bihar board class 10th civics notes - लोकतंत्र की उपलब्धियाँ/Bihar Board Class 10 Political Science लोकतंत्र की उपलब्धियाँ/लोकतंत्र की उपलब्धियां/Class 10th Civics ( लोकतंत्र की उपलब्धियाँ ) Subjective Question/Bihar board class 10th political science ka Subjective
Bihar Board Class 10th Political Science Chapter 4 लोकतंत्र की उपलब्धियाँ Subjective
पाठ - 4 : लोकतंत्र की उपलब्धियाँ
प्रश्न 1.
भारतीय लोकतंत्र कितना विफल है ?
उतर -
आज की दुनिया में लगभग 100 देशों में लोकतंत्र किसी ना किसी रूप में विद्यमान है लोकतंत्र का लगातार प्रयास एवं उसे मिलने वाला जन्समर्थन यह साबित करता है कि लोकतंत्र अन्य सभी शासन व्यवस्थाओं से बेहतर है भारतीय लोकतंत्र दुनिया की सबसे अच्छी लोकतंत्र है यहां पर विभिन्न प्रकार के धर्म जाति एवं समुदाय के लोग रहते हैं फिर भी यहां को अनेकता में एकता है सभी धर्मों के लोग सत्ता में समान रूप से भागीदारी निभाते हैं और भारतीय शासन व्यवस्था अच्छी तरीकों से चलती है जिससे स्पष्ट होता है कि यहां पर किसी प्रकार की तानाशाही सरकार नहीं है स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भारतीय लोकतंत्र लगभग विफल नहीं सफल है |
आज की दुनिया में लगभग 100 देशों में लोकतंत्र किसी ना किसी रूप में विद्यमान है लोकतंत्र का लगातार प्रयास एवं उसे मिलने वाला जन्समर्थन यह साबित करता है कि लोकतंत्र अन्य सभी शासन व्यवस्थाओं से बेहतर है भारतीय लोकतंत्र दुनिया की सबसे अच्छी लोकतंत्र है यहां पर विभिन्न प्रकार के धर्म जाति एवं समुदाय के लोग रहते हैं फिर भी यहां को अनेकता में एकता है सभी धर्मों के लोग सत्ता में समान रूप से भागीदारी निभाते हैं और भारतीय शासन व्यवस्था अच्छी तरीकों से चलती है जिससे स्पष्ट होता है कि यहां पर किसी प्रकार की तानाशाही सरकार नहीं है स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भारतीय लोकतंत्र लगभग विफल नहीं सफल है |
प्रश्न 2.
लोकतंत्र किस तरह उत्तरदाई एवं वैध सरकार गठन करता है ?
उतर -
लोकतंत्र जनता की सरकार होती है जिसमें सरकार हमेशा जनता के कल्याणकारी कार्यों को पूरा करने के लिए जिम्मेवारी होती है जनता की हमेशा चुनी हुई सरकार जाति धर्म संप्रदाय क्षेत्र तथा लिंग के आधार पर लोगों की इच्छाओं को एक साथ पूरा नहीं कर सकती फिर भी सरकार वही काम करती है जो संविधान के अनुसार गैरकानूनी ना हो तथा उस कार्य का परिणाम जनहित में दिखाई दे रहा है इस तरह के लोकतंत्र में हमेशा उत्तरदाई एवं वैध सरकार का गठन होता है जो जनता द्वारा चुनी गई होती है इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्था थोड़ी-बहुत कमियों के बावजूद एक सर्वोत्तम शासन व्यवस्था है यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है और सभी देश अपने को लोकतांत्रिक गर्व का अनुभव करते हैं |
लोकतंत्र जनता की सरकार होती है जिसमें सरकार हमेशा जनता के कल्याणकारी कार्यों को पूरा करने के लिए जिम्मेवारी होती है जनता की हमेशा चुनी हुई सरकार जाति धर्म संप्रदाय क्षेत्र तथा लिंग के आधार पर लोगों की इच्छाओं को एक साथ पूरा नहीं कर सकती फिर भी सरकार वही काम करती है जो संविधान के अनुसार गैरकानूनी ना हो तथा उस कार्य का परिणाम जनहित में दिखाई दे रहा है इस तरह के लोकतंत्र में हमेशा उत्तरदाई एवं वैध सरकार का गठन होता है जो जनता द्वारा चुनी गई होती है इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्था थोड़ी-बहुत कमियों के बावजूद एक सर्वोत्तम शासन व्यवस्था है यही कारण है कि आज पूरी दुनिया में लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है और सभी देश अपने को लोकतांत्रिक गर्व का अनुभव करते हैं |
प्रश्न 3.
लोकतंत्र किस प्रकार आर्थिक समृद्धि एवं विकास में सहायक बनता है ?
उतर -
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था वैध एवं जनता के प्रति उत्तरदाई होती है लोकतंत्र में आर्थिक खुशहाली होती है और विकास की दृष्टि से भी अग्रणी होती है क्योंकि लोकतंत्र जनता की सरकार होती है और उसमें अच्छी सरकार के गठन होती है और अच्छी सरकार का गठन हो तो आर्थिक समृद्धि निश्चित होगा अगर आर्थिक समृद्धि होगा तो आर्थिक विकास निश्चित ही होगा |
लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था वैध एवं जनता के प्रति उत्तरदाई होती है लोकतंत्र में आर्थिक खुशहाली होती है और विकास की दृष्टि से भी अग्रणी होती है क्योंकि लोकतंत्र जनता की सरकार होती है और उसमें अच्छी सरकार के गठन होती है और अच्छी सरकार का गठन हो तो आर्थिक समृद्धि निश्चित होगा अगर आर्थिक समृद्धि होगा तो आर्थिक विकास निश्चित ही होगा |
प्रश्न 4.
लोकतांत्रिक इन परिस्थितियों में सामाजिक विषमताओं को बांटने में मददगार होता है और सामंजस्य के वातावरण का निर्माण करता है ?
उतर -
लोकतंत्र में जाति धर्म भाषा लिंग संप्रदाय की दृष्टि से विभिन्नताओ का शासन कहलाता है जिसमें उपरोक्त सभी वर्ग का मिश्रण होता है इस मिश्रण के बीच कभी कभी सामाजिक विभिन्नताओं का उत्पन्न हो जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं कही जा सकती है जहां सामाजिक विषमता उत्पन्न होती है वहां लोकतंत्र में सामंजस्य की भावना हमेशा प्रबल होती है लोगों के संवाददाता असहयोग का मार्ग कभी बंद नहीं होता है किसी भी विषम परिस्थिति के बाद देखा जाता है कि सार्वजनिक कार्य उत्साह एवं समारोह के समय सभी वर्गों के लोग आपसी मतभेद को भुलाकर एक तृप्त हो जाते हैं बातचीत के द्वारा सभी समस्याओं का समाधान कर लिया जाता है इसलिए लोकतंत्र में सामाजिक विषमता के बीच सामंजस्य का वातावरण हमेशा बना रहता है |
लोकतंत्र में जाति धर्म भाषा लिंग संप्रदाय की दृष्टि से विभिन्नताओ का शासन कहलाता है जिसमें उपरोक्त सभी वर्ग का मिश्रण होता है इस मिश्रण के बीच कभी कभी सामाजिक विभिन्नताओं का उत्पन्न हो जाना कोई आश्चर्य की बात नहीं कही जा सकती है जहां सामाजिक विषमता उत्पन्न होती है वहां लोकतंत्र में सामंजस्य की भावना हमेशा प्रबल होती है लोगों के संवाददाता असहयोग का मार्ग कभी बंद नहीं होता है किसी भी विषम परिस्थिति के बाद देखा जाता है कि सार्वजनिक कार्य उत्साह एवं समारोह के समय सभी वर्गों के लोग आपसी मतभेद को भुलाकर एक तृप्त हो जाते हैं बातचीत के द्वारा सभी समस्याओं का समाधान कर लिया जाता है इसलिए लोकतंत्र में सामाजिक विषमता के बीच सामंजस्य का वातावरण हमेशा बना रहता है |
प्रश्न 5.
भारतवर्ष में लोकतंत्र कैसी सफल हो सकता है मुख्यत: दो बातों को लिखें ?
उतर -
भारतवर्ष में लोकतंत्र की सफलता निम्न दो बातों पर निर्भर करती है जो इस प्रकार से है -
भारतवर्ष में लोकतंत्र की सफलता निम्न दो बातों पर निर्भर करती है जो इस प्रकार से है -
क. विश्वास :- किसी भी शासन की सफलता और विफलता उस देश के नागरिकों के विश्वास और अविश्वास पर निर्भर करता है भारतीय लोकतंत्र के साथ भी यही शर्त लागू होता है उस देश की जनता लोकतंत्र में जितना ही विश्वास रखेंगी लोकतंत्र उतना ही सफल होगा |
ख. आंतरिक लोकतंत्र :- लोकतंत्र की सफलता के लिए देशवासियों को लोकतांत्रिक विचारधारा अपनाना होगा हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि किसी भी समस्या का निदान बातचीत के माध्यम से ही किया जाए ना कि हिंसा और झगड़ा का सहारा लिया जाए क्योंकि लोकतंत्र में हिंसा और झगड़ा का कोई स्थान नहीं है यह सिद्धांत को यदि आपना लिया जाए तो लोकतंत्र की सफलता में कोई संकोच नहीं किया जा सकता |
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- पाठ -2 संघवाद ⇦
- पाठ -3 लोकतान्त्रिक और विविधता ⇦
- पाठ -4 जाती, धर्म और लैंगिक मसले ⇦
- पाठ -5 जन-संघर्ष और आन्दोलन ⇦
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