Bseb Class 10th Hindi Chapter 6 बहादुर

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Bihar Board Class 10th Hindi Chapter 6 बहादुर Subjective

पाठ – 6

शीर्षक – बहादुर
लेखक – अमरकांत
जन्म – जुलाई 1925 में नगर बलिया उत्तर प्रदेश

प्रश्न 1. लेखक को क्यों लगता है ? की जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो ?
उत्तर – लेखक को ऐसा इसलिए लगता है | की जैसे उस पर एक भारी दायित्व आ गया हो | ऐसा इसलिए की लेखक के यहाँ एक नौकर आ गया है | जिसकी सारी जिम्मेवारी उसी पर है |

प्रश्न 2. अपने शब्दों में पहली बार देखे बहादुर का वर्णन कीजिए ?
उत्तर – पहली बार जब बहादुर आया तो वह सफेद नेकर आधी बाह की सफेद कमीज और भूरे रंग का जूता पहना था | उसका शरीर गठीला और चकइट था | मुंह गोरा और चपटा था | उसका उम्र लगभग 12 से 13 वर्ष का था |

प्रश्न 3. लेखक को क्यों लगता है | की नौकर रखना बहुत जरुरी हो गया है |
उत्तर – पत्नी के बार – बार कहने पर और पत्नी के भाइयो के यहाँ नौकर द्वारा मिल रहे सुख को देखकर लेखक को लगता है | की नौकर रखना बहुत जरुरी हो गया है |

प्रश्न 4. साले साहब से लेखक को कौन सा किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा ?
उत्तर – साले साहब से लेखक को बहादुर के बारे में की वह कैसे घर से भागा और क्यों भागा यही किस्सा असाधारण विस्तार से सुनना पड़ा |

प्रश्न 5. बहादुर अपने घर से क्यों भाग गया था ?
उत्तर – बहादुर की माँ बहादुर को बहुत मारती थी | एक दिन भैंस को लेकर आए गुस्से में बहादुर की उसने डंडे से बुरी तरह पिटाई कर दी | जिसके कारण बहादुर अपना घर छोड़कर भाग गया |

प्रश्न 6. बहादुर के नाम से दिल शब्द क्यों उड़ा दिया गया विचार करे ?
उत्तर – बहादुर के नाम से दिल शब्द निर्मला नए उड़ा दिया | क्योकि वह प्यारा लड़का था | तथा उसकी मीठी स्वर से लेखक प्रसन्न होकर आदर्श जीवन का शिक्षा देने लगते थे | इसलिए निर्मला नए दिलजीत का प्रभाव अपने पर लाना चाहा |

प्रश्न 7. व्याख्या करे ?

क. उसकी हंसी बहुत कोमल और मीठी थी ? जैसे फुल की पंखुड़िया बिखर गई हो ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक में अमरकांत द्वारा लिखित बहादुर शीर्षक से लिया गया है | लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है की दिल बहादुर की शहजाद स्लोपन के साथ उसकी कोमल हंसी तथा मीठी बोली सबके मन को मोह लेती थी | जब हंसता था तो ऐसा लगता था की गुलाब की पंखुड़िया बिखर गई हो |

. पर अब बहादुर से भूल गलतियाँ अधिक होने लगी थी ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक में अमरकांत द्वारा लिखित बहादुर शीर्षक से लिया गया है | लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है की मनुष्य किसी काम के सम्पर्क में लगातार बना रहता है | तो उसको उस काम में उबन महसूस होने लगता है | ठीक उसी प्रकार बहादुर का भी को अहमियत नहीं रह गया था | क्योकि लेखक और उनके परिवार के सम्पर्क में वह पूरी तरह आ गया था | और उसका महत्व दिन प्रतिदिन घटता जा रहा था | जिसके कारण उससे अनेक प्रकार की बोलिया सुननी पड़ती थी | जिसके कारण बहादुर से भूल गलतियाँ अधिक होने लगी थी |

ग. अगर वह कुछ चुराकर ले गया होता तो संतोष हो जाता ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक में अमरकांत द्वारा लिखित बहादुर शीर्षक से लिया गया है | लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है की जब बहादुर लेखक का घर छोड़ कर भाग जाता है | तो लेखक तथा उनका परिवार अफ़सोस करते है | क्योकि वह उनके घर पर किसी प्रकार का बेईमानी तथा नुक्सान नहीं करता था | यह सोचकर लेखक बोलते है | की अगर वह कुछ लेखर भी जाता तो हमारा परिवार संतोष पूर्वक रहता क्योकि वह ईमानदार लड़का था | यहाँ तक की वह अपने साथ लाया सामान भी छोड़कर चला गया था |

घ. यदि मैं न मारता , तो शायद वह न जाता ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक में अमरकांत द्वारा लिखित बहादुर शीर्षक से लिया गया है | लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है की लेखक के परिवार वाले उसको भुत मारते – पिटते और गाली भी देते थे | परन्तु उसको बुरा नहीं लगता था | क्योकि वह सबसे अच्छा अमरकांत जी को मानते थे | लेकिन जब अमरकांत जी उस पर हाथ छोड़ देते है | तो उसकी आत्मा में दुःख पहुंचता है | जिसके कारण वह लेखक का घर छोड़ कर भाग जाता है | उसी समय लेखक को अफ़सोस होता है | की अगर मैं नहीं मारता तो शायद वह घर छोड़कर नही जाता |

प्रश्न 8. काम धाम के बाद रात को अपने विस्तर पर गए बहादुर का लेखक किन शब्दों में चरित्र चित्रण करते है | चित्र का आशय स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – काम धाम के बाद रात को अपने विस्तर पर गए बहादुर का लेखक स्वाभाविक वर्णन किया है | वह बरामदे में टूटी चारपाई पर अपना विस्तर बिछा था | पौकेट से नेपाली टोपी निकाल कर पहन लेता था | और अन्य खिलौना निकाल कर खेलने लगता था | फिर अंत में पहाड़ी गाना गा कर सो जाता था |

प्रश्न 9. बहादुर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों पर कैसा प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – बहादुर के आने से लेखक के घर और परिवार के सदस्यों के चेहरे पर रौनक आ गई | तथा खुशिया आ गई | अब उन लोगो को किसी भी तरह का काम नहीं करना पड़ता था | वह अपने आ[ में ऊँचा परिवार के समान हो गए थे | और तब लेखक के परिवार वाले अपने आस – पडोस के सामने उच्च स्वभाव के साथ बात करते थे |

प्रश्न 10. किन कारणों  से एक दिन बहादुर नए लेखक का घर छोड़ दिया ?
उत्तर – बहादुर के साथ लेखक के घर में अपमान जनक व्यहार होने लगा था | और इसके घर माँ की गलतियाँ की तरह उसे एहसास होने लगा | लेखक के घर में अनेक प्रकार की बुरे की जाती थी | चोरी का इल्जाम लगने लगा था | लेखक भी उस पर हाथ छोड़ दिए थे | जिसके कारण बहादुर लेखक का घर छोड़कर भाग गया |


प्रश्न 11. बहादुर पर ही चोरी का आरोप क्यों लगाया जाता है ? और उसपर इस आरोप का क्या असर पड़ता है ?
उत्तर – बहादुर पर ही चोरी का आरोप इसलिए लगाया जाता है | क्योकि वह एक नोकर होता है | प्रायः नौकर – चाकर ही चोरी करते है | या उनको कमजोर माना जाता है | यह आरोप लेखक के रिश्तेदार ही लगाते है | जिसके कारण वह बच्चो को 2 और 4 रुपया देने से बच जाए | इस आरोप का असर बहादुर पड़ बहुत बड़ा [पड़ता है | तथा उसके दिल के अंदर दरार पड़ जाता है | तथा उसका दिल टूट जाता है |

प्रश्न 12. घर आए रिश्तेदारो नए कैसा प्रपंच रचा और इसका क्या परिणाम निकला ?
उत्तर – लेखक घर आए रिश्तेदारों नए बहादुर पर चोरी करने का प्रपंच रचा जिससे बहादुर का दिल टूट गया | और वह घर छोड़कर चला गया |

प्रश्न 13. बहादुर के चले जाने पर सब पछतावा क्यों होता है ?
उत्तर – बहादुर के चले जाने पर सब को पछतावा इसलिए हो रहा था | क्योकि उन लोगो को अब आराम नहीं मिलेगा | बहादुर एक परिश्रमी लड़का था | वह घर का हर काम करता था | तथा जाते समय लाया हुआ सामान तथा अपना वेतन भी नहीं ले गया था | इसलिए बहादुर के चले जाने के बाद सब को पछतावा हो रही थी |

प्रश्न 14.  बहादुर , किशोर , निर्मला , और कथावाचक का चरित्र चित्रण करे ?

बहादुर :- बहादुर एक नेक दिल का ईमानदार लड़का था | जिसका घर नेपाल तथा भारत की सीमा पर था | वह बहुत हसमुख तथा उसका चेहरा चपटा तथा चकइट था | वह किसी से स्नेह करता था | वह हर प्रकार की कठिनाइयो को सहन कर लेता था |


किशोर :- किशोर लेखक अमरकांत का पुत्र था | जो कामचोर और शानो शौकत तथा रोब दार के स्वभाव का था | उसको अपने आप पर बहुत गर्व था | वह बिना गलती के बहादुर को पिटता रहता था |

निर्मला :- निर्मला लेखक अमरकांत की पत्नी थी | जो आधुनिकता में नाक चौड़ी दुसरे की सहान शौकत करने वाली महिला थी | वह नौकर के लिए लेखक से हमेशा कहती थी | की हमें नौकर की जरूरत है | जब नौकर पहली बार आता है | तो उसको अपने बेटे की तरह मानती है | लेकिन आस – पडोस के लोगो के चढाने से वह बहादुर को छोटे नौकर की तरह मानती है | तथा उसकी पिटाई भी करती है |

कथावाचक :- लेखक अमरकांत स्त्री की बातो में आने वाले मिश्रित व्यक्ति थे | वह बहुत विद्वान समझदार तथा सुशिल व्यक्ति थे | लेकिन पत्नी की बातो में आकर नौकर का साथ छोड़ देते है | जिसके कारण बहादुर घर से भाग जाता है |


पाठ - 1 प्रकाश के परावर्तन 
पाठ - 2 प्रकाश के अपवर्तन  ⇦

प्रश्न 15.  निर्मला को बहादुर के चले जाने पर किस बात का अफ़सोस होता है ?
उत्तर – निर्मला को बहादुर के चले जाने के बाद इस बात का अफ़सोस होता है | की अब निर्मला की समाज में नाक कट जाएगी | क्योकि उसके आराम का दिन जाने का एहसास होने लगता है | तथा सबसे बड़ी बात यह थी | की अगर बहादुर को अच्छी तरह से सजा सवार कर तथा वेतन के साथ बिदा करती तो शायद अफ़सोस नहीं होता |

प्रश्न 16.  कहानी छोटा मुंह बड़ी बात होती है ? इस दृष्टि से बहादुर कहानी पर विचार करे ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक में अमरकांत द्वारा लिखित बहादुर शीर्षक से लिया गया है | लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते है की एक छोटी सिख समाज के रीती रिवाज पर बहुत बड़ा फर्क डालता है | उन्होंने समाज को  विकसित बनाने का मांसा प्रकट किया है |

प्रश्न 17.  कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ? लेखक नए इसका शीर्षक नौकर क्यों नहीं रखा ?
उत्तर – लेखक नए शीर्षक की सार्थकता बहादुर है | लेखक नए समाज के मानव दोस्त को क्रमबद्ध किया | लेखक शीर्षक नौकर इसलिए नहीं रखा क्योकि बहादुर आदर्श चरित्र वाला व्यक्ति था | जो नौकर नहीं बन सकता है |

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