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Bihar Board Class 10 Geography Solutions प्राकृतिक संसाधन Subjective,
पाठ - 1 [ क. - प्राकृतिक संसाधन ]
1. संसाधन संरक्षण की उपयोगिता को लिखे ?
उत्तर – संसाधन संरक्षण की उपयोगिता वर्तमान में और महत्वपूर्ण हो गई है | क्योंकि कुछ वर्ष पूर्व संसाधनों का नियोजन विद्रोह हुआ है | फलत: संसाधनों का भंडार समाप्त होने लगा है संसाधनों का संरक्षण कर राज्य देश को विकसित बनाया जा सकता है |
2. संसाधन निर्माण में तकनीक की क्या भूमिका है स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – संसाधन निर्माण में तकनीक की भूमिका हमेशा महत्वपूर्ण रही है | जिस देश के पास तकनीकी ज्ञान जीतना ही विकसित है | वह देश उतना ही अच्छे तरीकों से संसाधन का उपयोग कर अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाता है | जैसे - जापान
3. संसाधन के विकास में सतत विकास की अवधारणा की व्याख्या कीजिए ?
उत्तर – संसाधनों के बारे में ऐसी अवधारणा है कि यह प्रकृति द्वारा दिया गया है | इस स्थिति में सतत विकास की अवधारणा बताता है | कि हम संसाधनों को इस प्रकार से उपयोग करना चाहिए ताकि वर्तमान की आवश्यकता को पूरा करते हुए भविष्य के लिए भी सुरक्षित रखा जा सके | जिससे हमारी विकास की नीति समान रूप से आगे बढ़ता रहे | यदि सतत विकास की अवधारणा को अनदेखी की गई तो उससे पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न हो सकती है |
4. स्वामित्व के आधार पर संसाधन के विविध स्वरूपों का वर्णन करें ?
उत्तर – स्वामित्व के आधार पर संसाधन के चार प्रकार होते हैं जो इस प्रकार से हैं –
क. व्यक्तिगत संसाधन ऐसे संसाधन जिस पर किसी खास व्यक्ति का आधार हो उसे व्यक्तिगत संसाधन करते है |
ख. सामुदायिक संसाधन ऐसा संसाधन जिस पर किसी खास व्यक्ति का अधिकार ना हो पूरे समुदाय का अधिकार होता है | उसे सामुदायिक संसाधन कहते हैं | जैसे मंदिर खेल का मैदान
ग. राष्ट्रीय संसाधन वैसे संसाधन जिस पर सरकार के माध्यम से देश के नागरिक उपयोग करते हो उसे हम राष्ट्रीय संसाधन कहते हैं | जैसे खनिज रेलवे
घ. अंतर्राष्ट्रीय संसाधन ऐसा संसाधन जिनका देखने का अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के माध्यम से होता है | वही अंतर्राष्ट्रीय संसाधन कहलाता है |
5. खादर और बांगर मिट्टी में अंतर स्पष्ट करें ?
उत्तर – नदियों के बाढ़ के मैदान की नवीन बारीक कर्णो वाली कांप मिट्टी को खादर एवं नदियों द्वारा जमा की गई पुरातन कांप मिट्टी को बांगर मिट्टी कहते हैं |
6. मृदा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए किस प्रकार का प्रबंधन आवश्यक है ?
उत्तर – मुदा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए वर्ष जल का संचय भू-पृष्ठ जल का संचय भूमिगत जल की पुनः पूर्ति का प्रबंधन आवश्यक है |
7. फसल चक्र मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर –फसल चक्र द्वारा मृदा के पोषण स्तर को बरकरार रखा जा सकता है | गेहूं कपास मक्का आलू इत्यादि को लगातार उगाने से मृदा में ह्रास उत्पन्न होते हैं | इसे तिलहन दलहन पौधे की खेती के द्वारा पुनः प्राप्ति किया जा सकता है | इससे नाइट्रोजन का स्थिरीकरण होता है |
8. स्थानीय मिट्टी वाहित मिट्टी से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर – स्थानीय मिट्टी में चिका और बालू की मात्रा लगभग समान होती है | और कृषि के लिए उपयुक्त होती है | जबकि वाहित मिट्टी में बालू कूड़ा - कचरा और जल की मात्रा अधिक होती है | इस प्रकार के कृषि करना संभव नहीं होता |
9. मैदानी क्षेत्रों में मृदा अपरदन के कारण एवं रोकथाम के उपायों का वर्णन कीजिए ?
उत्तर – मैदानी क्षेत्रों में मृदा अपरदन के मुख्य कारण इस प्रकार से है –
क. कृषि के अवैज्ञानिक ढंग को अपनाकर कृषक स्वयं मृदा अपरदन को बढ़ाता है |
ख. तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या की मांग को पूरा करने के लिए बधो का काटा जाना |
ग. अर्द्ध शुष्क और चारागाह क्षेत्रों में भारी संख्या में भेड़ बकरी आदि पशु को पाला जाना |
क. कृषि के अवैज्ञानिक ढंग को अपनाकर कृषक स्वयं मृदा अपरदन को बढ़ाता है |
ख. तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या की मांग को पूरा करने के लिए बधो का काटा जाना |
ग. अर्द्ध शुष्क और चारागाह क्षेत्रों में भारी संख्या में भेड़ बकरी आदि पशु को पाला जाना |
10. मृदा अपरदन की रोकथाम के लिए निम्न उपाय करना आवश्यक है जो इस प्रकार से हैं ?
क. बंजर भूमि और नदियों के किनारे वृक्षारोपण करना |
ख. फसलो का हेरा फेरी और कुछ भूमि को थोड़े समय के लिए प्रति छोड़ना |
ग. बहते जल का वेग रोकने के लिए मेड बंदी करना |
ख. फसलो का हेरा फेरी और कुछ भूमि को थोड़े समय के लिए प्रति छोड़ना |
ग. बहते जल का वेग रोकने के लिए मेड बंदी करना |
11. जलोढ़ मृदा के विस्तार वाले राज्यों के नाम बताओ इस मृदा में कौन सी हौसले लगाई जा सकती है ?
उत्तर – बिहार उत्तर प्रदेश राजस्थान गुजरात तमिलनाडु कर्नाटक बंगाल इत्यादि राज्यों में जलोढ़ मृदा का विस्तार है इन राज्यों में गन्ना . चावल, मक्का , दलहन इत्यादि फसले उगाई जाती है |
12. समोच्च कृषि से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – पहाड़ी ढलान पर जल के तेज बहाव से बचाने के लिए सीढ़ीनुमा ढाल बनाकर की जाने वाली खेती को ही समोच्च कृषि कहते हैं |
13. पवन अपरदन वाले क्षेत्र में कृषि की कौन सी पद्धति उपयोगी मानी जाती है ?
उत्तर – पवन अपरदन वाले क्षेत्र में पट्टीका कृषि उत्तम है जो फसलों के बीच घास की पटिया विकसित करके की जाती है |
14. भारत के किन भागों में नदी डेल्टा का विकास हुआ है यहां की मृदा की क्या विशेषता है ?
उत्तर – गंगा नदी द्वारा पश्चिम बंगाल में महानदी कृष्णा कावेरी गोदावरी नदियों द्वारा पूर्व तटीय मैदान में डेल्टा का निर्माण हुआ है | इन क्षेत्रों में जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है इस मिट्टी का गढ़ बालू पत्थर इत्यादि से होता है इस मिट्टी का रंग धुंधला और लालिमा लिए भूरे रंग का होता है |
15. जल्लाकांतता कैसे उपस्थित होता है मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?
उत्तर – अति सिंचाई से जलाकांताता की समस्या पैदा होती है पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश में भूमि का निम्नीकरण इस विधि से हुआ है | जलाकांताता से मृदा के लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाता है | जो भूमि के निम्नकरण के लिए उत्तरदाई होते हैं | इस मृदा की उर्वरा शक्ति घटने लगती है | और भूमि धीरे धीरे बंजर हो जाती है |
16. मृदा संरक्षण पर एक निबंध लिखिए ?
उत्तर – मृदा परिवर्तन का एक प्रमुख घटक है यह ना केवल पौधों में विकास का माध्यम है | बल्कि पृथ्वी पर विभिन्न जीव समुदाय का पोषण भी करती है | मिट्टी अपने स्थान से विभिन्न क्रियाओं द्वारा हस्तांतरित हो जाती है | यही क्रिया भूमि संरक्षण कहलाती है | एवं मिट्टी की एक बहुत बड़ी समस्या है इसे वृक्षारोपण पट्टीका कृषि फसल चक्र समोच्च कृषि द्वारा भू-संरक्षण को रोका जा सकता है |
17. भारत में अत्यधिक पशुधन होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य है स्पष्ट करें ?
उत्तर – भारत पशुधन के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल किया जाता है | किंतु यहां स्थाई चारग्राह के लिए बहुत कम भूमि उपलब्ध है | अतः पशुधन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है | भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन के नगण्य होने का निनिम्नलिखित कारण है जो इस प्रकार से है –
क. चरा ग्रह के लिए भूमि की कमी
ख. बढ़ती जनसंख्या का दबाव
ग. पूंजी का अभाव इत्यादि द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान नगण्य है |
क. चरा ग्रह के लिए भूमि की कमी
ख. बढ़ती जनसंख्या का दबाव
ग. पूंजी का अभाव इत्यादि द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान नगण्य है |
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