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Bseb Class 10 Science Solutions कार्बन एवं उसके यौगिक Subjective
प्रश्न 1. परमाणु के नाभिक धन आवेश होते है क्यों ?
उत्तर – परमाणु के नाभिक इसलिए धनावेशित होते है क्योकि उसमे दो कण पाए जाते है | एक प्रोटोन जिस पर धनावेशित रहता है | दूसरा न्युट्रान जो उदासीन रहता है | इस पर न तो धन आवेश रहता है | और नहीं ऋण आवेश रहता है | न्युट्रान के इसी उदासीनता के कारण ही परमाणु को नाभिक धनावेशित होता है |
प्रश्न 2. एक ही समूह के सभी तत्व के गुण समरूप क्यों होते है ?
उत्तर – एक ही समूह के सभी तत्व के गुण समरूप इसलिए होते है क्योकि इन तत्व के परमाणु के बाहरी कक्षा में एक समान इलेक्ट्रौन पाये जाते है और इनकी संयोजकता भी एक समान होती है | तथा इनकी अणु मुक्त अवस्था में पायी जाती है |
प्रश्न 3. मेंडलीव नए अपने आर्वत सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए थे क्यों ?
उत्तर – मेंडलीव नए अपने आर्वत सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए थे क्योकि सभी ज्ञात तत्व का समावेश नहीं हो पाता था |
प्रश्न 4. मेडलीव की आर्वत सारणी में हिल्याँ निआन तथा आर्गन जैसे उत्कृष्ट गैसों का उल्लेख क्यों नहीं किया गया है ?
उत्तर – मेंडलीव नए अपनी आर्वत सारणी में हीलियम निओन तथा आर्गन जैसे उत्कृष्ट गैस का उल्लेख इसलिए नहीं किया गया था क्योकि उस समय इन उत्कृष्ट गैस का अविष्कार नहीं हुआ था और जब इनका अविष्कार हुआ तो इन्हें एक अलग वर्ग में रख दिया गया |
प्रश्न 5. आधुनिक आर्वत नियम क्या है ?
उत्तर – तत्व के भौतिक और रसायनिक गुण उनके परमाणु संख्या के आर्वत फलन होते है | आर्थात यदि तत्व के परमाणु संख्या के बदले हुए कम निशिचित अंतराल के बाद समान्य गुण वाले तत्व प्राप्त होते है |
प्रश्न 6. मेंडलीव के आर्वत सारणी के माप दंड क्या है ?
प्रश्न 7. आधुनिक आर्वत सारणी या मोसले के आर्वत सारणी को समझाए |
उत्तर – 1931 में वैज्ञानिक हेब्रिमोसले नए बताया की तत्व की वर्गीकरण परमाणु द्रव्यमान के तुलना में परमाणु संख्या के सम्बन्ध में अधिक उपयोगी होगा यानी मोसले साहब नए तत्वों को बढ़ते हुए परमाणु संख्या के आधार पर एक आर्वत सारणी तैयार किए जिसमे 18 वर्ग और 7 आर्वत होते है | इसे आधुनिक आर्वत सारणी कहते है |
प्रश्न 8. आयनन उर्जा क्या है ?
उत्तर – सह्सयोजक बंधन में कमजोर से बंधे इलेक्ट्रान को निष्काषित करने के लिए आवश्यक ऊर्जा को आयनन उर्जा कहते है |
प्रश्न 9. हाईलोजन क्या है ?
उत्तर – वर्ग के सभी तत्वों को हाईलोजन कहते है |
जैसे :- फ़्लोरिन , क्लोरिन , ब्रोमिन , आयोडीन
जैसे :- फ़्लोरिन , क्लोरिन , ब्रोमिन , आयोडीन
प्रश्न 10. किस वर्ग के तत्व क्षार धातु कहलते है ?
उत्तर – वर्ग एक के तत्व क्षार धातु कहलाते है | जैसे:- हाइड्रोजन , लिथियम
प्रश्न 11. किस वर्ग के तत्व क्षारीय मृदा धातु कहलाती है ?
उत्तर – वर्ग 2 के तत्व क्षारीय मृदा धातु कहलाती है | जैसे :- मैग्नेशियम
प्रश्न 12. मेंडलीव के आर्वत सारणी एवं आधुनिक आर्वत सारणी में अंतर बतावे ?
उत्तर – मेंडलीव के आर्वत सारणी एवं आधुनिक आर्वत सारणी में निम्नलिखित अंतर है जो इस प्रकार से है
क. मेंडलीव के आर्वत सारणी :- 1. यह तत्व के परमाणु द्रव्यमान पर आधारित है | 2. इसमें कुल वर्गों की संख्या 9 है | 3. इसमें अक्रिय गैस का कोई स्थान नहीं है | 4. यह लघु आर्वत सारणी है |
ख. आधुनिक आर्वत सारणी :- 1. जबकि यह तत्व के परमाणु संख्या पर आधारित है | 2. जबकि इसमें कुल वर्गों की संख्या 18 है | 3. जबकि इसमें अक्रिय गैसों को 18 वे समूह में रखा गया है | 4. जबकि यह दीर्ध आर्वत सारणी है |
प्रश्न 13. मेंडलीव के आर्वत सारणी के दोष को लिखे ?
उत्तर – मेंडलीव के आर्वत सारणी के निम्नलिखित दोष है जो इस प्रकार से है :-
क. हाइड्रोजन का स्थान :- मेंडलीव नए अपने आर्वत सारणी में हाइड्रोजन को दो जगहों पर TA तथा VII A में इसलिए इस दोष को रखा क्योकि हाइड्रोजन का गुण सजातीए धातु के गुण से मिलता है | अतः यह अभी तक विवाह पूर्ण है |
ख. समस्थानिक का स्थान :- मेंडलीव के समस्थानिक का निर्माण नहीं हुआ था इसलिए मेंडलीव के आर्वत सारणी में समस्थानिक PC का कोई स्थान नहीं है | कुछ समान तत्व को अलग – अलग एवं कुछ आस्मां तत्वों को एक साथ रखा जाना |
क. हाइड्रोजन का स्थान :- मेंडलीव नए अपने आर्वत सारणी में हाइड्रोजन को दो जगहों पर TA तथा VII A में इसलिए इस दोष को रखा क्योकि हाइड्रोजन का गुण सजातीए धातु के गुण से मिलता है | अतः यह अभी तक विवाह पूर्ण है |
ख. समस्थानिक का स्थान :- मेंडलीव के समस्थानिक का निर्माण नहीं हुआ था इसलिए मेंडलीव के आर्वत सारणी में समस्थानिक PC का कोई स्थान नहीं है | कुछ समान तत्व को अलग – अलग एवं कुछ आस्मां तत्वों को एक साथ रखा जाना |
प्रश्न 14. आधुनिक आर्वत सारणी की विशेषता क्या है ?
उत्तर – आधुनिक आर्वत सारणी की निम्नलिखित विशेषताएं है जो इस प्रकार से है –
क. किसी वर्ग विशेष की सभी तत्व की परमाणुओं में संयोजी एलेक्ट्रान की संख्या होती है |
ख. किसी वर्ग की सभी तत्व की संयोजकता समान होती है |
ग. आर्वत सारणी के किसी वर्ग में परमाणु का अकार बढ़ता है |
ड. किसी वर्ग में ऊपर से निचे आने पर तत्व का धात्विक गुण बढ़ता है |
क. किसी वर्ग विशेष की सभी तत्व की परमाणुओं में संयोजी एलेक्ट्रान की संख्या होती है |
ख. किसी वर्ग की सभी तत्व की संयोजकता समान होती है |
ग. आर्वत सारणी के किसी वर्ग में परमाणु का अकार बढ़ता है |
ड. किसी वर्ग में ऊपर से निचे आने पर तत्व का धात्विक गुण बढ़ता है |
प्रश्न 15. क्योटो प्रोटोकॉल क्या है ?
उत्तर – 1997 में जापान के क्योटो शहर में भूमंडलीय ताप वृद्धि को रोकने के लिए अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया लगभग इस सम्मेलन में विश्व के 141 देशो नए भाग लिया अतः इस सम्मेलन को ही क्योटो प्रोटोकॉल कहते है |
प्रश्न 16.गंगा कर्योन्व्यन योजना क्या है ?
उत्तर – गंगा कार्योन्व्यन योजना एक ईएसआई योजना है जिसकी घोषणा 1986 में हुई थी जिसके लिए 300 क्रोड़ रूपये से भी अधिक प्रधान था और ऋषि कोष से कलकता तह गंगा नहीं को स्वच्छ बनाने की योजना थी अतः इस योजना को ही गंगा कार्यन्व्यन योजना कहते है |
प्रश्न 17. जल की अशुद्धता किस चीज से मापी जाती है ?
उत्तर – कौली फॉर्म
प्रश्न 18. अपशिष्ट प्रबंधन क्या है तथा इसे दूर करने के लिए हम क्या – क्या उपाय करेंगे ?
उत्तर – कूड़े – कचड़े का निष्पादन सही दंग से करना ही अपशिष्ट प्रबंधन कहलाता है | इसे दूर करने के लिए निम्न उपाय है जो इस प्रकार से है –
क. कमी :- किसी भी वस्तु का जितना भी कम से कम उपयोग हो सके तो अपशिष्ट प्रबंधन में सहायता मिलती है |
ख. पूर्ण चालन :- पूर्ण चालन का शाब्दिक अर्थ फिर से उपयोग करना जैसे :_ सूखे कचड़ो का पूर्णः चालन कर कई वस्तु प्राप्त कर सकते है | अतः किसी भी वस्तु का पूर्ण चालन कर हम लोग अपशिष्ट प्रबंधन कर सकते है |
प्रश्न 19. वन से क्या लाभ है | तथा वन के महत्व को बतावे ?
उत्तर – वन से निम्नलिखित लाभ है जो इस प्रकार से है –
क. वन से हमें जड़ी – बूटिया मिलती है |
ख. वन से हमें आवास – निर्माण के लिए लडकिया प्राप्त होती है |
ग. वन से हमें मिट्टी का कुटाव रुकता है |
घ. वन से वर्षा के मात्रा में वृद्धि होती है |
क. वन से हमें जड़ी – बूटिया मिलती है |
ख. वन से हमें आवास – निर्माण के लिए लडकिया प्राप्त होती है |
ग. वन से हमें मिट्टी का कुटाव रुकता है |
घ. वन से वर्षा के मात्रा में वृद्धि होती है |
प्रश्न 20. वन से ह्रास के क्या कारण है ?
उत्तर – वन के ह्रास के निम्नलिखित कारण है जो इस प्रकार से है –
क. जनसंख्या में वृद्धि
ख. शहरी करण का विकाश
ग. कृषिगत भूमि का विकास
घ. सड़क का विकास
ड. इंधन के लिए लडकियों का उपयोग करना |
क. जनसंख्या में वृद्धि
ख. शहरी करण का विकाश
ग. कृषिगत भूमि का विकास
घ. सड़क का विकास
ड. इंधन के लिए लडकियों का उपयोग करना |
प्रश्न 21. जल संरक्षण क्या है ?
उत्तर – जल को संयोजित ढंग से उपभोग करना ही जल संरक्षण कहलाता है |
प्रश्न 22. टिहरी बाँध परियोजना क्या है ?
उत्तर – टिहरी बाँध का निर्माण उतराखंड के टिहरी जिले में भागीरथ तथा निलागना नदियों के संगम के निचे नहीं पर की गई ऐसी परियोजना को ही टिहरी बाँध परियोजना कहते है | इसके निम्नलिखित उद्देश्य है जो इस प्रकार से है :-
क. बिजली का उत्पादन
ख. सिंचाई के लिए
ग. दिल्ली महानगर को जल की आपूर्ति के लिए
क. बिजली का उत्पादन
ख. सिंचाई के लिए
ग. दिल्ली महानगर को जल की आपूर्ति के लिए
प्रश्न 23. वर्षा जल संग्रहन या जल संचयन किसे कहते है ?
उत्तर – वर्षा जल के समान उपयोग के लिए भूमिगत जल स्तर को सामान्य बनाए रखने के लिए तथा जल ऐ संरक्षण को जल संचयन कहते है |
प्रश्न 24. सौर ऊर्जा क्या है | इससे क्या – क्या लाभ है ?
उत्तर – सूर्य धारा प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते है इससे निम्नलिखित लाभ है जो इस प्रकार से है –
क. सौर कुकर से खाध पदार्थो को पकाने में
ख. सौर जल उष्मक से जब गर्म करने में
ग. सौर शक्ति संयत्र से विधुत ऊर्जा का उत्पादन करने में
घ. सोलर सेल की मदद से सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित करने में
क. सौर कुकर से खाध पदार्थो को पकाने में
ख. सौर जल उष्मक से जब गर्म करने में
ग. सौर शक्ति संयत्र से विधुत ऊर्जा का उत्पादन करने में
घ. सोलर सेल की मदद से सौर ऊर्जा को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित करने में
प्रश्न 25. पवन उर्जा क्या है | तथा इससे क्या लाभ है ?
उत्तर – पवन से प्राप्त ऊर्जा को ही पवन ऊर्जा कहते है इससे निम्नलिखित लाभ है जो इस प्रकार से है –
क. अनाज की पिसाई के लिए पवन चक्की
ख. जल पम्प चलाने के लिए पवन चक्की
ग. विधुत उत्पन्न करने के लिए पवन चक्की
क. अनाज की पिसाई के लिए पवन चक्की
ख. जल पम्प चलाने के लिए पवन चक्की
ग. विधुत उत्पन्न करने के लिए पवन चक्की
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