Bihar Board Class 10th Hindi Solutions Chapter 12 मेरे बिना तुम प्रभु Question Answer

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Class 10 Hindi Chapter 12 मेरे बिना तुम प्रभु Book Solution in Hindi Bihar Board

पाठ  – 12
शीर्षक  –  रेनर मारिया रिल्के            
लेखक  –  मेरे बिना तुम प्रभु

1. कवि अपने को जल पात्र और मदिरा क्यों होता है ?
उत्तर – कवि भलीभांति जानता है, कि भक्त भगवान दोनों एक दूसरे के पूरक होते हैं, यह अलग नहीं किए जा सकते हैं ,मदिरापान करने वाला जल पात्र अपने साथ आवश्यक रखता  है, जल पात्र के बिना मदिरापान कैसे किया जा सकता है, ठीक उसी प्रकार भगवान के गुन गाथा भक्त के बिना कैसे गाए जा सकती है, इसी कारण कवि अपने आप को जल पात्र और मदिरा कहता है |

2. आशय स्पष्ट कीजिए मैं तुम्हारा बेस हूं तुम्हारी वृत्ति हूं मुझे खोकर तुम अपना अर्थ खो बैठोगे ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ्य की काव्य खंड मेरे बिन तुम प्रभु शीर्षक से लिया गया है, जिसके लेखक रेनर मारिया जी है, लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं, कि प्रभु मेरे अस्तित्व के बिना तुम्हारा कोई महत्व ही नहीं है, लेखक ईश्वर को बताता है, कि मैं तुम्हारा आधार हूं, तथा पेश  हूं तुम मुझे खो कर अपना आस्तित्व  ही खो बैठोगे |

3. शानदार लबदा किसका गिर जाएगा ? और क्यों ?
उत्तर – कवि शानदार लबादा  गिरने की बात करता है, अगर भगवान भक्तों से गुस्सा कर लेता है, तो भगवान के लिए घातक हो सकती है, विराट सत्य की उपाधि धारण करने वाला भगवान भक्त के कारण ही प्रतिष्ठित है, भक्त भगवान की अनदेखी करने वाले भगवान अपनी सत्ता विमुख हो जाएगी , इसलिए अगर भगवान भक्तों से अलग हो जाए तो उनकी शानदार लब्दा गिर जाएगी |

4. कवि किसको कैसा सुख देता है ?
उत्तर – कवि ईश्वर को विश्राम करने के क्रम में सुख देता था, निराश मन से सुख की खोज में इधर-उधर भटकने वाली दृष्टि में लेखक अपना समस्त सुख समर्पण कर देता था, लेखक यहां भक्तों का प्रतीक है, भक्त ईश्वर के लिए अपना सब कुछ त्यागने में नहीं हिचकते है |

5. कवि को किस बात की आशंका है ? स्पष्ट कीजिए?
उत्तर – कवि को इस बात की आशंका है कि यदि मनुष्य ही नहीं रहेगा, तो ईश्वर का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा, क्योंकि मनुष्य ही प्रकृति के सौंदर्य का वर्णन कर सकता है, इसलिए लेखक का कहना है, कि मनुष्य के बिना यह काम कौन करेगा    |

6. कविता किसके द्वारा संबोधित है ? आप क्या सोचते हैं ?
उत्तर – कविता कवि द्वारा ईश्वर को संबोधित है, मेरे विचार में कवि का कहना बिल्कुल सही है, क्योंकि ईश्वर ने मनुष्य को यह शक्ति प्रदान किया, मनुष्य के अतिरिक्त अन्य किसी जीव को या शक्ति नहीं मिलती है, यदि मनुष्य नहीं रहेगा तो ईश्वर का गुणगान करने वाला कोई नहीं होगा |

7. मनुष्य के नश्वर जीवन की महिमा और गौरव का यह कविता कैसे बखान करती है स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – प्रस्तुत कविता में मनुष्य के नश्वर जीवन की महिमा आवारा गौरव गाथा का बखान किया गया है, इस कविता में जल पात्र मदिरा पादुका और उपमानओं का प्रयोग किया गया है, मनुष्य ही ईश्वर का अस्तित्व कायम रखने में सहयोगी है, यानी मनुष्य के बिना ईश्वर का कोई अस्तित्व नहीं है |

8. कविता के आधार पर भक्त और भगवान के बीच के संबंध पर प्रकाश डालिए ?
उत्तर – भक्त और भगवान के बीच का संबंध है, एक के बिना एक का काम चलने वाला नहीं है ,भगवान की अनुकंपा चाहने वाले भक्त नहीं रहे, तो उनकी कृपा कभी व्यर्थ ही सिद्ध होगी अगर आत्मा ना रहे तो परमात्मा का कोई अस्तित्व नहीं है, इसलिए इन दोनों में अनुनासिक संबंध है |