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Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 3 माँ Subjective Question Answer In Hindi Bihar Board,
पाठ – 3
शीर्षक – माँ
लेखक – ईश्वर पेटलीकर
प्रश्न 1. सदस्यों के व्यवहार में जो फर्क है, उसे अपने शब्दों में लिखें ?
उत्तर – मंगू जन्म से पागल और गूंगी बालिका थी, मां के लिए कोई भी कैसा भी संतान हो उसकी प्यार उमड़ ही पड़ती है, मंगू की देखरेख करने वाली मां को अपनी पुत्री एवं ईश्वर से शिकायत नहीं है, कि ममता की प्रतिमूर्ति मां स्वयं अपना सुख भूल कर पुत्री के लिए समर्पित हो जाती है,, वह रातों दिन अपनी पुत्री के बारे में सोचती रहती है,, मंगू के प्रति उनके परिवार के अन्य सदस्यों का व्यवहार कुछ अच्छा नहीं था,, यह लोग मंगू को पागलखाने में रखने का निश्चित करते थे,, मंगू परिवार के अन्य सदस्यों के लिए एक बहुत बड़ी बोझ बन गई थी,, यही फर्क मां और परिवार के अन्य सदस्यों के बीच मंगू के प्रति थी |
प्रश्न 2. मां मांगू को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती करना चाहती थी, विचार करें ?
उत्तर – मां अस्पताल के व्यवस्था से मन ही मन कांप जाती थी, वह लोगों को अस्पताल के लिए गौशालाओं की उपमा देती थी, मंगू बिस्तर पर पाखाना पेशाब कर देती थी, खिलाने पर ही खाती थी, इसलिए मां को लगता था, कि मांगू की सेवा कोई नहीं कर सकता, जब एक मां सेवा नहीं कर सकती, तो अस्पताल वाले क्या करेंगे, इसलिए मां मंगू को अस्पताल में भर्ती नहीं करना चाहती थी |
प्रश्न 3. कुसुम के पागलपन में सुधार देख मांगू के प्रति परिवार और समाज के प्रतिक्रिया को अपने शब्दों में लिखें ?
उत्तर – कुसुम एक पढ़ने लिखने वाली लड़की थी, उसकी मां चल बसी थी, अचानक वह भी पागल की तरह आचरण करने लगती है, कुसुम को अस्पताल में भर्ती की बात सुनकर मां जी को लगा कि यदि उसकी मां जीवित होती तो, अस्पताल में भर्ती ना होने देती, कुसुम अस्पताल में भर्ती करा दी जाती है, वह धीरे धीरे ठीक हो जाती है, ठीक हो जाने के बाद जब वह घर लौटती है, तब उसे देखने के लिए उसके गांव के पूरे लोग जुट जाते हैं, सबसे आगे मां जी भी है, माँ जी सोचती है , कि जब कुसुम ठीक हो सकती है, तू मंगू भी क्यों नहीं ठीक हो सकती, या बात सुनकर मां जी को भी इच्छा हुई, कि मैं भी अपनी मंगू को अस्पताल में जरूर भर्ती कर आऊंगी |
प्रश्न 4. कहानी के शीर्षक की सार्थकता पर विचार करें ?
उत्तर – किसी भी कहानी का शीर्षक धुरी होता है, जिसके इर्दगिर्द कहानी धूमती रहती है, इसमें एक गूंगी पागल मंगू नामक लड़की रहती है, जिसकी सेवा पूरी तन मन के साथ उसकी माँ करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है, की संतान कैसा भी हो पर माता का प्रेम सभी पर बराबर होता है, संतान चाहे जैसा भी हो माता की मातुत्व में कोई कमी नहीं आती है, इससे स्पष्ट होता है, की प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक सही है |
प्रश्न 5. मंगू जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी व्यवहार कुशल है, या संवेदनशील विचार करें ?
उत्तर – मंगू जिस अस्पताल में भर्ती की जाती है, उस अस्पताल के कर्मचारी संवेदनशील है, अस्पताल कर्मियों का काम मरीज के साथ अच्छे से अच्छे व्यवहार करना और सेवा करना है, किंतु इस अस्पताल के कर्मियों में व्यवहार कुशल ही नही संवेदनशील भी है |
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