग अधिकांश कार्यो में इंधन के रूप में होता है क्योकि यह धन के फलस्वरूप काफी मात्रा में ऊष्मा देते है | इसमें कार्बन एवं हाइड्रोजन की मात्रा अधिक होने के कारण इसका ज्वलन ताप सामान होता है | इसके धन पर नियंत्रण सम्भव है |
प्रश्न 14. एसिटिक अम्ल बनाने की विधि का वर्णन करे ?
उत्तर – पोटेशियम दाइक्रोमेट या क्षारीय पौटेशियम पर मैगनेट की उपस्थिति में इथाइल एल्कोहल को गर्म करने पर एसिटिक अम्ल बनता है |
गुण – इसके निम्नलिखित गुण है जो इस प्रकार से है :-
क. क्षार के साथ अभिक्रिया
ख. एसिटिक अम्ल का सोडियम कार्बोनेट तथा सोडियम बाइकार्बोनेट की अभिक्रिया
गुण – इसके निम्नलिखित गुण है जो इस प्रकार से है :-
क. क्षार के साथ अभिक्रिया
ख. एसिटिक अम्ल का सोडियम कार्बोनेट तथा सोडियम बाइकार्बोनेट की अभिक्रिया
प्रश्न 15. साबुनीकरण क्या है ?
उत्तर – एस्टर अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके एसिटिक अम्ल या एल्कोहल बनाता है इस क्रिया को साबुनीकरण कहते है |
प्रश्न 16. किडवन क्या है | चीनी से एल्कोहल कैसे बनता है |
उत्तर – वह रासायनिक प्रतिक्रिया जिसमे जटिल कार्बनिक यौगिक एंजाइम की उपस्थिति में टूटकर सरल कार्बिक यौगिक में बदलने की प्रक्रिया को किडवन कहते है |
जैसे :- क. दूध से धी का जमना
ख. गन्ने के रस से साराब का बनना
ग. गिले आटे का सटा होना
घ. जीवित पदार्थो का सड़ना आदि
जैसे :- क. दूध से धी का जमना
ख. गन्ने के रस से साराब का बनना
ग. गिले आटे का सटा होना
घ. जीवित पदार्थो का सड़ना आदि
प्रश्न 17. बहुलीकरण क्या है ?
उत्तर – वह रासायनिक प्रतिक्रिया जिसमे किसी एक ही कार्बनिक यौगिक के दो या दो से अधिक अणु आपस में मिलकर एक बड़े अणु का निर्माण करते है | उसे बहुलीकरण कहते है |
प्रश्न 18. एल्कोहल एवं कर्बोकिसिलिक अम्ल में क्या अंतर है ?
उत्तर – एल्कोहल एवं कर्बोकिसिलिक में निम्नलिखित अंतर है जो इस प्रकार से है –
क. एल्कोहल :- 1. एल्कोहल का लिटमस पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है | 2. एल्कोहल सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया नहीं करता है |
ख. कर्बोकिसिलिक अम्ल :- 1. जबकि कार्बोकिसिलिक अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है | 2. जबकि कार्बोकिसिलिक अम्ल सोडियम कार्बोनेट से अभिक्रिया करता है |
प्रश्न 19. एल्केन क्या है ?
उत्तर – एल्केन वह इलेक्ट्रौनिक कार्बन है | जिसमे कार्बन के चारो संयोजकता एकल बंधन द्वारा जुड़ा हो उसे एल्केन कहते है | इसका समान सूत्र CNH2N+2 होता है |
प्रश्न 20. हिरा का क्या उपयोग है | बतावे एवं हिरा किसे कहते है ?
उत्तर – हिरा कार्बन का एक खादान अपरूप होता है | जिसमे प्रत्येक कार्बन परमाणु अन्य चार कार्बन परमाणुओं से संयोजी बंधन द्वारा एक मजबूत स्थाई त्रिविमीय रचना बनाती है | यह रचना चतुरफलकीय होती है | जो त्रिविमीय में फैलकर बहुत बड़ी रचना बनाती है | जिसके कारण हिरा बहुत कठोर होता है | तथा यह विधुत का कुचालक होता है |
उपयोग :- 1. हिरा का उपयोग सीसा काटने में तथा चटानो में छिद्र करने में होता है | 2. पारदर्शी हिरा का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है |
उपयोग :- 1. हिरा का उपयोग सीसा काटने में तथा चटानो में छिद्र करने में होता है | 2. पारदर्शी हिरा का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है |
प्रश्न 21. मकखन एवं खाना बनाने वाले तेल के बिच रासायनिक अंतर बताने के लिए एक प्रयोग करे ?
उत्तर – मक्खन एक संतृप्त हाइड्रोकार्बन है | तथा खाना बनाने वाला तेल एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है | दो परखनली में मक्खन एवं खाना बनाने वाला तेल के थोड़ी – थोड़ी मात्रा लेते है | उसके बाद मक्खन वाले परखनली को गर्म कर पिघला देते है | उसके बाद दोनों परखनली में ब्रोमिन की कुछ बुँदे डालते है | तो हम पाते है की खाना बनाने वाला तेल परखनली से ब्रोमिन जल का लाल भूरा रंग समाप्त हो जाता है | लेकिन मक्खन वाले परखनली के ब्रोमिन जल समाप्त नहीं होता है |
प्रश्न 22. विकृत एल्कोहल क्या है ?
उत्तर – एथेनौल में मेथेनौल जैसा जहरीला पदार्थ मिला देने से वह पिने लायक नहीं रहता है | ऐसे एल्कोहल को ही विकृत एल्कोहल कहते है | इसका प्रयोग प्रयोगशाला में होता है |
प्रश्न 23. यदि आप लिटमस पत्र से साबुन की जांच करेंगे तो क्या पाएंगे ?
उत्तर – जब हम लिटमस पत्र से साबुन की जांच करते है | तो साबुन लिटमस पत्र को नीला कर देता है |
प्रश्न 24. समजातीय श्रेणी क्या है ?
उत्तर – कार्बनिक यौगिको की ऐसी श्रेणी ज्जिसमे दो लगातार सदस्यों के अणु सूत्रों में CH2 का अंतर पाया जाता है | उसे समजातीय श्रेणी कहते है |
नोटः- समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के निर्माण में विधि एवं रासायनिक गुण सामान होता है |
ii. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक ही विधि से बनाया जाता है –
जैसे :- CH4 , C2H6 , C3H5 , C4H10 , C5H2 , C6H14 , C7 H16
नोटः- समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों के निर्माण में विधि एवं रासायनिक गुण सामान होता है |
ii. समजातीय श्रेणी के सभी सदस्यों को एक ही विधि से बनाया जाता है –
जैसे :- CH4 , C2H6 , C3H5 , C4H10 , C5H2 , C6H14 , C7 H16
प्रश्न 25. स्माव्यता कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर – समाव्यता मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है –
क. संरचनात्मक समाव्यता
ख. त्रिवियम
क. संरचनात्मक समाव्यता
ख. त्रिवियम
प्रश्न 26. एल्कोहल कैसे प्राप्त किया जाता है ?
उत्तर – एल्किल हाइड्रालाइ को जलीय सोडियम हाइड्रो आक्साइड प्राप्त होता है |
जैसे :- CH3CL + NaoH गर्म करने पर CH3OH + Nacl मेथेनाल नामक
CH3CH2cl + NaoH गर्म करने पर CH3CH2OH + Nacl एथेनाल नमक
जैसे :- CH3CL + NaoH गर्म करने पर CH3OH + Nacl मेथेनाल नामक
CH3CH2cl + NaoH गर्म करने पर CH3CH2OH + Nacl एथेनाल नमक
प्रश्न 27. मेथेनाल पिने से मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – मेथेनाल पिने से मानव शरीर पर अन्माद्क प्रभाव पड़ता है | यह एक अत्यंत विषैला गैस है | जिसके कारण मेथेनाल लीवर से आक्सीकृत होकर मेथेनाल में बदल जाता है | जो हमारे कोशिकाओं के साथ तेजी से अभिक्रिया कर लीवर को अंडे के अम्लेट की तरह जमा देता है | जिससे मेथेनाल नेत्र सम्बन्धी सिराओ को प्रभावित कर अंधापन उत्पन्न करता है |
प्रश्न 28. एथेनाल पिने से क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर – एथेनाल पिने से मनुष्य के मानसिक संतुलन की कमी एवं अन्य्धिक मात्रा में हाइड्रोजन गैस मुक्त होने के कारण पाचन शक्ति का गडबडी हो जाती है |
प्रश्न 29. अपमार्जक क्या है ?
उत्तर – अपमार्जक एक ऐसा ठोस पदार्थ है जो जल के साथ अभिक्रिया करके किसी भी वस्तु को साफ़ करता है | और फेन उत्पन्न करता है |
प्रश्न 30. आक्सीजन औजेट क्या है ?
उत्तर – आक्सीजन औजेट वह पदार्थ है जिसमे अन्य पदार्थो को आँक्सीजन देने की क्षमता होती है |
प्रश्न 31. कार्बन के बाहरी कक्षा में कितने इलेक्ट्रौन रहते है |
उत्तर – 4
प्रश्न 32. प्रयोगशाला में मीथेन बनाने की विधि एवं क्लोरिन के साथ इसकी रासायनिक अभिक्रिया को लिखे ? आथवा प्रयोगशाला में मीथेन गैस किस प्रकार बनता है | सिद्धांत सहित वर्णन करे ?
उत्तर – बनाने की विधि :- सोडियम एसिटेट और सोडा लाइम के मिश्रण को गर्म करने पर मीथेन गैस बनता है | CH3CooNa + NaoH गर्म करने पर Na2Co3 +CH4
बनावट :- चित्र उपलब्ध नहीं है
क्रियाविधि या सिद्धांत :- प्रयोगशाला में मीथेन गैस बनाने के लिए एक खड़े कांच की परखनली में सोडियम एसिटेट और सोडलाईम के मिश्रण को रखकर चित्र के अनुसार उपकरण पर सजाया जाता है | परखनली को गर्म करने पर CH
क्रियाविधि या सिद्धांत :- प्रयोगशाला में मीथेन गैस बनाने के लिए एक खड़े कांच की परखनली में सोडियम एसिटेट और सोडलाईम के मिश्रण को रखकर चित्र के अनुसार उपकरण पर सजाया जाता है | परखनली को गर्म करने पर CH4 गैस बनती है | जिसे जल विस्थापन विधि से जमा किया जाता है |
क्लोरिन के साथ अभिक्रिया :- मीथेन और क्लोरिन के मिश्रण को सूर्य के विपरीत प्रकाश में र्ख्देने पर मीथेन क्लोरिन से अभिक्रिया करता है | इसमें मीथेन के चारो हाइड्रोजन परमाणु बारी – बारी से क्लोरिन परमाणु द्वारा विस्थापित हो जाता है |
बनावट :- चित्र उपलब्ध नहीं है
क्रियाविधि या सिद्धांत :- प्रयोगशाला में मीथेन गैस बनाने के लिए एक खड़े कांच की परखनली में सोडियम एसिटेट और सोडलाईम के मिश्रण को रखकर चित्र के अनुसार उपकरण पर सजाया जाता है | परखनली को गर्म करने पर CH
क्रियाविधि या सिद्धांत :- प्रयोगशाला में मीथेन गैस बनाने के लिए एक खड़े कांच की परखनली में सोडियम एसिटेट और सोडलाईम के मिश्रण को रखकर चित्र के अनुसार उपकरण पर सजाया जाता है | परखनली को गर्म करने पर CH4 गैस बनती है | जिसे जल विस्थापन विधि से जमा किया जाता है |
क्लोरिन के साथ अभिक्रिया :- मीथेन और क्लोरिन के मिश्रण को सूर्य के विपरीत प्रकाश में र्ख्देने पर मीथेन क्लोरिन से अभिक्रिया करता है | इसमें मीथेन के चारो हाइड्रोजन परमाणु बारी – बारी से क्लोरिन परमाणु द्वारा विस्थापित हो जाता है |
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