कक्षा-10 हिंदी भाग 11 | लौटकर आऊंगा फिर| जीवानंद दास | 10th Class Hindi| काव्य-खण्ड| |class 10 Hindi लौटकर आऊंगा फिर| Bihar Board Exam Tayari | Story of luck|लौटकर आऊंगा फिर काव्य-खण्ड|
Class 10 Hindi Chapter 11 लौटकर आऊंगा फिर Subjective Solutions
पाठ – 11
शीर्षक – लौटकर आऊंगा फिर
लेखक – जीवानंद दास
जन्म – 1899
प्रश्न 1. कवि किस जगह बंगाल में एक दिन आने की बात करते है ?
उत्तर – कवि उस जगह एक दिन लौट कर आने की बात करते है, जहाँ खेत खलियान कल कारखाने बहती नदिया यानी प्रकृतिक संपदा से सम्पूर्ण अपनी मात्र भूमि पर एक दिन लौट आने की बात करते है |
प्रश्न 2. कवि अगले जीवन में क्या क्या बनने की संभावना व्यक्त करता है ? और क्यों ?
उत्तर – कवि अगले जन्म में मनुष्य कोयल, कौआ, तथा हंस बनने की संभावना प्रकट करता है , कवि की ऐसी इच्छा इसलिए है, क्योंकि मनुष्य बनने पर धान की लहलहाती फसल के सौंदर्य का वर्णन करे, बंगाल की प्रसंसा करेगा, कोयल बनकर और अपनी मधुर आवाज से वातावरण को मधुमेह बना देगा, तथा कौआ बनकर कांव-कांव की आवाज से लोगों को जगा कर कर्म पथ पर आगे बढ़ने को प्रेरित करता है, तथा हंस न्याय अन्याय में भेद कराना सिखाता है |
प्रश्न 3. अगले जन्म में बंगाल में आने की क्या सिर्फ कवि की इच्छा है ? और स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – कविता के आधार पर इस नश्वर जीवन में एक बार फिर आने की लालसा मातृभूमि के प्रति लेखक के प्रेम की एक भावना प्रकट होती है, जिससे यह स्पष्ट होता है, कि लेखक की इच्छा सिर्फ बंगाल में आने की है, क्योंकि वहां उसकी मातृभूमि है |
प्रश्न 4. कवि किन के बीच अंधेरे में होने की बात करता है ? आशय स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – कवि जीवानंद दास ने अंधेरे में सारस पक्षी के समान बादलों के बीच होने की बात करता है, कवि के कहने का आशय है, कि जिस प्रकार सारस अभी रूप होने के कारण अपनी संगिनी से अलग रहने पर रात के धने अंधेरे में ढूंढने के लिए व्याकुल रहता है , उसी प्रकार कवि अपने कर्म की चिंता में व्याकुल रात के अंधेरे में हसीन कलापना में मग्न रहने की बात करता है |
प्रश्न 5. कवि की चित्रात्मकता पर प्रकाश डालिए ?
उत्तर – प्रस्तुत कविता में लेखक ने धान की खेती बहती नदी, कोयल हंस कौवा उल्लू सारस ,तथा किशोरी के पैरों में लाल घुंगरू के माध्यम से बंगाल, की प्रकृति एवं संस्कृति संपदा की ओर ध्यान आकर्षित किया है, लेखक ने इन्हीं विशेषताओं को विभिन्न रूप उपमानो के माध्यम से चित्रित करके मातृभूमि के प्रति अपना अटूट प्रेम प्रकट किया है |
प्रश्न 6. कविता में आए बिंबो का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – कवि ने कृषि की प्रधानता के लिए धान के खेती तथा बहती नदी का वर्णन किया है, तो प्राकृतिक संपदा की संपन्नता और स्पष्ट करने के लिए कोयल का उदाहरण देते हैं, इसी प्रकार कौवा के माध्यम से सुबह की किशोरी के माध्यम से संस्कृति, की तथा उल्लू के माध्यम से अशिक्षित जनता की नाव चलाते लड़के के माध्यम, से कवियों की तथा सारस के माध्यम से देश प्रेम की भावना प्रकट होती है |
प्रश्न 7. कविता के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर – कविता का मुख्य उद्देश्य मातृभूमि के प्रति कवि का उत्कृष्ट प्रेम प्रकट करना है, कवि ने विभिन्न बिंबो उपमानओं के माध्यम से अपनी मातृभूमि तथा परिवेश के साथ अपना संबंध स्थापित करने का प्रयास किया है, लौट कर आऊंगा फिर कहने से यह स्पष्ट होता है, कि कवि अपनी मृत्यु के बाद फिर बंगाल में ही जन्म लेंगे, और रुप मिले शरीर के अनुकूल देश के प्रति अपने प्रेम प्रकट करेंगे |
प्रश्न 8. कवि अगले जन्म में अपने मनुष्य होने में क्या संदेह करता है ? क्या कारण हो सकता है ?
उत्तर – कवि अगले जन्म में अपने मनुष्य होने पर इसलिए संदेह करता है, क्योंकि पुनर्जन्म भारतीय मान्यता के अनुसार 84 लाख योनी के बाद अंत में मनुष्य का शरीर मिलता है, ताकि मनुष्य अपने इच्छा कर्मो से जन्म मरण के चक्कर से छुट्टी पा लेता है, पूर्ण जीवन मरने के चक्कर में पड़ता है, लेकिन पुनर्जन्म लेने की लालसा प्रकट करता है, इसलिए उसे मनुष्य होने में समय लगता है |
प्रश्न 9. व्याख्या करें ?
(क) बनकर शायद हंस में किसी किशोरी का घुंगरू लाल पैरों में तैरता रहूंगा बस दिन दिन भर पानी में गांधी जहां होगी ही भरी घास की ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारी पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठ्य की काव्य खंड में लौट कर आऊंगा फिर शीर्षक से लिया गया है, जिसके लेखक जीवानंद दास जी है, लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं, कि भले ही हम को हंस बनना पड़ेगा , किशोरी के घुंघरू के रूप में रहना पड़े, तो भी मुझे मंजूर है, मगर उससे नहीं होगा तो मैं हंस बनकर दिन भर पानी में तैरने के लिए तैयार हूं, परंतु अगर मेरा पुनर्जन्म हो तो बंगाल की धरती पर ही हो |
ख. कवि कहाँ एक दिन लौटकर आने की बात करते है ?
उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्य पुस्तक हिंदी पाठक की काव्य खंड में लौट कर आऊंगा फिर शीर्षक से लिया गया है जिसके लेखक जीवानंद जी है लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि अगर मेरा पुनर्जन्म होता है तो वहां हो जहां धान के खेत हो तथा जहां पर नदिया बहती ही हो उसी के किनारे बंगाल में कवि पुनः लौटना चाहते हैं |
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