bihar board class 10th civics chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का प्रश्न उत्तर/Bihar Board Class 10 Political Science लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी/लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी लघु उत्तरीय प्रश्न/Bihar Board Class 10 Political Science लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी/सत्ता की साझेदारी pdf/class 10th civics chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का प्रश्न उत्तर
Bihar Board Class 10 Political Science Chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी Subjective
पाठ - 1 : लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी
प्रश्न 1.
जाति किसे कहते हैं ?
उतर -
सदियों पूर्व में मानव द्वारा जीवन यापन के लिए जो पेसा या व्यवसाय अपनाया गया उसी आधार पर मानव का विभाजन जाति कहलाया |
सदियों पूर्व में मानव द्वारा जीवन यापन के लिए जो पेसा या व्यवसाय अपनाया गया उसी आधार पर मानव का विभाजन जाति कहलाया |
प्रश्न 2.
धर्म क्या है ?
प्रश्न 3.
सांप्रदायिकता क्या है ?
उतर -
जब कोई व्यक्ति अपने धर्म को ऊंचा रखने के लिए दूसरे धर्म के साथ हीन भावना रखता है तथा शिकायत करता है तो ऐसे ही धरना सांप्रदायिकता कहलाती है |
जब कोई व्यक्ति अपने धर्म को ऊंचा रखने के लिए दूसरे धर्म के साथ हीन भावना रखता है तथा शिकायत करता है तो ऐसे ही धरना सांप्रदायिकता कहलाती है |
प्रश्न 4.
राजनीति किसे कहते हैं ?
उतर -
राज कार्यों को संचालित करने के लिए अथवा अपनी पद प्रतिष्ठा और स्वार्थ को पूरा करने के लिए जो नीति अपनाई जाए उसे राजनीतिक होते हैं |
राज कार्यों को संचालित करने के लिए अथवा अपनी पद प्रतिष्ठा और स्वार्थ को पूरा करने के लिए जो नीति अपनाई जाए उसे राजनीतिक होते हैं |
प्रश्न 5. सत्ता की साझेदारी प्रश्न उत्तर bihar board
हर सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती कैसे ?
उतर -
हर सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती क्योंकि विभिन्न समुदायों का विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं लेकिन हीत समान हो सकता है यद्यपि सामाजिक विविधता के कारण लोगों में विभेद की विचारधारा जरूर बनती है परंतु यही विभिनता कही कहीं पर सामान्य उद्देश के कारण मिल कर काम भी करता है |
हर सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती क्योंकि विभिन्न समुदायों का विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं लेकिन हीत समान हो सकता है यद्यपि सामाजिक विविधता के कारण लोगों में विभेद की विचारधारा जरूर बनती है परंतु यही विभिनता कही कहीं पर सामान्य उद्देश के कारण मिल कर काम भी करता है |
प्रश्न 6.
सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती इसके एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए ?
उतर -
दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां जाति धर्म लिंग जन्म के आधार पर विभिन्नता ना हो फिर भी उत्सव आपातकालीन की स्थिति में यह देखा जाता है कि समाज के लोग सारी भावनाओं को भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करते हैं उस समय में विभिन्नता तो है लेकिन प्रत्येक सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती है |
दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां जाति धर्म लिंग जन्म के आधार पर विभिन्नता ना हो फिर भी उत्सव आपातकालीन की स्थिति में यह देखा जाता है कि समाज के लोग सारी भावनाओं को भुलाकर एक दूसरे का सहयोग करते हैं उस समय में विभिन्नता तो है लेकिन प्रत्येक सामाजिक विभिन्नता सामाजिक विभाजन का रूप नहीं लेती है |
प्रश्न 7.
सामाजिक अंतर कब और कैसे सामाजिक विभाजन का रूप ले लेती है ?
उतर -
सामाजिक अंतर उस ऐसे समय में सामाजिक विभाजन का रूप ले लेती है जब लोग जाति धर्म भाषा तथा क्षेत्रों की भावनाओं में उत्तेजित हो जाते हैं तो लोग अच्छा और बुराई की बातों को सोचना बंद कर देते हैं प्रत्यक्ष रूप से अपनी जाति धर्म भाषा तथा क्षेत्र के लिए संगठित हो जाते हैं नागरिकों का यही संगठन धीरे-धीरे इतना विशाल रूप धारण करता है कि परिणाम सामाजिक विभाजन के रूप में सामने आता हैं |
सामाजिक अंतर उस ऐसे समय में सामाजिक विभाजन का रूप ले लेती है जब लोग जाति धर्म भाषा तथा क्षेत्रों की भावनाओं में उत्तेजित हो जाते हैं तो लोग अच्छा और बुराई की बातों को सोचना बंद कर देते हैं प्रत्यक्ष रूप से अपनी जाति धर्म भाषा तथा क्षेत्र के लिए संगठित हो जाते हैं नागरिकों का यही संगठन धीरे-धीरे इतना विशाल रूप धारण करता है कि परिणाम सामाजिक विभाजन के रूप में सामने आता हैं |
प्रश्न 8. सत्ता की साझेदारी class 10 notes
सामाजिक विभाजन की राजनीति के परिणाम स्वरूप ही लोकतंत्र के व्यवहार में परिवर्तन होते हैं,, भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में इसे स्पष्ट करें ?
उतर -
भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे विशाल लोकतंत्र है यहां पर विभिन्न जाति एवं धर्म को मानने वाले लोग हैं यही कारण है कि विधानसभा या लोकसभा में देखा जाता है कि नेता अपने जाति धर्म तथा भाषा एवं क्षेत्रवाद की राजनीति करते हैं जो भारतीय लोकतंत्र के स्वरूप को ही बदल रहा है प्रत्येक राज्य के राजनीतिज्ञों अपने अपने राज्यों के विकास को बदल देते हैं संपूर्ण भारत का विकास होने लगता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि भारतीय राजनीतिक सामाजिक विभाजन के आधार पर मजबूत हो रही है लोकतंत्र के व्यहार में परिवर्तन हो रहा है |
भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे विशाल लोकतंत्र है यहां पर विभिन्न जाति एवं धर्म को मानने वाले लोग हैं यही कारण है कि विधानसभा या लोकसभा में देखा जाता है कि नेता अपने जाति धर्म तथा भाषा एवं क्षेत्रवाद की राजनीति करते हैं जो भारतीय लोकतंत्र के स्वरूप को ही बदल रहा है प्रत्येक राज्य के राजनीतिज्ञों अपने अपने राज्यों के विकास को बदल देते हैं संपूर्ण भारत का विकास होने लगता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि भारतीय राजनीतिक सामाजिक विभाजन के आधार पर मजबूत हो रही है लोकतंत्र के व्यहार में परिवर्तन हो रहा है |
प्रश्न 9.
सत्तर के दशक से आधुनिक दशक के बीच भारतीय लोकतंत्र का सफर सामाजिक न्याय के संदर्भ में का संक्षिप्त वर्णन करें ?
उतर -
1970 के दशक से आधुनिक काल के बीच की राजनीति भारतीय लोकतंत्र में दो चरणों से होकर गुजरती है - प्रथम चरण :- में मध्यवर्गीय की राजनीति रही है 1970 के बाद जनता पार्टी का उदय हुआ जिसमें समाज के माध्यम वर्गों के लोगों ने सक्रिय भूमिका निभाई |दूसरे चरण :- आधुनिक काल की राजनीति भारतीय लोकतंत्र में पिछड़ा वर्ग अत्यंत पिछड़ा वर्ग दलित एवं महादलित की राजनीति समझी जा रही है जिसमें उपयुक्त वर्ग के लोग भारतीय राजनीति में रुचि ले रहे हैं |
1970 के दशक से आधुनिक काल के बीच की राजनीति भारतीय लोकतंत्र में दो चरणों से होकर गुजरती है -
प्रश्न 10.
सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम किन किन चीजों पर निर्भर करता है ?
उतर -
सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम कई बातों पर निर्भर करता है जैसे भारत एक ऐसा देश है जो सभी जाति एवं धर्म का मिश्रण और फल है जिसका लाभ राजनीतिक वाले हमेशा उठाते आए हैं समाज में जाति एवं धर्म के नाम पर लोगों को इस तरह समझाया जाता है कि भोली-भाली जनता भावनाओं में डूब जाती है लोग अच्छे बुरे का पहचान करना छोड़ देते हैं और सभी जाति एवं धर्म के नाम पर एकजुट हो जाते हैं जो अंत में सामाजिक विभाजन को ही जन्म देता है ऐसी प्रवृत्ति चलती रही तो देश की स्वतंत्रता समानता तथा भाईचारा की भावना खतरे में पड़ सकती है |
सामाजिक विभाजन की राजनीति का परिणाम कई बातों पर निर्भर करता है जैसे भारत एक ऐसा देश है जो सभी जाति एवं धर्म का मिश्रण और फल है जिसका लाभ राजनीतिक वाले हमेशा उठाते आए हैं समाज में जाति एवं धर्म के नाम पर लोगों को इस तरह समझाया जाता है कि भोली-भाली जनता भावनाओं में डूब जाती है लोग अच्छे बुरे का पहचान करना छोड़ देते हैं और सभी जाति एवं धर्म के नाम पर एकजुट हो जाते हैं जो अंत में सामाजिक विभाजन को ही जन्म देता है ऐसी प्रवृत्ति चलती रही तो देश की स्वतंत्रता समानता तथा भाईचारा की भावना खतरे में पड़ सकती है |
प्रश्न 11.
भावी समाज में लोकतंत्र का जिम्मेवारी और उद्देश्य पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ?
उतर -
भावी समाज में लोकतंत्र की जिम्मेवारी उद्देश्य नौजवानों के कंधों पर आ रहा है आज पूरा विश्व जिस गति से आगे बढ़ रहा है उस गति में भारत को बनाए रखना नौजवानों के जिम्मेवारी है आज भारतीय लोकतंत्र में लगभग 55 करोड़ युवाओं की संख्या है भारत की युवा जाति धर्म तथा लिंग के आधार पर बैठ गए तो देश का विखंडन संभव है जो लोकतंत्र के लिए संकट बन सकता है वहीं दूसरी तरफ भारतीय युवा वृद्धि विवेक के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जगाए तो कुछ ही दिनों या वर्षों में भारत दुनिया का शक्तिशाली देश भी बन सकता है यही नहीं भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करना तथा विनाश के रास्ते पर ले जाना युवाओं के ऊपर निर्भर करता है
भावी समाज में लोकतंत्र की जिम्मेवारी उद्देश्य नौजवानों के कंधों पर आ रहा है आज पूरा विश्व जिस गति से आगे बढ़ रहा है उस गति में भारत को बनाए रखना नौजवानों के जिम्मेवारी है आज भारतीय लोकतंत्र में लगभग 55 करोड़ युवाओं की संख्या है भारत की युवा जाति धर्म तथा लिंग के आधार पर बैठ गए तो देश का विखंडन संभव है जो लोकतंत्र के लिए संकट बन सकता है वहीं दूसरी तरफ भारतीय युवा वृद्धि विवेक के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जगाए तो कुछ ही दिनों या वर्षों में भारत दुनिया का शक्तिशाली देश भी बन सकता है यही नहीं भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करना तथा विनाश के रास्ते पर ले जाना युवाओं के ऊपर निर्भर करता है
प्रश्न 12.
भारत में किस तरह जातीय असमानताएं जारी है स्पष्ट करें ?
उतर -
भारत में जातिगत असमानताए हमेशा देखने को मिलती है हमारे देश ही वो ऐसा देश है जहां पड़ गांव के अंदर एक से अधिक जाति के लोग निवास करते हैं हम जानते हैं कि किसी भी जाति के विरुद्ध होने या घृणा करने से कोई जाति गांव से हट नहीं सकती फिर भी हम सभी जातियों के नाम पर एक दूसरे से घृणा करते हैं इससे एक और परिणाम मिलता है जब कोई लड़का या लड़की किसी दूसरी जाति के लड़का या लड़की से शादी कर लेता है तो समाज और जाति उसकी विवाह को स्वीकार नहीं करती है जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में जातिगत असमानता जारी है |
भारत में जातिगत असमानताए हमेशा देखने को मिलती है हमारे देश ही वो ऐसा देश है जहां पड़ गांव के अंदर एक से अधिक जाति के लोग निवास करते हैं हम जानते हैं कि किसी भी जाति के विरुद्ध होने या घृणा करने से कोई जाति गांव से हट नहीं सकती फिर भी हम सभी जातियों के नाम पर एक दूसरे से घृणा करते हैं इससे एक और परिणाम मिलता है जब कोई लड़का या लड़की किसी दूसरी जाति के लड़का या लड़की से शादी कर लेता है तो समाज और जाति उसकी विवाह को स्वीकार नहीं करती है जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में जातिगत असमानता जारी है |
प्रश्न 13.
क्योंकि सिर्फ जाति के आधार पर भारत में चुनावी नतीजे तय नहीं हो,, सकते इसके दो कारण बताएं ?
उतर -
भारत में चुनावी नतीजे केवल जाति के आधार पर तय नहीं हो सकते हैं इसके दो कारण निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है -
भारत में चुनावी नतीजे केवल जाति के आधार पर तय नहीं हो सकते हैं इसके दो कारण निम्नलिखित है जो इस प्रकार से है -
क. भारत में आजकल देखा जा रहा है कि विभिन्न जाति के गरीब एक तरफ संगठित हो जाते हैं जो जाति से ऊपर उठकर मतदान करते हैं वहीं दूसरी तरफ अमीर लोगों का अपना संगठन होता है |
ख. भारत के चुनाव में अब यह भी देखा जा रहा है कि कम संख्या वाले जाती संगठित होकर अधिक से अधिक संख्या वाले जाति के विरुद्ध मतदान कर रही है जो चुनाव नतीजों को बदल रहा है |
प्रश्न 14. bihar board class 10th civics chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी का प्रश्न उत्तर
क्षेत्रवाद से आप क्या समझते हैं ?
उतर -
क्षेत्रवाद का तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में भाषा संस्कृति प्रजाति आदि के आधार पर जनता द्वारा अलग पहचान को मान्यता देना है क्षेत्रवाद जब अलगवाद में बदल जाती है तो देश के लिए खतरा होता है |
क्षेत्रवाद का तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में भाषा संस्कृति प्रजाति आदि के आधार पर जनता द्वारा अलग पहचान को मान्यता देना है क्षेत्रवाद जब अलगवाद में बदल जाती है तो देश के लिए खतरा होता है |
प्रश्न 15.
रंगभेद किसे कहते हैं ?
उतर -
रंगभेद का तात्पर्य चमड़ी के रंग के आधार पर लोगों में भेदभाव करना है दक्षिण अफ्रीका में गोरे लोगों की सरकार ने बहुसंख्यक काले लोगों के प्रति विभिन्न प्रकार के भेदभाव की नीति अपनाई थी इसे रंगभेद नीति के नाम से जाना जाता है |
रंगभेद का तात्पर्य चमड़ी के रंग के आधार पर लोगों में भेदभाव करना है दक्षिण अफ्रीका में गोरे लोगों की सरकार ने बहुसंख्यक काले लोगों के प्रति विभिन्न प्रकार के भेदभाव की नीति अपनाई थी इसे रंगभेद नीति के नाम से जाना जाता है |
प्रश्न 16.
सत्ता की साझेदारी से आप क्या समझते हैं ?
उतर -
जब देश की सत्ता में देश के अंदर होने वाले सभी वर्गों को हिस्सेदार बनाया जाता है तो इस व्यवस्था को सत्ता की साझेदारी कहा जाता है |
जब देश की सत्ता में देश के अंदर होने वाले सभी वर्गों को हिस्सेदार बनाया जाता है तो इस व्यवस्था को सत्ता की साझेदारी कहा जाता है |
प्रश्न 17.
भारतीय संविधान के दो प्रावधानों का वर्णन करे, जो भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य बनाते हैं ?
उतर -क. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संविधान संशोधन द्वारा भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित किया गया है |
ख. संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख कर दिया गया है कि भारत का कोई अपना धर्म नहीं है |
प्रश्न 18.
भारत को गणतंत्र क्यों कहा जाता है
उतर -
देश में 26 जनवरी 1950 को स्वनिर्मित संविधान को अंगीकार एवं स्वीकार किया जिसमें नागरिकों के मूलभूत अधिकारों को सुरक्षित रखने पर बल दिया गया इसीलिए भारत को गणतंत्र कहा जाता है |
देश में 26 जनवरी 1950 को स्वनिर्मित संविधान को अंगीकार एवं स्वीकार किया जिसमें नागरिकों के मूलभूत अधिकारों को सुरक्षित रखने पर बल दिया गया इसीलिए भारत को गणतंत्र कहा जाता है |
प्रश्न 19.
लैंगिक असमानता क्या है ?
उतर -
लिंग के आधार पर समाज में महिलाओं और पुरुषों में जो असमानता पाई जाती है उसे लैंगिक असमानता कहते हैं यह असमानता सामाजिक आर्थिक राजनीतिक एवं अन्य क्षेत्रों में पाई जाती है |
लिंग के आधार पर समाज में महिलाओं और पुरुषों में जो असमानता पाई जाती है उसे लैंगिक असमानता कहते हैं यह असमानता सामाजिक आर्थिक राजनीतिक एवं अन्य क्षेत्रों में पाई जाती है |
प्रश्न 20.
विभिन्न तरह की सांप्रदायिक राजनीति का ब्यूरो दे और सब के साथ एक एक उदाहरण दे ?
उतर -
भारत के अंदर दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं इनमें कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपने धर्म के प्रचार प्रसार करने के क्रम में अन्य धर्मों की शिकायत करते हैं या हीन भावना से देखते हैं सांप्रदायिकता की राजनीति उत्पन्न होती है जो समाज और देश के लिए हमेशा ही घातक सिद्ध हुआ है जैसे मुंबई में बम धमाका गुजरात की हिंसा पंजाब में ईसाइयों का नरसंहार जैसी घटनाएं उदाहरण के रूप में मौजूद है सांप्रदायिकता का सबसे भयंकर दृष परिणाम भारत और पाकिस्तान के रूप में विभाजन है |
भारत के अंदर दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग निवास करते हैं इनमें कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपने धर्म के प्रचार प्रसार करने के क्रम में अन्य धर्मों की शिकायत करते हैं या हीन भावना से देखते हैं सांप्रदायिकता की राजनीति उत्पन्न होती है जो समाज और देश के लिए हमेशा ही घातक सिद्ध हुआ है जैसे मुंबई में बम धमाका गुजरात की हिंसा पंजाब में ईसाइयों का नरसंहार जैसी घटनाएं उदाहरण के रूप में मौजूद है सांप्रदायिकता का सबसे भयंकर दृष परिणाम भारत और पाकिस्तान के रूप में विभाजन है |
प्रश्न 21.
जीवन के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिसमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव है,, या वे कमजोर स्थिति में है ?
उतर -
जीवन के प्रति क्षेत्रों में लगभग यह स्पष्ट देखा जाता है कि भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है घर के अंदर स्त्रिया भोजन बनाने में कपड़ों की धुलाई बच्चों की देखभाल कपड़ों की सिलाई जलपान की व्यवस्था प्रत्येक दिन करती है फिर भी उसका महत्व नहीं दिया है जब वही कार्य पैसे लेकर पुरुष करता है तो उसे आय का साधन समझा जाता है ठीक ऐसे ही स्थिति कृषि क्षेत्र में स्त्रियों के साथ बनी हुई है |
जीवन के प्रति क्षेत्रों में लगभग यह स्पष्ट देखा जाता है कि भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव होता है घर के अंदर स्त्रिया भोजन बनाने में कपड़ों की धुलाई बच्चों की देखभाल कपड़ों की सिलाई जलपान की व्यवस्था प्रत्येक दिन करती है फिर भी उसका महत्व नहीं दिया है जब वही कार्य पैसे लेकर पुरुष करता है तो उसे आय का साधन समझा जाता है ठीक ऐसे ही स्थिति कृषि क्षेत्र में स्त्रियों के साथ बनी हुई है |
प्रश्न 22.
भारत की विधायिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति क्या है ?
उतर -
भारत की विधायिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति संतोषजनक नहीं है भारत की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग 49% है जबकि विधायिका के प्रतिनिधित्व में लगभग 11% की हिस्सेदारी है विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की स्थिति लगभग 9% है पुरुष तथा महिलाओं के बीच जनसंख्या का अनुपात तथा विधायिका का अनुपात देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि महिलाओं की संख्या प्रतिनिधित्व में भारत में आज भी बहुत कम है |
भारत की विधायिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की स्थिति संतोषजनक नहीं है भारत की कुल आबादी में महिलाओं की संख्या लगभग 49% है जबकि विधायिका के प्रतिनिधित्व में लगभग 11% की हिस्सेदारी है विभिन्न राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की स्थिति लगभग 9% है पुरुष तथा महिलाओं के बीच जनसंख्या का अनुपात तथा विधायिका का अनुपात देखने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि महिलाओं की संख्या प्रतिनिधित्व में भारत में आज भी बहुत कम है |
प्रश्न 23.
जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं तो हमारा अभिप्राय क्या होता है ?
उतर -
स्त्रियों और पुरुषों के बीच जैविक अंतर समाज द्वारा स्त्री और पुरुषों को दी गई असमानता भूमिका |
स्त्रियों और पुरुषों के बीच जैविक अंतर समाज द्वारा स्त्री और पुरुषों को दी गई असमानता भूमिका |
प्रश्न 24.
भाषा नीति क्या है
उतर -
भारत वास्तव में विविधताओं का देश है जहां 144 से अधिक प्रमुख भाषाओं का प्रयोग होता है इनमें सभी भाषाओं के प्रति आदर होना चाहिए सब मिलकर हमारी भाषा की विरासत को मजबूत बनाते हैं तथा उन्हें साथ विकसित होने में मदद करते हैं प्रमुख भाषाओं को सम्मोहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किए भारतीय संविधान में प्रमुख भाषाओं को सम्मिलित किया गया जैसे हिंदी अंग्रेजी बंगाली तेलुगु इत्यादि आदि भाषा नीति है इसे अपनाकर राष्ट्र एकता को मजबूत बनाया गया है |
भारत वास्तव में विविधताओं का देश है जहां 144 से अधिक प्रमुख भाषाओं का प्रयोग होता है इनमें सभी भाषाओं के प्रति आदर होना चाहिए सब मिलकर हमारी भाषा की विरासत को मजबूत बनाते हैं तथा उन्हें साथ विकसित होने में मदद करते हैं प्रमुख भाषाओं को सम्मोहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किए भारतीय संविधान में प्रमुख भाषाओं को सम्मिलित किया गया जैसे हिंदी अंग्रेजी बंगाली तेलुगु इत्यादि आदि भाषा नीति है इसे अपनाकर राष्ट्र एकता को मजबूत बनाया गया है |
प्रश्न 25.
भारत में यहां औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है ?
उतर -
पंचायती राज संस्थाएं
पंचायती राज संस्थाएं
Bseb Class 10th Civics Chapter 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी Objective
[ पाठ - 1 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी ]
1. सामाजिक विभाजनों को संभालने के संदर्भ में इनमें से कौन-सा कथन लोकतांत्रिक व्यवस्था पर लागू नहीं होता ?
क. लोकतंत्र में विभिन्न समुदायों के लिए शांतिपूर्ण ढंग से अपनी शिकायतों को जाहिर करना संभव है।
ख. लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
ग. लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी पड़ती है |
घ. लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।
Answer – लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।
ख. लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
ग. लोकतंत्र में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण सामाजिक विभाजनों की छाया राजनीति पर भी पड़ती है |
घ. लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।
Answer – लोकतंत्र सामाजिक विभाजनों के आधार पर समाज को विखंडन की ओर ले जाता है।
2. निम्नलिखित व्यक्तियों में कौन लोकतंत्र में रंगभेद के विरोधी नहीं थे ?
क. महात्मा गांधी
ख. किंग मार्टिन लूथर
ग. जेड गुडी
घ. ओलंपिक धावक टॉमी स्मिथ एवं जॉन कार्लोस
Answer – जेड गुडी
ख. किंग मार्टिन लूथर
ग. जेड गुडी
घ. ओलंपिक धावक टॉमी स्मिथ एवं जॉन कार्लोस
Answer – जेड गुडी
3. जब हम लैंगिक विभाजन की बात करते हैं, तो हमारा अभिप्राय होता है ?
क. समाज द्वारा स्त्रियों और पुरुषों को दी गई असमान भूमिका।
ख. बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात।
ग. स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अंतर
घ. लोकतांत्रिक व्यवस्था में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना।
Answer – समाज द्वारा स्त्रियों और पुरुषों को दी गई असमान भूमिका।
ख. बालक और बालिकाओं की संख्या का अनुपात।
ग. स्त्री और पुरुष के बीच जैविक अंतर
घ. लोकतांत्रिक व्यवस्था में महिलाओं को मतदान का अधिकार न मिलना।
Answer – समाज द्वारा स्त्रियों और पुरुषों को दी गई असमान भूमिका।
4. भारत में औरतों के लिए आरक्षण की व्यवस्था किस संस्था में है ?
क. पंचायती राज व्यवस्था
ख. मंत्रिमंडल
ग. विधानसभा
घ. लोकसभा
Answer – पंचायती राज व्यवस्था
ख. मंत्रिमंडल
ग. विधानसभा
घ. लोकसभा
Answer – पंचायती राज व्यवस्था
5. सांप्रदायिक राजनीति के अर्थ से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर गौर करें। सांप्रदायिक राजनीति किस आधार पर आधारित है ?
क. विभिन्न धर्मों के लोग समान नागरिकों के रूप में खुशी-खुशी साथ रहते हैं।
ख. एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है।
ग. एक धार्मिक समूह का प्रभाव बाकी सभी धर्मों पर कायम रखने में शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
घ. एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
Answer – एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है।
ख. एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है।
ग. एक धार्मिक समूह का प्रभाव बाकी सभी धर्मों पर कायम रखने में शासन की शक्ति का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
घ. एक धर्म के अनुयायी एक समुदाय बनाते हैं।
Answer – एक धर्म दूसरे से श्रेष्ठ है।
6. भारतीय संविधान के बारे में कौन-सा कथन गलत है ?
क. सभी लोगों को कोई भी धर्म मानने की आजादी है।
ख. यह एक धर्म को राजकीय धर्म बनाता है।
ग. यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
घ. किसी धार्मिक समुदाय में सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है।
Answer – यह एक धर्म को राजकीय धर्म बनाता है।
ख. यह एक धर्म को राजकीय धर्म बनाता है।
ग. यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
घ. किसी धार्मिक समुदाय में सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार देता है।
Answer – यह एक धर्म को राजकीय धर्म बनाता है।
7. धर्मनिरपेक्षता का क्या अर्थ है ?
क. सर्वधर्म समभाव
ख. धर्म से रहित
ग. अल्पसंख्यकों का धर्म
घ. धार्मिक श्रेष्ठता
Answer – सर्वधर्म समभाव
ख. धर्म से रहित
ग. अल्पसंख्यकों का धर्म
घ. धार्मिक श्रेष्ठता
Answer – सर्वधर्म समभाव
8. भारतीय संविधान के बारे में इनमें से कौन-सा कथन सही है ?
क. यह एक धर्म को राजकीय धर्म बनाता है।
ख. महिलाओं को मतदान के अधिकार का अभाव
ग. यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
घ. लोगों को कोई भी धर्म मानने की आजादी नहीं है।
Answer – यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
ख. महिलाओं को मतदान के अधिकार का अभाव
ग. यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
घ. लोगों को कोई भी धर्म मानने की आजादी नहीं है।
Answer – यह धर्म के आधार पर भेदभाव की मनाही करता है।
9. साम्प्रदायिक राजनीति आधारित होती है ?
क. क्षेत्र पर
ख. धर्म पर
ग. जाति पर
घ. इनमें से कोई नहीं
Answer – धर्म पर
ख. धर्म पर
ग. जाति पर
घ. इनमें से कोई नहीं
Answer – धर्म पर
10. लिच्छवि गणतंत्र भारत के किस राज्य में अवस्थित था ?
क. राजस्थान
ख. बिहार
ग. महाराष्ट्र
घ. त्रिपुरा
Answer – बिहार
ख. बिहार
ग. महाराष्ट्र
घ. त्रिपुरा
Answer – बिहार
11. धर्म को राजनीति से अलग नहीं किया जा सकता, यह किसने कहा था ?
क. जयप्रकाश नारायण
ख. मदन मोहन मालवीय
ग. महात्मा गाँधी
घ. जवाहरलाल नेहरु
Answer – महात्मा गाँधी
ख. मदन मोहन मालवीय
ग. महात्मा गाँधी
घ. जवाहरलाल नेहरु
Answer – महात्मा गाँधी
12. कृषि कार्य में महिलाओं की भागीदारी है ?
क. 50 %
ख. 40%
ग. 20%
घ. 10%
Answer – 40%
ख. 40%
ग. 20%
घ. 10%
Answer – 40%
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