Bihar Board Class 10th Hindi दही वाली मंगम्मा Subjective

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Class 10 Hindi Chapter 1 दही वाली मंगम्मा Subjective Solution in Hindi Bihar Board

पाठ – 1
शीर्षक – दही वाली मंगम्मा  
लेखक – श्रीनिवास
जन्म – 6 जून 1891 में 

प्रश्न 1. मंगम्मा का अपनी बहू के साथ किस बात को लेकर विवाद था  ?       
उत्तर – मंगम्मा का अपनी बहू के साथ स्वतंत्रता को लेकर विवाद थी, यह सत्य है, कि संसार में सास और बहू में स्वतंत्रता की होड़ लगी रहती है, मां बेटे पर अपना अधिकार जमाना चाहती है, तो मंगम्मा की बहू अपने पति पर अपना अधिकार जमाना चाहती है, मंगम्मा की बहू ने किसी बात को लेकर वह अपने बेटे को खूब पीटी मंगम्मा अपने पोते की पिटाई से दुखी होकर वह अपनी बहू को भला बुरा कह दी, बेटे पर अधिकार को लेकर मंगम्मा और उसकी बहु में विवाद था |

प्रश्न 2.  रंगप्पा कौन था और वह मंगम्मा से क्या चाहता था ?
उत्तर – रंगप्पा शौकीन तबियत रखने वाला एक जुवारी था, वह मंगम्मा से कर्ज लेना चाहता था,, वह भलीभांति जानता था, कि मंगम्मा अपने बहु बेटे से अलग रहती है, और उसके पास पैसे रहते हैं, मां बेटे में कलह के कारण व लाभ उठाना चाहता था |

प्रश्न 3. बहू ने सास को मनाने के लिए कौन सा तरीका अपनाया ?
उत्तर – बहू ने अपने सास को मनाने के लिए अपने बेटे को ढाल बनाकर पैसे लेने की तरकीब सोचने लगी, वह जानती थी, कि उसकी सास अपने पोते से बहुत प्यार करती है, उसने अपने बेटे को दादी के पास ही रहने के लिए भेज दिया, ताकि दादी पोते के प्यार में घुल मिलकर एक साथ हो जाए |

प्रश्न 4. इस कहानी का कथावाचक कौन है ? उसका परिचय दीजिए ?
उत्तर – इस कहानी का कथावाचक लेखक की मां है, कहानी का कथावस्तु लेखक की मां द्वारा बताया गया है, मंगम्मा जब दही बेचने के लिए लेखक के घर आती है, तब लेखक की मां से घनिष्ठ हो जाता है, जब मंगम्मा ने अपने घर की सारी कथा सुनाती है, तब लेखक की मां मंगम्मा को धीरज बांधते हुए समझाती है, कि आदमी को परिस्थिति से नहीं घबराना चाहिए, सब कुछ पहले जैसा ठीक हो जाएगा, इस तरह लेखक की मां समझाने की कोशिश करती है, जिससे पता चलता है, कि लेखक की मां बहुत अच्छे स्वभाव की थी |

प्रश्न 5. मंगामा का चरित्र चित्रण कीजिए ?
उत्तर – मंगम्मा इस कहानी के प्रमुख पात्र है, कहानी की कथावस्तु इसके इर्घ गिर्घ घूमती रहती है, पति के मरने के बाद मंगम्मा कभी या नहीं सोचती थी, कि उसका बेटा पत्नी के कहने पर उसको छोड़ देगा, मंगम्मा दही बेचकर अपनी जीवन यापन करती थी, वह एक भोली भाली भारतीय नारी थी, उसको अपने पोते से बहुत प्रेम था, वह एक दिन के लिए भी अपने पोते से अलग नहीं रहना चाहती है, जिससे स्पष्ट होता है, कि उसके अंदर मातृत्व और प्रेम की भावना थी, मंगम्मा संपूर्ण भारतीय नारी की नेतृत्व करती दिखाई पड़ती है, उसके अंदर प्रेम स्वभाव तथा ममता भरा पड़ा हुआ है |

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