Bihar Board Class 10 Science Solutions मानव नेत्र,

bihar board class 10 science objective question, bihar board 10th class science book pdf, 10th Science मानव नेत्र chapter 3|class 10 NCERT science मानव नेत्र|Bihar Board science मानव नेत्र 10th class|मानव नेत्र MCQ Subjective Objective, Class 10th Chemistry Solutions Chapter 3 मानव नेत्र, Class 10th Chemistry Solutions मानव नेत्र Subjective, Class 10th Chemistry मानव नेत्र Subjective, Class 10th science मानव नेत्र question answer,

Bihar Board Class 10th Chemistry Solutions Chapter 3 मानव नेत्र Subjective,

अध्याय – 3 मानव नेत्र

प्रश्न 1. मानव नेत्र किसे कहते है ?
उत्तर – मानव नेत्र मनुष्य के एक प्रमुख अंग है जिसके सहारे किसी वस्तु को देखते है | यह एक प्रकाशित यंत्र है | यह प्रायः लगभग गोलकार होता है | नेत्र की सबसे बाहरी भाग सफेद एवं कड़ा होता है | जिसे श्वेत पटल कहते है | श्वेत पटल के सामने के 3 भरी हुई भाग मेंपारदर्शी झिल्ली होता है | जिसे कॉर्निया कहते है | इसके पीछे एक पतला छिद्र होता है | जिसे प्रितारिक कहते है | यह भिन्न – भिन्न होता है | आइरिस के मध्य भाग में एक छोटा सा गोलकार छिद्र होता है | जिसे पुतली कहते है | पुतली के निचे पारदर्शी तथा मिलाय्म पदार्थ का बना होता है | जो उत्तल के आकर का होता है | कॉर्निया तथा नेत्र लेंस के बिच कुछ जलीय द्रव होता है | आंसू इसी द्रव से बनते है | नेत्र के सबसे बाहरी भाग को रेटिना कहते है | जिसपर किसी भी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनता है | रेटिना के मध्य भाग उठा हुआ भाग होता है | जिसे पिट बिंदु कहते है |  (चित्र उपलब्ध नहीं है )


प्रश्न 2. मानव नेत्र के समंजन क्षामता से क्या समझते है ?
उत्तर – मानव नेत्र में एक वैसी क्षमता होती है जिसे विभिन्न दुरी पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर बनता है | एवं वस्तु स्पष्ट रूप से दिखाई देता है | नेत्र की इसी क्षामता को ही समंजन क्षामता कहते है |

प्रश्न 3. स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दुरी क्या है ?
उत्तर – वह न्यूनतम दुरी जिसपर रखी गई वस्तु को समान आँख द्वारा आसानी से देखा जाता है | जिसे स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दुरी कहते है | यह समान आँख के लिए 25cm होती है |

प्रश्न 4. दुरी बिंदु क्या है ?
उत्तर – आँख से दूर का वह बिंदु जहाँ पर रखी वस्तु स्पष्ट रूप से देखि जा सके , उस बिंदु को दूर बिंदु कहते है | समान आँख के लिए दूर बिंदु अनंत होती है |


प्रश्न 5. दृष्टि परास से क्या समझते है ?
उत्तर – दृष्टि परास :- दूर बिंदु और निकट बिंदु के बिच की दुरी को दृष्टि परास कहते है |

प्रश्न 6. निकट बिंदु से क्या समझते है ?
उत्तर – निकट बिंदु :- आँख का सबसे निकट का वह बिंदु जहाँ पर रखी हुई वस्तुएं स्पष्ट से दिखाई देती है | उसे निकट बिंदु कहते है | समान आँख के लिए निकट बिंदु 25cmहोती है |

प्रश्न 7. दृष्टि दोष से क्या समझते है ?
उत्तर – दृष्टि दोष :- किसी कारण वश की मानव नेत्र में किसी प्रकार की बिमारी हो जाने पर नेत्र लेंस द्वारा किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना पर नहीं बन पाता है | जिसके कारण वस्तु साफ़ – साफ़ नहीं दिखाई पड़ती है | इसी दोष को ही दृष्टि दोष कहते है |

प्रश्न 8. दृष्टि दोष कितने प्रकार के होते है ? प्रत्येक का वर्णन करे ?
उत्तर – दृष्टि दोष चार प्रकार के होते है जो इस प्रकार से है :-
क.   निकट दृष्टि दोष :- इस दृष्टि दोष में निकट की वस्तु साफ़ –साफ़ दिखाई देती है लेकिन दूर की वस्तु साफ़ – साफ़ दिखाई नहीं देता है | इसी दृष्टि दोष को निकट दृष्टि दोष कहते है |
कारण :- नेत्र लेंस की फोकस दुरी कम हो जाने पर उसकी क्षमता बढ़ जाती है | जिसके कारण नेत्र लेंस किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना के आगे बना देता है | इसलिए वस्तु साफ़ – साफ़ दिखाई नहीं देती है |
उपचार :- इस दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस वाले चश्मे का उपयोग किया जाता है |

ख.  दीर्घ / दूर दृष्टि दोष :- इस दृष्टि दोष में दूर का वस्तु साफ़ –साफ़ दिखाई देती है लेकिन निकट का वस्तु साफ़ दिखाई नहीं देती है | इसी दोष को ही दूर दृष्टि दोष कहते है |
कारण :- नेत्र लेंस की फोकस दुरी बढ़ जाती है | जिसके कारण उसकी क्षमता घट जाती है | नेत्र लेंस किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब रेटिना के पीछे बन जाता है | इसलिए वस्तु साफ़ – साफ़ दिखाई नहीं देती है |
उपचार :- इस दृशी दोष को दूर करने के लिए उत्तम लेंस वाले चश्मे का उपयोग किया जाता है |

ग. जारा दृष्टि दोष :- यह दोध बुढापे में होता है | ऐसे दोष जिसमे न दूर की वस्तुएं साफ़ – साफ़ दिखाई देता है | और नाही नजदीक के वस्तुएं साफ़ – साफ़ दिखाई देती है | ऐसे दोष को ही जारा दृष्टि दोष कहते है |
कारण :- नेत्र लेंस की लोच काफी कम हो जाती है | जिससे यह दोष पाया जाता है |
उपचार :- इसी दृष्टि दोष को दूर करने के लिए बाई फोकस लेंस का उपभोग किया जाता है | जिसमे अवतल एवं उत्तल दोनों लेंस लगा रहता है |

घ. अबिन्दुकता :- यह दोष दुरी से सम्बन्धित नहीं है | इसमें एक ही वस्तु को बिंदु के रूप में होने पर यह रैखिक बेलनाकार वृताकार या दुसरे आकार का दिखाई देता है |
कारण :- यह दोष कॉर्निया के गोल न होने के कारण उत्पन्न होता है |
उपचार :- इस दोष को दूर करने के लिए गोलिये बेलनाकार लेंस का उपयोग किया जाता है |


प्रश्न 9. वर्ण – विक्षेपण से क्या समझते है ?
उत्तर वर्ण विक्षेपण :- जब श्वेत प्रकाश की किरने कीसी प्रिज्म पर आपतित होती है | तथा वह परावर्तन के बाद सात रंगो में आभा विखेरती है | इसी घटना को ही वर्ण – विक्षेपण कहते है | इसे वर्ण पट और स्पेक्ट्रम कहते है | इसे सक्षेप में बैजा नहीं पिनाला से दर्शाया जाता है |

प्रश्न 10. दृष्टि के लिए हमारे दो नेत्र है एक ही कई नहीं ?
उत्तर एक नेत्र के बजाय दो नेत्र होने से अनेक लाभ है | इससे हमारा दृष्टि क्षेत्र विस्तृत हो जाता है | मानव का एक नेत्र जो क्षितिज दृष्टि से लगभग 150 होता है | जबकि दो नेत्रों की दृष्टि क्षेत्र 180 हो जाता है | जिससे किसी वस्तु को देखने में सहूलियत मिलती है |

प्रश्न 11. न्यूटन के डिस्क या वर्ण – चक्र द्वारा आप अकिसे दिखाएंगे की सूर्य के प्रकाश में सात रंग होते है ? (चित्र उपलब्ध नहीं है )
उत्तर न्यूटन नए एक प्रयोग द्वारा यह सावित किया है की सूर्य के प्रकाश में सात रंग होता है | इसको दिखने के लिए एक घातु का डिस्क लेते है | जिसके त्रिज्यखंड साथ भगो में बंटे हुए है | प्रत्येक भाग पर श्वेत प्रकाश में उपस्थित रंगो की मात्रा के अनुपात में रंग देते है | उसके बाद डिस्क को धीमी  गति घुमाते है | तो सात रंगों का प्रभाव हमारे आँखों में एक बार पड़ता है | अतः डिस्क श्वेत रंगों में दिखाई देने लगती है | इस प्रकार हम पाते है की श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण होता है |


प्रश्न 12. खतरे का संकेत लाल क्यों होता है ?
उत्तर रेल के प्रकीर्णन  नियम से हम जानते है की जिस रंग के प्रकाश का तरंग धर्य  जितना ही अधिक होता है | चुकी लाल – रंग के प्रकाश के तरंग धर्य  सबसे अधिक होता है | इसलिए लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है | अर्थात लम्बी दुरी पर दिखने वाली रंगो में लाल रंग i उपयोगी हो सकती है | क्योकि एनी सभी रंग में शिग्र ही प्रकीर्णन होता है | इसलिए खतरे का संकेत लाल होता है |

प्रश्न 13. वायुमंडलीय अपवर्तन से क्या समझते है ?
उत्तर जब सूर्य के प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडलीय में प्रवेश करती है तो वह बिरल माध्यम से सघन माध्यम में जाती है | अर्थात प्रकाश का अपवर्तन होता है | वायु मंडल से घटने वाली इस घटना को वायुमंडलीय अपवर्तन कहते है | वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण ही तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते है |

प्रश्न 14. रात में तारे क्यों टिमटिमाते हुए नजर आते है ?
उत्तर रात में तारे टिमटिमाते हुए इसलिए नजर आते है क्योकि वायुमंडलीय अपवर्तन  के कारण जब तरो से निकलने वाला प्रकाश बढ़ता है तो तारा चमकीला नजर आता है | लेकिन वही तारो का प्रकाश घटता है तो तारा धुंधला दिखाई देता है | इसे बार – बार तारो का चमकना एवं धुंधला दिखाई देने के कारण ही रात में तारे टिमटिमाते हुए नजर आते है |


प्रश्न 15. इन्द्रधनुष क्या है ?
उत्तर इन्द्र्धनुध एक प्रकृति घटना है जो प्रकाश के वर्ण – विक्षेपण के कारण होता है | बरसात के दिनों में आसमान में स्पेक्ट्रम के सभी रंग की एक रंगीन चाप दिखाई देती है | इस रंगीन चाप को ही इन्द्रधनुष कहते है |

प्रश्न 16. इन्द्रधनुष कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर इन्द्र्धनुष दो प्रकार के होते है जो इस प्रकार से है –
क.   प्राथमिक इंद्रधनुष :- प्रथामिक इंद्र धनुष के बाहरी किनारे पर लाल रंग तथा आंतरिक किनारे पर बैगनी रंग होता है | तथा ज्यादा देर तक रहता है |
ख.  द्रितियक इंद्रधनुष :- द्रितियक इन्द्रधनुष के बाहरी तथा आंतरिक किनारे पर लाल रंग होता है | तथा ज्यादा देर तक नहीं रहता है |

प्रश्न 17. आग के ऊपर झिलमिलाहट क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर आग के नजदीक का वायु आपने ऊपर में अधिक गर्म होता है | अतः आग के नजदीक याला गर्म वायु दूर वाले वायु से हल्की होती है | टाप परिवर्तन के कारण वायु का अपवर्तनांक स्थायी नहीं होता है | तथा गर्म वायु से होकर वस्तु को देखने पर अपवर्तक के कारण वस्तु की आभासी स्थिति में परिवर्तन होती है | यही कारण है की आग के ऊपर झिलमिलाहट सी दिखाई देती है |


प्रश्न 18. ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते है ?
उत्तर तारो की तुलना में यह पृथ्वी के काफी नजदीक है | इसलिए तारो की अपेक्षा यह बहुत बड़ा दिखाई देते है | जिसके कारण ग्रह से प्राप्त होने वाली तीव्रता अधिक होती है | यदि ग्रह को बिंदु के आकर का अनेक प्रकाश स्रोत का संग्रह लिया जाए तो सभी प्रकाश स्रोतों से हमारे आँखों में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा में कुचल परिवर्तन का संचित माँ शून्य होता है | यही कारण है की ग्रह नहीं टिमटिमाते है |

प्रश्न 19. बादल का रंग सफेद क्यों होता है ?
उत्तर बादल में जल के बड़े – बड़े बुँदे होते है | प्रकाश का प्रकीर्णन कर्णो के आधार पर निर्भर करता है | बादल के बड़े – बड़े जल के बुँदे द्वारा सभी रंगो का प्रकाश प्रकीर्णन समान रूप से होता है | इसलिए बादल हमे सफेद दिखाई देता है |

प्रश्न 20. अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है क्यों ?
उत्तर अन्तरिक्ष में कोई कण उपस्थित नहीं है | अर्थात वहां कोई वायुमंडल नहीं है | इसलिए वहां प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है | प्रकीर्णन नहीं होने के कारण आकाश कला दिखाई देता है |

प्रश्न 21. टिंडल प्रभाव क्या है ?
उत्तर किसी कोलाइड विलयन द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के घटना पारदर्शित करने वाले प्रभाव को ही टिंडल प्रभाव कहते है |


प्रश्न 22. कोलाइड क्या है ?
उत्तर किसी माध्यम में छोटे – छोटे कर्णो के निलम्बन कोण को ही कोलाइड कहते है |

प्रश्न 23. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय क्षितिज पर सूर्य चिपटा नजर आता है क्यों ?
उत्तर सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय क्षितिज पर सूर्य वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण चिपटा नजर आता है |

प्रश्न 24. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूरज लाल क्यों दिखाई देता है ?
उत्तर सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूरज पृथ्वी से काफी दुरी पर स्थित रहता है | ऐसी स्थित में सूर्य से निकलने वाली प्रकाश को वायुमंडल में लम्बी दुरी तय करनी पड़ती है | जिससे की कम तरंग धर्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल में उपस्थित कर्णो द्वारा प्रकीर्णन हो जाता है | तथा सबसे अधिक तरंग धर्य वाले प्रकाश यानी लाल रंग ही पृथ्वी तक पहुंच पाता है | इसलिए सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूरज का प्रकाश लाल दिखाई देता है |